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धर्मशाला में स्वास्थ्य विभाग का संडे ACF अभियान, घर-द्वार हो रही टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग

टीबी के मरीजों की पहचान के लिए प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने संडे एसीएफ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत आशा कार्यकर्ता हर व्यक्ति का डाटा तैयार करेगी और टीबी के लक्षण दिखाई देने पर संबंधित व्यक्ति के सैंपल जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजेगी.

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धर्मशाला
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Published : Jul 4, 2020, 4:01 PM IST

धर्मशाला: क्षेत्र में लॉकडाउन की वजह से कोई भी टीबी का मरीज न छूटने पाए, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने संडे एसीएफ अभियान शुरू किया है. जिसके तहत हर रविवार को आशा वर्कर अपने-अपने क्षेत्र में हर घर में जाकर टीबी के मरीजों की तलाश करेंगी, ताकि टीबी रोगियों की जल्द पहचान हो सके और उनका इलाज शुरू किया जा सके.

वीडियो

बता दें कि कोरोना जैसी महामारी की वजह से घोषित हुए लॉकडाउन से प्रदेश में टीबी के मरीजों की पहचान करने में स्वास्थ्य विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, जिससे स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी मरीजों की पहचान के लिए संडे एसीएफ अभियान शुरू किया गया है. कैंपेन के तहत आशा कार्यकर्ता हर व्यक्ति का डाटा तैयार करेगी और टीबी के लक्षण दिखाई देने पर संबंधित व्यक्ति के सैंपल भी लेकर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजेगी.

सैंपल को एकत्रित करने और उन्हें आगे भेजने की प्रक्रिया के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले ही आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. जिससे उनको टीबी से संबंधित सैंपल इकट्टा करने में कोई परेशानी नहीं होगी.

कांगड़ा सीएमओ डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मरीजों की पहचान के लिए संडे एसीएफ अभियान शुरू किया है, ताकि लॉकडाउन के बीच भी टीबी के मरीजों पर नजर रखी जा सके. उन्होंने कहा कि अभियान के चलते आशा वर्कर अपने क्षेत्र के हर घर में जाकर लोगों का विवरण लेगी और अगर किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसका सैंपल लेकर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजेगी. स्वास्थ्य विभाग

ये भी पढ़ें: कोरोना मामले आने के बाद हमीरपुर में 2 गांव कटेंनमेंट जोन घोषित, DC ने जारी किए आदेश

धर्मशाला: क्षेत्र में लॉकडाउन की वजह से कोई भी टीबी का मरीज न छूटने पाए, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने संडे एसीएफ अभियान शुरू किया है. जिसके तहत हर रविवार को आशा वर्कर अपने-अपने क्षेत्र में हर घर में जाकर टीबी के मरीजों की तलाश करेंगी, ताकि टीबी रोगियों की जल्द पहचान हो सके और उनका इलाज शुरू किया जा सके.

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बता दें कि कोरोना जैसी महामारी की वजह से घोषित हुए लॉकडाउन से प्रदेश में टीबी के मरीजों की पहचान करने में स्वास्थ्य विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, जिससे स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी मरीजों की पहचान के लिए संडे एसीएफ अभियान शुरू किया गया है. कैंपेन के तहत आशा कार्यकर्ता हर व्यक्ति का डाटा तैयार करेगी और टीबी के लक्षण दिखाई देने पर संबंधित व्यक्ति के सैंपल भी लेकर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजेगी.

सैंपल को एकत्रित करने और उन्हें आगे भेजने की प्रक्रिया के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले ही आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. जिससे उनको टीबी से संबंधित सैंपल इकट्टा करने में कोई परेशानी नहीं होगी.

कांगड़ा सीएमओ डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मरीजों की पहचान के लिए संडे एसीएफ अभियान शुरू किया है, ताकि लॉकडाउन के बीच भी टीबी के मरीजों पर नजर रखी जा सके. उन्होंने कहा कि अभियान के चलते आशा वर्कर अपने क्षेत्र के हर घर में जाकर लोगों का विवरण लेगी और अगर किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसका सैंपल लेकर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजेगी. स्वास्थ्य विभाग

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