शिमला: हिमाचल प्रदेश में चुनावी वर्ष में चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग फिर से उठने लगी (Pangwal Ekta Manch) है. बुधवार को पंगवाल एकता मंच राजभवन पहुंचा और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर पांगी को अलग विधानसभा बनाने के साथ स्वयत विकास परिषद का गठन करने और चेनी टनल का निर्माण करने की मांग की. एकता मंच ने साफ कर दिया कि यदि इन मांगों पर संज्ञान नहीं लिया गया तो आने वाले समय में विधानसभा चुनाव में पांगी क्षेत्र के सभी लोग चुनावों का बहिष्कार करेंगे.
पंगवाल एकता मंच के अध्यक्ष त्रिलोक ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र न होने से पांगी घाटी विकास के क्षेत्र में हर रोज पिछड़ रही है. पांगी में 16 हजार से ज्यादा मतदाता हैं और सर्दी के मौसम में छह माह तक देश व प्रदेश से कटे रहने वाले जनजातीय क्षेत्र पांगी की इस समस्या को हल करने के लिए सरकार की ओर से आज तक कोई भी उचित कदम नहीं उठाए गए (Pangwal Ekta Manch submit memorandum)हैं. पांगी विधानसभा क्षेत्र को बनाने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही है. पांगी को भरमौर विधानसभा के साथ रखा गया है, जबकि भौगोलिक परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं.
पंगवाल एकता मंच के अध्यक्ष त्रिलोक ने कहा कि क्षेत्र के लोगों को भरमौर पहुंचना मुश्किल हो जाता है. 2026 में होने वाली डिलिमिटेशन में पांगी को अलग से विधानसभा बनाए (Pangwal Ekta Manch meet Governor) जाए. इसके अलाव पांगी स्वयत विकास परिषद का जल्द गठन करने का अग्राह किया गया है, साथ ही चेनी टनल निर्माण की मांग को लेकर राज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री को भी ज्ञापन भेजा गया है. उन्होंने कहा कि पंगवाल एकता मंच एक गैर राजनीतिक मंच है, जोकि पांगी के लोगों की लड़ाई लड़ने का काम करता है. प्रदेश में चुनावी वर्ष है ऐसे में यदि यह सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आने वाले विधानसभा चुनावों में सभी दलों का बहिष्कार कर नोटा का प्रयोग किया जाएगा.
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