धर्मशाला: वैसे तो धर्मशाला में कांग्रेस बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ केंद्र व प्रदेश सरकार पर हमला बोलने के लिए सड़क पर उतरी थी, लेकिन पार्टी में चल रही गुटबाजी प्रदर्शन पर भारी पड़ती नजर आई. धरना प्रदर्शन के दौरान जहां नेताओं के कार्यकर्ताओं में अपने नेताओं के पक्ष में नारेबाजी की होड़ लगी रही, वहीं, 'दोगले नेता नहीं चलेंगे, रंगा-बिल्ला नहीं चलेंगे' जैसे नारे भी लगे.
भाजपा ने धर्मशाला उपचुनाव जीता है लेकिन कांग्रेस की हालत में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. गुटबाजी की वजह से उपचुनाव में हार का सामना करने के बावजूद कांग्रेस में गुटबाजी जारी है. धर्मशाला में कांग्रेस में लड़ाई बढ़ती जा रही है. रविवार को भी धर्मशाला में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान गुटबाजी एक बार फिर उजागर हो गई. प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री एवं एआईसीसी के सचिव सुधीर शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी विजय इंद्र कर्ण के समर्थकों में अपने नेताओं के पक्ष में नारेबाजी की होड़ लगी रही.
आलम यह था कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने दोनों पक्षों से शांत रहने के आह्वान के बावजूद दोनों ही गुटों के कार्यकर्ता चुप होने का नाम नहीं ले रहे थे. इस पर प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कौन क्या कर रहा है, मैं सब नोट कर रहा हूं. बावजूद कुलदीप राठौर की चेतावनी के गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही थी. साथ ही साथ कांग्रेस के दोनों गुटों के कार्यकर्ता 'रंगा बिल्ला नहीं चलेंगे' जैसे नारे लगाए जा रहे थे. नारे किस धड़े ने किसके खिलाफ लगाए ये तो पता नहीं चल पाया, लेकिन धर्मशाला में नारों से लग रहा कि कांग्रेस में गुटबाजी अभी नहीं थमी है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने दोनों नेताओं के कार्यकर्ताओं की नारेबाजी पर कहा कि कांग्रेस पार्टी एकजुट है यह हमने दिखाया है. बड़ी पार्टी में छोटे-मोटे मतभेद चलते हैं, आज जो नारे लग रहे हैं, वो दर्शाते हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कितना उत्साह है. पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है, पार्टी पूरी तरह संगठित है. विपक्ष का काम सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना होता है और यही कांग्रेस पार्टी कर रही है.