देहरा: जिला कांगड़ा में तहसील देहरा के चुनौर ठाकुरद्वारा में देहरा विकास मंच की दूसरी बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता मनोज भारद्धाज ने की. इस दौरान उपमंडल की करीब सभी तहसीलों में से मंच के सहयोगी सदस्यों ने शिरकत की.
मंच की बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ प्रवक्ता पवन बजरंगी ने कहा कि उपमंडल देहरा की जनता को अपनी शक्ति व ऊर्जा को संचित करने की जरूरत है. देहरा के हितों को सर्वोपरि रखकर आगे बढ़ना होगा. हर उपमंडल विकास में बहुत पिछड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में बनी हर सरकार ने अपनी सुविधानुसार देहरा का इस्तेमाल ही किया है.
देहरा के हर प्रोजेक्ट में राजनीति करके उसे रोकने का प्रयास किया जाता रहा है. सेंट्रल युनिवर्सिटी का शिलान्यास होने की डेढ़ साल की अवधि बीत जाने के बाद भी काम शुरू न होना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. देहरा के गांव सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पवन बजरंगी ने कहा कि देहरा को प्रशासनिक जिला का दर्जा दिलाने की मांग सालों पुरानी है लेकिन सरकारों ने इसकी अनदेखी की है.
पौंग बांध के विस्थापित अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. देहरा विकास मंच समाज को संगठित करके लोगों की ऊर्जा का सही उपयोग करने का प्रयास कर रहा है ताकि देहरा की हर छोटी-बड़ी समस्या को हल किया जा सके. लोग एकजुट होकर कार्य करें तो बड़ी से बड़ी समस्या को हल कर सकते हैं. अपने हकों के लिए भिख का कटोरा लिए सरकार के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
देहरा को हमेशा झूठे सजबाग दिखाकर ठगा गया है. फुट डालो और राज करो की नीति के तहत लोगों को बांटने की साजिश करके और छोटे-छोटे तहसील, उपतहसीलों में बांटकर एकता खत्म करने की साजिश की गई है. देहरा को जिला बनाने की असल मांग को नजर अंदाज किया गया है. सभी लोगों ने देहरा को जिला का दर्जा दिलाऐ जाने की मांग को बल देते हुए कहा कि देहरा उपमंडल को जिला का दर्जा दिलाने के लिए वह संघर्ष करने के लिए तैयार है.
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