धर्मशाला: कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली ने सरकार पर हमला बोला है. धर्मशाला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जीएस बाली ने कहा कि किसान सम्मान निधि के तहत केंद्र सरकार ने बिना गाइडलाइन के बहुत से लोगों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं.
किसानों ने कभी 2-2 हजार रुपये की मांग नहीं की
जीएस एस बाली ने कहा कि किसानों ने कभी 2-2 हजार रुपये की मांग नहीं की थी. जब भी कोई इलेक्शन आता है तो सरकार नया जुमला छेड़ देती है. इस स्कीम के कारण वोटों को कन्वर्ट करने में भाजपा कामयाब हुई. अब गाइडलाइन जारी करके रिकवरी की प्रक्रिया जारी कर दी. यह एक गैर जिमेदारना फैसला सरकार का था. अब उनसे पैसों की रिकवरी की चर्चा है. यह सरकार का सच दिखाती है.
जल्दबाजी में लागू किया गया फैसला
पूर्व मंत्री ने कहा सरकार ने जल्दबाजी में इसे लागू किया और उसमें मंशा राजनीतिक लाभ लेने की रही होगी. इसी तरह नया से नया जुमला सामने आता है. आज किसान करीब 3 सप्ताह से सड़कों पर बैठे हैं. सरकार किसानों की मांगों को अच्छी तरह सुनने के बजाए, उन्हें बांटने का प्रयास किया जा रहा है. किसान की कोई जाति नहीं है. आज पूरे देश का किसान अपने प्रोडक्ट का दाम मांग रहा है.
सरकार मनमर्जी के फैसले ले रही है
जीएस बाली ने कहा कि आज देश मे पॉलिसी बना दी जाती है और लोगों पर थोप दी जाती है. अब समय आ गया है कि किसानों के साथ बैठ कर चर्चा की जाए, नहीं तो वह दिन दूर नहीं की उनके साथ हम भी खड़े होंगे. बाली ने कहा कि सरकार मनमर्जी के फैसले ले रही है.
प्रदेश मंत्रिमंडल के फैसले पर सरकार को घेरा
वहीं, प्रदेश मंत्रिमंडल में हुए निर्णय को लेकर उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों में 50 लोगों को अनुमति मिल गई है लेकिन लोगों को क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर पाबंदी होगी. कोरोना संकट में भी सरकार के इंतजाम नाकाफी रहे जिससे कई मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा. हिमाचल कोरोना से डेथ रेट में देश भर में अव्वल है. फिर भी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है.
पंचायत चुनाव रोस्टर पर जताई आपत्ति
वहीं, पंचायत चुनाव रोस्टर पर भी पूर्व मंत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे छेड़खानी की गई है, जो मंजूर नहीं है. अगर इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो कांग्रेस पार्टी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मजूबर होगी.