कांगड़ा: पशुओं के चारे तूड़ी के दाम में आए उछाल ने पशुपालकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. प्रमुख चारे के रूप में पशुओं को दी जाने वाली तूड़ी के दाम ही 1000 रुपये प्रति क्विंटल से पार निकलकर 1550 रुपए प्रति क्विंटल (Tudi Cattle Feed) तक पहुंच गया है. तूड़ी के दाम बढ़ने से सड़कों पर बेसहारा पशुओं की संख्या में इजाफा होने की आशंका और प्रबल हो गई है. जिस तरह पशु चारे के दाम आसमान छू रहे हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में कई पशुपालक पशुओं को खुले में छोड़ने पर विवश हो सकते हैं.
पंजाब से तूड़ी बेचने वाले (Tudi rate hiked) जिला कांगड़ा के पशु पालकों व डेरी फार्म चलाने वालों को सरेआम लुट रहे हैं. ऐसे में पशुपालकों के लिए पशुओं के लिए चारा खरीदना बस की बात नहीं रही है. हालांकि पशुपालक गेहूं की फसल की कटाई के समय तूड़ी का स्टॉक रखते हैं, लेकिन इन दिनों तूड़ी का स्टॉक खत्म हो जाने पर अमूमन तमाम पशुपालकों को तूड़ी खरीद कर ही पशुओं को खिलानी पड़ती है. तूड़ी की सप्लाई इन दिनों पंजाब से हो रही है और तूड़ी के दाम न तो सरकार द्वारा तय किए जाते हैं और न ही तूड़ी के टाल चलाने वाले कहीं रजिस्ट्रर हैं.
Tudi Cattle Feed: तूड़ी के रेट डबल होने से पशुपालक परेशान, डीसी कांगड़ा को सौंपा ज्ञापन - kangra news hindi
पशुओं को दी जाने वाली तूड़ी के दाम ही 1000 रुपये प्रति क्विंटल से (Tudi rate hiked) पार निकलकर 1550 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी के महासचिव केवल सिंह पठानिया ने वीरवार को डेयरी फार्म मालिकों व किसानों के साथ कांगड़ा के उपायुक्त से मुलाकात की और अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पंजाब से तूड़ी बेचने वालों पर पुलिस द्वारा शिकंजा कसा जाए.
कांगड़ा: पशुओं के चारे तूड़ी के दाम में आए उछाल ने पशुपालकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. प्रमुख चारे के रूप में पशुओं को दी जाने वाली तूड़ी के दाम ही 1000 रुपये प्रति क्विंटल से पार निकलकर 1550 रुपए प्रति क्विंटल (Tudi Cattle Feed) तक पहुंच गया है. तूड़ी के दाम बढ़ने से सड़कों पर बेसहारा पशुओं की संख्या में इजाफा होने की आशंका और प्रबल हो गई है. जिस तरह पशु चारे के दाम आसमान छू रहे हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में कई पशुपालक पशुओं को खुले में छोड़ने पर विवश हो सकते हैं.
पंजाब से तूड़ी बेचने वाले (Tudi rate hiked) जिला कांगड़ा के पशु पालकों व डेरी फार्म चलाने वालों को सरेआम लुट रहे हैं. ऐसे में पशुपालकों के लिए पशुओं के लिए चारा खरीदना बस की बात नहीं रही है. हालांकि पशुपालक गेहूं की फसल की कटाई के समय तूड़ी का स्टॉक रखते हैं, लेकिन इन दिनों तूड़ी का स्टॉक खत्म हो जाने पर अमूमन तमाम पशुपालकों को तूड़ी खरीद कर ही पशुओं को खिलानी पड़ती है. तूड़ी की सप्लाई इन दिनों पंजाब से हो रही है और तूड़ी के दाम न तो सरकार द्वारा तय किए जाते हैं और न ही तूड़ी के टाल चलाने वाले कहीं रजिस्ट्रर हैं.