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चंबा की सड़कों पर आवारा पशुओं का डेरा, राहगीरों को हो रही परेशानी - चंबा न्यूज

चंबा पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवारा पशुओं की संख्या अनगिनत हो चुकी है, जिसमें गायों की संख्या ज्यादा है. आलम ये है कि सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या एक हजार से ऊपर है, लेकिन प्रशासन पशुओं को गौशाला भेजने में नाकाम साबित हो रही है.

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Published : Sep 3, 2019, 8:24 PM IST

चंबा: प्रदेश सरकार आवारा पशुओं से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बया करती है. जिला की सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या एक हजार से ऊपर है, लेकिन प्रशासन पशुओं को गौशाला भेजने में नाकाम साबित हो रही है.

चंबा पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवारा पशुओं की संख्या अनगिनत हो चुकी है, जिसमें गायों की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा डलहौजी सलूणी में भी गाय भारी संख्या में आवारा घूम रही हैं. जिला के नेनिख्ड और करिया में मौजूद गौशाला में पशुओं को रखने की क्षमता डेढ़ सौ है. ऐसे में एक हजार से अधिक की संख्या वाले इन आवारा पशुओं को किसी गौशाला में भेजना प्रशासन के लिए भी चुनौती हैं.

वीडियो

विवेक भाटिया ने बताया कि ग्रामीणओं से अपील की गई है कि अगर कोई व्यक्ति सड़क पर आवारा पशुओं को छोड़ते हुए दिखाई देता है, तो उसका वीडियो बना ले. उन्होंने बताया कि विडियो प्रशासन को भेजे, ताकि प्रशासन ऐसे शरारती तत्वों पर कार्रवाई कर सके .

चंबा: प्रदेश सरकार आवारा पशुओं से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बया करती है. जिला की सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या एक हजार से ऊपर है, लेकिन प्रशासन पशुओं को गौशाला भेजने में नाकाम साबित हो रही है.

चंबा पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवारा पशुओं की संख्या अनगिनत हो चुकी है, जिसमें गायों की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा डलहौजी सलूणी में भी गाय भारी संख्या में आवारा घूम रही हैं. जिला के नेनिख्ड और करिया में मौजूद गौशाला में पशुओं को रखने की क्षमता डेढ़ सौ है. ऐसे में एक हजार से अधिक की संख्या वाले इन आवारा पशुओं को किसी गौशाला में भेजना प्रशासन के लिए भी चुनौती हैं.

वीडियो

विवेक भाटिया ने बताया कि ग्रामीणओं से अपील की गई है कि अगर कोई व्यक्ति सड़क पर आवारा पशुओं को छोड़ते हुए दिखाई देता है, तो उसका वीडियो बना ले. उन्होंने बताया कि विडियो प्रशासन को भेजे, ताकि प्रशासन ऐसे शरारती तत्वों पर कार्रवाई कर सके .

Intro:चंबा की सड़कों पे आवारा पशुओं का डेरा .वहां चालकों को हो रही परेशानी ,वाहन चलाना हो रहा मुश्किल ,प्रशासन के दावे भी हवा हवाई ,

हिमाचल प्रदेश सरकार आवारा पशुओं से निपटने के लिए बड़े बड़े दावे करती हैं लेकिन इन आवारा पशुओं के दावे हमीनी हकीकत से कोसो दूर दिखाई देते हैं ,चंबा जिला की सड़कों पे आवारा पशुओं की लगातार कतार बढती जा रही हैं इनकी संख्या रातोरात बढती जा रही हैं ,अब इन आवारा पशुओं की संख्या लगभग एक हजार से ऊपर हो चली हैं ,लेकिन इन्हें प्रशासन किसी गोउ शाला में भेजने में नकाम साबित हुआ हैं ,प्रशासन के दावे हवा हवाई हो रहे है ,चंबा पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पे तो संख्या अनगिनत हो चुकी है हर दुसरे मोड़ पे आपको आवारा पशुओं का एक झुण्ड मिल जाएगा जिसमे पंद्रह से बीस पशुओ की टोली होती हैं ,Body:इन आवारा पशुओं में अधिकतर गाय देखे को मिल रही हैं अब संख्या इतनी ज्यादा हो गई है की ये आवारा पशु गाँव तक पहुँचने लगे हैं क्या तीसा क्या डलहौजी सलूणी चंबा भरमौर भटियात कोई इलाका अछूता नहीं है इन आवारा पशुओं से अगर चंबा जिला की उन गोउ शालों की बात करें जो जमीनी स्तर पे काम कर रही है तो उनमे एक नेनिख्ड और एक चंबा के करिया में मौजूद है जहाँ पशुओ को रखने की क्षमता एक सो से डेढ़ सौ के करीब हैं ऐसे में एक हजार से अधिक की संख्या वाले इन आवारा पशुओं को किसी गोऊ शाळा में भेजना भी प्राशासन के लिए किसी चुनोती से कम नहीं हैं ,Conclusion:वहीँ दूसरी और विवेक भाटिया का कहना है की आवारा पशुओं की लगातार शिकायतें आ रही हैं और गाँव में भी ये आवर पशु पहुँच रहे हैं लेकिन लोगों से भी आह्वान करेंगे की अगर आपको कोई व्यक्ति सड़क पे आपको आवारा पशु छोड़ते देखा जाएगा तो उसकी विडियो प्रशासन को भेजे ताकि प्रशासन ऐसे शरारती तत्बों पे कार्यवाही कर सके .
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