धर्मशाला/कांगड़ा: बरसात का मौसम शुरू हो चुका है. कई बार ऊपरी पहाड़ियों पर बारिश हो जाती है और एकाएक खड्डों का जलस्तर बढ़ने से अनहोनी घटनाएं पेश आती हैं. ऐसे में कांगड़ा जिला प्रशासन ने बरसात के मद्देनजर पर्यटकों व स्थानीय लोगों से अपील की है कि नेचुरल ब्यूटी को किनारे से निहारें और खड्डों में न उतरें यही नहीं जिले में भूस्खलन संभावित क्षेत्र चिन्हित करके संबंधित एसडीएम को भूस्खलन होने की स्थिति में व्यवस्थाएं कैसे जल्द से जल्द सुचारु की जाएं, इसके लिए तैयार रहने के भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
कांगड़ा के डीसी निपुण जिंदल ने बताया कि बरसात में लोगों के खड्डों में उतरने के चलते पिछले वर्ष कई जगहों पर लोगों के बहने के मामले सामने आ चुके हैं. यही वजह है कि इस मर्तबा जिला प्रशासन ने जून माह में ही एहतियातन कदम उठाने की दिशा में पहल करते हुए अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करके आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. इस वर्ष अब तक बरसात में बड़ा नुकसान सामने नहीं आया है, जबकि एक कच्चा और एक पक्का शेड सहित एक गौशाला को बरसात से नुकसान पहुंचा है.
डीसी निपुण जिंदल ने बताया कि (accidents in Kangra during rainy season) एनडीआरएफ व क्यूआरटी से बैठक करके आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. एसडीएम को उपमंडल स्तर पर सभी अधिकारियों से बैठकें करने को कहा गया है. इसके अतिरिक्त वालंटियर्स को भी सूचिबद्ध किया गया है, जिससे आपदा की स्थिति में उनकी भी सेवाएं ली जा सकें. जिले में जहां भी भूस्खलन संभावित क्षेत्र हैं, वहां पर संबंधित एसडीएम को जेसीबी सहित अन्य व्यवस्थाएं बनाए रखने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि आपदा को लेकर एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है जो 24 घंटे खुला रहेगा. इसके साथ ही आपदा टीमों का भी गठन किया गया है और राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आपदा के दौरान पीड़ित परिवारों को तुरंत थोड़ी राहत मुहैया करवाई जाए.
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