चंबा: चंबा-जोत रोड़ पर मंगला के समीप भूस्खलन में मशीन के साथ जिंदा दफन हुए ऑपरेटर की तलाश में अब तक उपयोग में लाई सभी तकनीकें फेल हो गई हैं. लापता ऑपरेटर की तालाश में परिजन जादू-टोने का सहारा ले रहे हैं. प्रशासन भी एनडीआरएफ और अन्यों विभागों की मदद से लापता की तलाश में जुटा है. फिलहाल सर्च ऑप्रेशन के पांचवें दिन भी लापता कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
जोत मार्ग पर मंगला के पास दरकी थी पहाड़ी
बता दें कि बीते मंगलवार की देर रात जोत मार्ग पर मंगला के पास पहाड़ी दरकने से हुए भूस्खलन की जद में आकर फोकलेन ऑपरेटर रवि कुमार मलबे में जिंदा दफन हो गया था. लापता की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम भी यहां पहुंची है और विभिन्न विभागों की मदद से अभियान चला रखा है. इस दौरान एनडीआरएफ की टीम में लाइफ डिटेक्टर से लापता की तलाश की और इस दौरान मलबे में दफन रवि की हार्ट बीट के संकेत मिले थे. साथ ही मेटल डिटेक्टर से भी तलाश की गई, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी है.
परिजन जादू टोने का ले रहे सहारा
शनिवार को लापता फोकलेन ऑपरेटर के परिजन घटना स्थल पर पहुंचे और जादू-टोने से सहायता से उसकी तलाश में जुट गए. परिजन एक लोटे में जलभर कर उसे मंत्रों के सहारे चला कर लापता के दफन होने वाले स्थान का पता लगा रहे हैं. इस पूरी प्रक्रिया को स्थानीय भाषा में खोरी छोड़ना कहा जाता है.
उधर, एसडीएम चंबा दीप्ति मंढौत्रा का कहना है कि शुक्रवार की रात भर सर्च आप्रेशन चलाया गया था और आज भी जारी है. उन्होनें कहा कि जब तक लापता को तलाश नहीं लिया जाता सर्चिंग ऑपरेशन जारी रहेगा.
क्या है खोरी
एक लोटे मे जलभर कर रखा जाता है, इस दौरान पानी से भरे लोटे पर एक व्यक्ति हाथ रखता है और इस दौरान मंत्रों से लोटा चलने लगता है और जहां यह उल्टा होता है, वहां पर तलाश की जाती है. शनिवार को खोरी के बताए स्थान पर लापता की तलाश की जा रही है.