धर्मशालाः प्रदेश वन निगम बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 108 वीं बैठक का आयोजन सोमवार को धर्मशाला में किया गया. बैठक अध्यक्षता वन मंत्री राकेश पठानिया ने की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहली बार शिमला से बाहर धर्मशाला में बैठक का आयोजन किया गया है.
उन्होंने कहा कि इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. पठानिया ने कहा कि कारपोरेशन की आय को एड ऑन के साथ कैसे बढ़ाया जाएं इस पर चर्चा की गई है. पठानिया ने कहा कि प्रदेश में माइनिंग की जितनी भी लीज हैं, जिनमें फॉरेस्ट शामिल हैं. उनको एग्जामिन किया जाएगा, जिसके लिए वन निगम के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है.
उन्होंने कहा कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि लकड़ी के साथ कैसे प्रॉडक्ट एड ऑन किए जा सकते हैं, जो भी एड ऑन प्रॉडक्ट हैं, उन्हें फॉरेस्ट कारपोरेशन तैयार करे और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट उसे लगाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि आपस में समन्वय स्थापित करके यह प्रयास करें कि किस तरह से फॉरेस्ट कारपोरेशन की आय को बढ़ाया जा सके.
उन्होंने कहा कि दो प्रोसेसिंग यूनिट वन विभाग ने नूरपुर व नाचन में लगाने का निर्णय लिया है और वहां शोरूम भी बनाए जाएंगे. फॉरेस्ट की जो हजारों हैक्टेयर भूमि जो खाली पड़ी है, जहां पेड़ नहीं हैं और वहां, विभाग को आसपास ग्रिड मिल जाएं तो ऐसी जगहों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बेचने का भी प्रयास करेंगे. साथ ही उससे होने वाली आय सोसायटी और कारपोरेशन के खाते में 50-50 के अनुपात में आएगी.
पठानिया ने कहा कि फॉरेस्ट कारपोरेशन इसे एग्जीक्यूट करेगी और हिमऊर्जा को साथ में जोड़ा जाएगा. इसके माध्यम से फॉरेस्ट कारपोरेशन व डिपार्टमेंट के लिए अच्छी राशि जुटाने में कामयाब होंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए फारेस्ट कारपोरेशन के उपाध्यक्ष सूरत नेगी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. उनके साथ दो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और तीन अधिकारी उनके साथ होंगे. कमेटी की दो माह में बैठक जरूरी है साथ ही तीन माह बाद यह कमेटी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.