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कृषि विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग, ABVP ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन - कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में फीस वृद्धि

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में फीस वृद्धि को वापस लेने ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपा गया. परिषद के एग्रीविजन प्रांत संयोजक निखिल चंदेल ने कहा कि ज्ञापन में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में अधिक फीस होने के कारण सामान्य वर्ग के छात्रों का यहां पर पढ़ना मुश्किल हो रहा है.

ABVP Demand ABVP Demand withdraw fee hike
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Published : Mar 4, 2020, 8:12 PM IST

पालमपुरः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में फीस वृद्धि को वापस लेने ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपा गया. परिषद के एग्रीविजन प्रांत संयोजक निखिल चंदेल ने कहा कि ज्ञापन में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में अधिक फीस होने के कारण सामान्य वर्ग के छात्रों का यहां पर पढ़ना मुश्किल हो रहा है.

उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से ज्यादा सीटें सेल्फ फाइनेंसिंग की है जिनका सालाना खर्च डेढ़ से दो लाख है. इतनी ज्यादा फीस होने के चलते प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा कृषि शिक्षा से वंचित रह रहा है. इस बारे में माननीय राज्यपाल को अवगत कराया गया.

वीडियो.

निखिल चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय इकाई ने राज्यपाल को यह भी बताया की विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विवि में रिटायर्ड प्रोफेसर को रखा जा रहा है जोकि युवाओं के साथ धोखा है. परिषद ने राज्यपाल से मांग की है कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में जो फिस वृद्धि की गई है उसे वापस लिया जाए और विवि में जो रिटायर्ड प्रोफेसर की फिर भर्ती की जा रही है उस पर रोक लगाई जाए. गौरतलब है कि राज्यपाल कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में सीनेट की बैठक में भाग लेने के लिए आए हुए थे.

ये भी पढ़ें- फूड लाइसेंस पर दवाइयां बनाने वाली कंपनी के खिलाफ FIR, मालिक गिरफ्तार

पालमपुरः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में फीस वृद्धि को वापस लेने ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपा गया. परिषद के एग्रीविजन प्रांत संयोजक निखिल चंदेल ने कहा कि ज्ञापन में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में अधिक फीस होने के कारण सामान्य वर्ग के छात्रों का यहां पर पढ़ना मुश्किल हो रहा है.

उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से ज्यादा सीटें सेल्फ फाइनेंसिंग की है जिनका सालाना खर्च डेढ़ से दो लाख है. इतनी ज्यादा फीस होने के चलते प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा कृषि शिक्षा से वंचित रह रहा है. इस बारे में माननीय राज्यपाल को अवगत कराया गया.

वीडियो.

निखिल चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय इकाई ने राज्यपाल को यह भी बताया की विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विवि में रिटायर्ड प्रोफेसर को रखा जा रहा है जोकि युवाओं के साथ धोखा है. परिषद ने राज्यपाल से मांग की है कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में जो फिस वृद्धि की गई है उसे वापस लिया जाए और विवि में जो रिटायर्ड प्रोफेसर की फिर भर्ती की जा रही है उस पर रोक लगाई जाए. गौरतलब है कि राज्यपाल कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में सीनेट की बैठक में भाग लेने के लिए आए हुए थे.

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