पालमपुर: शहीदों की प्रतिमाओं के जीर्णोद्धार और लगाने के लिए शहीद परिवारों से लिये गये पैसे को वापस करने पर एक संस्था ने इस तरह किया उप मंडल अधिकारी (नागरिक) पालमपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया. संस्था ने इस विषय को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के ध्यानार्थ उस वक्त लाया जब उन्होंने पालमपुर शहर के बीच स्थापित देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा की बेहद खस्ता हालत को देखकर अपने खाते से एक लाख रुपये उपमंडल अधिकारी नागरिक पालमपुर को दिए और कहा कि इस प्रतिमा के संवारने में अगर यह राशि कम पड़ जाए तो वह और भी देंगे.
इसी दौरान संस्था के प्रतिनिधियों ने शांता कुमार से कहा कि जिस दल के पंडित नेहरू नेता थे उन्होंने तो कभी इस प्रतिमा की दयनीय स्थिति की ओर ध्यान नहीं दिया. इस पर शांता कुमार ने कहा कि पार्टियों की दीवारों के आगे लोकतंत्र रुपी सरकार का मंदिर बहुत ऊंचा होता है और वैसे भी पंडित जवाहरलाल नेहरु हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री हैं. जब शांता कुमार को संस्था के सदस्यों ने बताया कि इसी तरह पालमपुर पीडबल्यूडी रेस्ट हाउस के साथ भी कारगिल युद्ध के हीरो एवं पालमपुर के महान सपूत अमर शहीद परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की भी प्रतिमा की जर्जर हालत को देखकर उनके माता पिता ने भारी रोष प्रकट किया था. इसके साथ ही उनके माता-पिता ने प्रतिमा के जीर्णोद्धार के लिए एक लाख रुपये पालमपुर प्रशासन के पास भी जमा करवाए थे.
इतना ही नहीं प्रतिनिधियों ने इस दौरान कहा कि चचियां पंचायत के भी वीर योद्धा संजय शर्मा छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक नक्सलवादी हमले में शहीद हो गये थे. उस वक्त आपने उनके घर जाकर संवेदना व्यक्त करते हुए स्थानीय पंचायत के आग्रह पर भरथडी श्मशान घाट को प्रस्तावित संजय घाट के नाम पर सांसद निधि से पांच लाख दिए थे. प्रतिनिधियों ने कहा कि यहां भी शहीद संजय शर्मा की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए उनके परिजमों ने भी उप मंडल अधिकारी के पास एक लाख रुपए जमा करवाया है. इन बातों को सुनते ही शांता कुमार कहा कि प्रतिमाओं के जीर्णोद्धार एवं लगाने के लिए शहीदों के परिवारों से पैसा लेने की घटना शर्मनाक है.
शांता कुमार ने कहा कि शहीदों के बलिदान की कीमत कोई नहीं चुका सकता. इसी के साथ शांता कुमार के हस्तक्षेप से प्रशासन ने इन शहीद परिवारों से प्रतिमाओं को लगाने के लिए जो पैसा लिए थे उसे वापस कर दिया.
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