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भेड़पालकों व पशु पालकों के विकास के लिये किये जाएंगे नवीन प्रयास: वन मंत्री - मुख्य परियोजना निदेशक डॉ. पवनेश शर्मा

धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश एकीकृत विकास परियोजना की बैठक आयोजित की गई. राकेश पठानिया ने एकीकृत परियोजना को पशु-पालन और वूल फेडरेशन के साथ मिलकर सभी गतिविधियों को सुनियोजित तरीके से अपनाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि घुमन्तु भेड़-पालकों के आवागमन के रास्तों की मैपिंग करने की आवश्यकता है.

Efforts will be made for development of sheep keepers and livestock farmers
फोटो.
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Published : Jan 31, 2021, 7:56 PM IST

धर्मशाला: वन, युवा एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया की अध्यक्षता में धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश एकीकृत विकास परियोजना की बैठक आयोजित की गई. इस दौरान मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि भेड़-बकरी पालकों और पशु-पालकों का समुचित विकास होना चाहिए. इसके लिए नवीन प्रयास करने की आवश्यकता है.

भेड़ पालकों के रास्तों को मैपिंग करने की जरूरत

राकेश पठानिया ने एकीकृत परियोजना को पशु-पालन और वूल फेडरेशन के साथ मिलकर सभी गतिविधियों को सुनियोजित तरीके से अपनाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि घुमन्तु भेड़-पालकों के आवागमन के रास्तों की मैपिंग करने की आवश्यकता है. साथ ही उन्हें कहां बेहतर सुविधा प्रदान हो सकती हैं, यह स्थान चिन्हित करने की आवश्यकता है.

भेड़ पालकों को विशेष उपकरण देने की जरूरत

उन्होंने कहा कि घुमन्तु भेड़-पालकों को संकट की घड़ी में उचित तकनीक वाले उपकरण दिये जाने चाहिए ताकि उनकी समय रहते मदद हो सके. साथ ही उनकी लोकेशन सम्बन्धित जानकारी विभाग को मिल सके. उन्होंने कहा कि गद्दी नस्ल के उन्नत किस्म के कुत्ते भी भेड़-पालकों को उपलब्ध हों इस बारे में पालमपुर विश्वविद्यालय से मिलकर कार्य किया जाएं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मे उत्पादित भेड़-बकरी का मांस जैविक व उन्नत किस्म का है उसे ऊंचे पायदान पर पहुंचाने के लिए कदम उठाये जाने की जरूरत है.

भेड़ पालकों की आय में बढ़ोतरी करने पर विचार

इस अवसर पर वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि पशु-पालन तथा वूल फेडरेशन ग्रामीण विकास खासकर भेड़-बकरी पालकों की आय में वृद्वि करने में एकीकृत विकास परियोजना के उदेश्यों को आपसी सहयोग के साथ विकास कर सकता है क्योंकि पशु-पालन विभाग और वूल फेडरेशन पशु पालकों के साथ सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. चाहे वो ऊन खरीद हो, चाहे भेड़ों की ऊन कलप्न का विषय हो, चाहे प्रशिक्षण का हो या उनको स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना हो.

बैठक में कई अधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर एकीकृत विकास परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक डॉ. पवनेश शर्मा ने मुख्यातिथि को एकीकृत विकास परियोजना के उदेश्यों और गतिविधियों के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि परियोजना का सीधा प्रभाव ग्रामीण विकास व उनकी आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है. बैठक में प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन शिमला विजय ठाकुर और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.

ये भी पढे़ं- मेडिकल कॉलेज अपने स्तर पर तय करेंगे विकेशन, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किये आदेश

धर्मशाला: वन, युवा एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया की अध्यक्षता में धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश एकीकृत विकास परियोजना की बैठक आयोजित की गई. इस दौरान मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि भेड़-बकरी पालकों और पशु-पालकों का समुचित विकास होना चाहिए. इसके लिए नवीन प्रयास करने की आवश्यकता है.

भेड़ पालकों के रास्तों को मैपिंग करने की जरूरत

राकेश पठानिया ने एकीकृत परियोजना को पशु-पालन और वूल फेडरेशन के साथ मिलकर सभी गतिविधियों को सुनियोजित तरीके से अपनाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि घुमन्तु भेड़-पालकों के आवागमन के रास्तों की मैपिंग करने की आवश्यकता है. साथ ही उन्हें कहां बेहतर सुविधा प्रदान हो सकती हैं, यह स्थान चिन्हित करने की आवश्यकता है.

भेड़ पालकों को विशेष उपकरण देने की जरूरत

उन्होंने कहा कि घुमन्तु भेड़-पालकों को संकट की घड़ी में उचित तकनीक वाले उपकरण दिये जाने चाहिए ताकि उनकी समय रहते मदद हो सके. साथ ही उनकी लोकेशन सम्बन्धित जानकारी विभाग को मिल सके. उन्होंने कहा कि गद्दी नस्ल के उन्नत किस्म के कुत्ते भी भेड़-पालकों को उपलब्ध हों इस बारे में पालमपुर विश्वविद्यालय से मिलकर कार्य किया जाएं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मे उत्पादित भेड़-बकरी का मांस जैविक व उन्नत किस्म का है उसे ऊंचे पायदान पर पहुंचाने के लिए कदम उठाये जाने की जरूरत है.

भेड़ पालकों की आय में बढ़ोतरी करने पर विचार

इस अवसर पर वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि पशु-पालन तथा वूल फेडरेशन ग्रामीण विकास खासकर भेड़-बकरी पालकों की आय में वृद्वि करने में एकीकृत विकास परियोजना के उदेश्यों को आपसी सहयोग के साथ विकास कर सकता है क्योंकि पशु-पालन विभाग और वूल फेडरेशन पशु पालकों के साथ सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. चाहे वो ऊन खरीद हो, चाहे भेड़ों की ऊन कलप्न का विषय हो, चाहे प्रशिक्षण का हो या उनको स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना हो.

बैठक में कई अधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर एकीकृत विकास परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक डॉ. पवनेश शर्मा ने मुख्यातिथि को एकीकृत विकास परियोजना के उदेश्यों और गतिविधियों के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि परियोजना का सीधा प्रभाव ग्रामीण विकास व उनकी आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है. बैठक में प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन शिमला विजय ठाकुर और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.

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