पालमपुर: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष कार्यक्रमों की कड़ी में सुलह विधानसभा क्षेत्र के दैहण में विशाल जनसभा को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने इन 75 वर्षों के दौरान प्रदेश को मजबूत और अग्रणी बनाने के लिए प्रत्येक हिमाचली के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 148 करोड़ की 11 विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास भी किए.
अपनी सीमा में रहें अधिकारी: इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आईएएस निशा सिंह के मामले में (CM Jairam Thakur On IAS Nisha Singh Case) कहा कि उन्होंने जो पत्र लिखा है उस के बारे में वह उनसे बात करेंगे, लेकिन अधिकारियों को अपनी परिधि में रहना चाहिए. एक व्यवस्था के अनुरूप क्या तय करना है और क्या नहीं यह सरकार तय करेगी. मुख्य सचिव को बनाना मुख्यमंत्री अधिकार क्षेत्र है. यहां चार-पांच अधिकारियों को वाई पास करके कांग्रेस की सरकार में चीफ सेक्रेटरी बन रहे हैं. विक्रमादित्य अनुभवहीन हैं, जब उनके पिता जी मुख्यमंत्री थे तो उनको चार वरिष्ठ अधिकारियों को छोड़कर मुख्य सचिव बनाया.
कांग्रेस की खुद की नहीं कोई गारंटी: विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप की सरकारी खर्चे पर भाजपा जश्न मना रही है, के प्रश्न पर सीएम जयराम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को को जो बोलना होगा, वह बोलें. लेकिन ऐसा कहकर वह प्रदेश के लोगों का (CM Jairam Thakur target congress) अपमान कर रहे हैं. हर विधानसभा में करोड़ों के उद्घाटन और शिलान्यास हो रहे हैं और इसके लिए उन्हें कांग्रेस के नेताओं से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. कांग्रेस प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार आती देख हताश और निराश है. जब तक हमारा कार्यकाल है तब तक सारी चीजें व्यवस्था के अनुरूप ही होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश में अपनी ही गारंटी नहीं है तो वह जनता को क्या गारंटिया देंगे.
75 वर्षों में हिमाचल में हुआ अभूतपूर्व विकास: वहीं, इससे पहले अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हिमाचल प्रदेश भी अपने अस्तित्व के 75 वर्ष मना रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश ने विकास में जो बुलंदी हासिल की है उसे भव्य तरीके से मनाने एवं इस उपलब्धि में योगदान देने वाले प्रदेशवासियों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए यह भव्य आयोजन किए जा रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इन वर्षों में राज्य में अभूतपूर्व विकास हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य के गठन के समय प्रदेश की साक्षरता दर केवल 4.8 प्रतिशत थी, जबकि वर्तमान में यह 83 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है.
राज्य में विकास की गति निर्बाध जारी: उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश में सड़कों की लंबाई 228 किलोमीटर थी जबकि अब प्रदेश में 39,500 किलोमीटर लंबी सड़कों का जाल है. इसी प्रकार वर्ष 1948 में शैक्षणिक संस्थानों की संख्या 301 थी जो अब बढ़कर 16,124 हो गई है. उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणियों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि की गई है और इस योजना पर पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा 400 करोड़ रुपये की तुलना में वर्तमान सरकार 1300 करोड़ रुपये से अधिक वित्तीय लाभ प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकारों ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में विकास की गति निर्बाध जारी रहे.
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