चंबाः 21वीं सदी में जहां इंसान चांद पर भी कदम रख चुका हैं, तो वहीं, विकास खंड चंबा के साथ लगता टपूण गांव सड़क सुविधा से वंचित है. कई बार ग्रामीणों ने नेता से लेकर प्रशासन और विभाग से गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग उठाई है, बावजूद इसके अभी तक गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई.
शनिवार को ग्रामीणों को सड़क की कमी उस समय ज्यादा खली जब गांव की एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से जूझ रही थी. कोई अन्य साधन न होने पर परिजन और ग्रामीणों ने आठ किमी तक पालकी में उठाकर महिला को मंगला तक पहुंचाया. यहां से महिला को निजी वाहन से चंबा मेडिकल कॉलेज लाया गया. जहां पर महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया है.
लोक निर्माण विभाग मंडल चंबा के सहायक अभियंता मीत कुमार ने बताया कि टपूण गांव तक सड़क बनाने को लेकर विभाग की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं. वन विभाग से एनओसी भी मिल गया है. कुछ लोग निजी भूमि विभाग के नाम नहीं कर रहे हैं. इस कारण सड़क का कार्य शुरू नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि लोग जमीनें विभाग के नाम करते हैं तो इस दिशा में आगामी कदम बढ़ाए जा सकते हैं.
बता दें कि शनिवार सुबह पांच बजे टपूण गांव में रजनी पत्नी दीप कुमार को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. गांव में सड़क न होने से परिजन एंबुलेंस को भी फोन नहीं कर पाए. इसके चलते परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से गर्भवती महिला को पालकी के सहारे अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया. ग्रामीणें ने सरकार से गांव के लिए सड़क निकालने की मांग की है.