चंबा: प्रदेश सरकार आवारा पशुओं से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बया करती है. जिला की सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या एक हजार से ऊपर है, लेकिन प्रशासन पशुओं को गौशाला भेजने में नाकाम साबित हो रही है.
चंबा पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवारा पशुओं की संख्या अनगिनत हो चुकी है, जिसमें गायों की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा डलहौजी सलूणी में भी गाय भारी संख्या में आवारा घूम रही हैं. जिला के नेनिख्ड और करिया में मौजूद गौशाला में पशुओं को रखने की क्षमता डेढ़ सौ है. ऐसे में एक हजार से अधिक की संख्या वाले इन आवारा पशुओं को किसी गौशाला में भेजना प्रशासन के लिए भी चुनौती हैं.
विवेक भाटिया ने बताया कि ग्रामीणओं से अपील की गई है कि अगर कोई व्यक्ति सड़क पर आवारा पशुओं को छोड़ते हुए दिखाई देता है, तो उसका वीडियो बना ले. उन्होंने बताया कि विडियो प्रशासन को भेजे, ताकि प्रशासन ऐसे शरारती तत्वों पर कार्रवाई कर सके .