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सरकार ने उद्योगपतियों के कर्ज माफ करने में लुटा दिए साढ़े तीन लाख करोड़: डॉ. सुशांत - PRESS CONFRENCE OF Former MP Dr. Rajan Sushant

हिमाचल फ्रंट के अध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देश के बड़े उद्योगपतियों के कर्ज सरकार ने माफ कर दिए लेकिन गरीब दुकानदारों और छोटे उद्योगपतियों के कर्ज का ब्याज तक माफ नहीं किया गया है.

PRESS CONFRENCE OF Former MP Dr. Rajan Sushant IN Dalhousie
राजन सुशांत
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Published : Oct 22, 2020, 11:05 AM IST

डलहौजी: पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने सरकार पर देश और प्रदेश के व्यापारियों को कर्ज से राहत नहीं देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अंडानी-अम्बानी जैसे 15 बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ करने में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये लुटा दिए है.

पत्रकार वार्ता के दौरान डॉ. सुशांत ने कहा कि सरकार ने इन बड़े उद्योगपतियों को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में राहत प्रदान की है, लेकिन गरीब दुकानदारों और छोटे उद्योगपतियों के कर्ज का ब्याज तक माफ नहीं किया गया है.

डॉ. राजन सुशांत ने कहा कि जब व्यपारियों का कई महीनों से व्यपार ही नहीं हुआ तो टैक्स किस बात का लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि व्यपारियों को जीरो रिटर्न भरने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन व्यापारियों को इसके लिए भी अकाउंटेंट रखना पड़ता है. सरकार को खुद ही प्रदेश के करीब एक लाख छोटे व्यपारियों की जीरो रिटर्न सरकारी स्तर पर ही भर लेने चाहिए ताकि लोग इस आर्थिक बोझ से बच सकें.

वीडियो रिपोर्ट.

लॉकडाउन के तीन महीने के अंतराल में जब दुकानें बंद रही तो बिजली के मीटर पर किस बात का सर्विस चार्ज और मीटर रेंट लिया जा रहा है. उन्होंने सरकार को चेताया है कि व्यापारियों से बिजली के बिलों के रूप में जो टैक्स जा रहा है उसे माफ किया जाए, नहीं तो हिमाचल फ्रंट सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.

डलहौजी: पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने सरकार पर देश और प्रदेश के व्यापारियों को कर्ज से राहत नहीं देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अंडानी-अम्बानी जैसे 15 बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ करने में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये लुटा दिए है.

पत्रकार वार्ता के दौरान डॉ. सुशांत ने कहा कि सरकार ने इन बड़े उद्योगपतियों को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में राहत प्रदान की है, लेकिन गरीब दुकानदारों और छोटे उद्योगपतियों के कर्ज का ब्याज तक माफ नहीं किया गया है.

डॉ. राजन सुशांत ने कहा कि जब व्यपारियों का कई महीनों से व्यपार ही नहीं हुआ तो टैक्स किस बात का लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि व्यपारियों को जीरो रिटर्न भरने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन व्यापारियों को इसके लिए भी अकाउंटेंट रखना पड़ता है. सरकार को खुद ही प्रदेश के करीब एक लाख छोटे व्यपारियों की जीरो रिटर्न सरकारी स्तर पर ही भर लेने चाहिए ताकि लोग इस आर्थिक बोझ से बच सकें.

वीडियो रिपोर्ट.

लॉकडाउन के तीन महीने के अंतराल में जब दुकानें बंद रही तो बिजली के मीटर पर किस बात का सर्विस चार्ज और मीटर रेंट लिया जा रहा है. उन्होंने सरकार को चेताया है कि व्यापारियों से बिजली के बिलों के रूप में जो टैक्स जा रहा है उसे माफ किया जाए, नहीं तो हिमाचल फ्रंट सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.

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