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भटियात की 69 पंचायतों में बने 121 वन जलाशय, नेशनल वॉटर आवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन - चंबा में वन सरोवर का निर्माण

भटियात में पिछले साल जुलाई माह में शुरू हुआ वन सरोवर निर्माण कार्य खंड की सभी 69 पंचायतों में पूरा हो चुका है. कुल 121 सरोवर पूरी तरह मनरेगा के तहत बनाए गए हैं. इस काम के लिए भटियात का नेशनल वॉटर आवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन हुआ है.

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Published : Oct 25, 2020, 3:56 PM IST

चंबा: विकास खंड भटियात ने पानी का मोल जाना और यहां कि 69 ग्राम पंचायतों में वन सरोवरों का निर्माण किया. पिछले साल जुलाई माह में भटियात विकास खंड में जल सरोवरों का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और अब तक 121 का निर्माण किया जा चुका हैं. मनरेगा के तहत ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित कर इन सरोवरों का निर्माण किया गया है. लिहाजा अब भटियात विकास खंड का नॉमिनेशन नेशनल वॉटर आवॉर्ड के लिए किया गया है.

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत भटियात में पौधा रोपण और बारिश के पानी के भंडारण के लिए कच्चे जल संग्रहण टैंक निर्मित किए गए थे. जिन्हें वन सरोवर का नाम दिया गया.

पिछले साल जुलाई माह में शुरू वन सरोवर निर्माण कार्य खंड की सभी 69 पंचायतों में पूरा हो चुका है. इसके अलावा कुल 121 सरोवर पूरी तरह मनरेगा के तहत बनाए गए हैं. ऊंचाई वाले स्थानों पर यह वन सरोवर सर्दियों में बर्फ का संग्रहण करते हैं व बरसात में वर्षा जल का संग्रहण करते हैं. देश के करीब 255 जिलों में भूमि के घटते जलस्तर को नियत्रित करने की इस योजना से प्रकृतिक जल स्त्रोतों को भी जीवन दान मिल पाएगा. इस लिहाज में यह योजना काफी अहम है.

वहीं, भटियात में ऐसे वन सरोवर बनने से करीब 7 करोड़ लीटर बारिश का पानी बहने की जगह जमीन को लाभ देगा. सरोवरों की जल भंडारण क्षमता औसतन 3 लाख लीटर ठहरती है. सूख रहे प्रकृतिक जल स्त्रोत भी बचेंगे. भटियात खंड की पंचायतों की बात करें तो मलुंडा पंचायत में 7, गड़ाना पंचायत में 5 टैंक इस बनाए जा चुके हैं.

हालांकि राष्ट्रीय जल अवॉर्ड के तहत नामांकित होना ही भटियात खंड के लिए बड़ी बात है. अगर केंद्र की योजना के तहत खंड को यह अवॉर्ड मिलता है, तो भटियात खंड देश भर के मानसून पर आधारित करीब 250 जिलों के लिए नजीर साबित होगा.

वहीं, खंड विकास अधिकारी बशीर खान ने बताया कि चंबा जिले में भटियात खंड में ही इस प्रकार के वन सरोवर अब तक बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि 69 पंचायतों में बनाए गए 121 वन सरोवरों से बारिश का अनुमानित 7 करोड़ लीटर पानी संग्रहित और जमीन को नमी देगा.

भटियात नेशनल वॉटर अवॉर्ड के लिए नामांकित

उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों के अलावा प्रदेश से भटियात खंड का नाम नेशनल वॉटर अवॉर्ड के लिए नामांकित हो चुका है. अगर भटियात को यह अवॉर्ड मिलता है तो जिले के साथ प्रदेश के लिए भी गर्व की बात होगी.

वहीं, जल शक्ति अभियान के तहत मानसून के पानी को एकत्र कर जमीन के जल स्तर को बनाए रखने की योजना को कार्यरूप दिया गया है. इससे जहां जमीन का जल स्तर बना रहेगा. वहीं, प्राकृतिक स्त्रोत भी नया जीवन पाएंगे.

बता दें कि केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने पानी की कमी से जूझ रहे देश के 255 जिलों में बारिश के पानी को संचयन और संरक्षण करने के लिए 1 जुलाई, 2019 से ‘जल शक्ति अभियान की शुरूआत करने की घोषणा की थी.

चंबा: विकास खंड भटियात ने पानी का मोल जाना और यहां कि 69 ग्राम पंचायतों में वन सरोवरों का निर्माण किया. पिछले साल जुलाई माह में भटियात विकास खंड में जल सरोवरों का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और अब तक 121 का निर्माण किया जा चुका हैं. मनरेगा के तहत ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित कर इन सरोवरों का निर्माण किया गया है. लिहाजा अब भटियात विकास खंड का नॉमिनेशन नेशनल वॉटर आवॉर्ड के लिए किया गया है.

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत भटियात में पौधा रोपण और बारिश के पानी के भंडारण के लिए कच्चे जल संग्रहण टैंक निर्मित किए गए थे. जिन्हें वन सरोवर का नाम दिया गया.

पिछले साल जुलाई माह में शुरू वन सरोवर निर्माण कार्य खंड की सभी 69 पंचायतों में पूरा हो चुका है. इसके अलावा कुल 121 सरोवर पूरी तरह मनरेगा के तहत बनाए गए हैं. ऊंचाई वाले स्थानों पर यह वन सरोवर सर्दियों में बर्फ का संग्रहण करते हैं व बरसात में वर्षा जल का संग्रहण करते हैं. देश के करीब 255 जिलों में भूमि के घटते जलस्तर को नियत्रित करने की इस योजना से प्रकृतिक जल स्त्रोतों को भी जीवन दान मिल पाएगा. इस लिहाज में यह योजना काफी अहम है.

वहीं, भटियात में ऐसे वन सरोवर बनने से करीब 7 करोड़ लीटर बारिश का पानी बहने की जगह जमीन को लाभ देगा. सरोवरों की जल भंडारण क्षमता औसतन 3 लाख लीटर ठहरती है. सूख रहे प्रकृतिक जल स्त्रोत भी बचेंगे. भटियात खंड की पंचायतों की बात करें तो मलुंडा पंचायत में 7, गड़ाना पंचायत में 5 टैंक इस बनाए जा चुके हैं.

हालांकि राष्ट्रीय जल अवॉर्ड के तहत नामांकित होना ही भटियात खंड के लिए बड़ी बात है. अगर केंद्र की योजना के तहत खंड को यह अवॉर्ड मिलता है, तो भटियात खंड देश भर के मानसून पर आधारित करीब 250 जिलों के लिए नजीर साबित होगा.

वहीं, खंड विकास अधिकारी बशीर खान ने बताया कि चंबा जिले में भटियात खंड में ही इस प्रकार के वन सरोवर अब तक बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि 69 पंचायतों में बनाए गए 121 वन सरोवरों से बारिश का अनुमानित 7 करोड़ लीटर पानी संग्रहित और जमीन को नमी देगा.

भटियात नेशनल वॉटर अवॉर्ड के लिए नामांकित

उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों के अलावा प्रदेश से भटियात खंड का नाम नेशनल वॉटर अवॉर्ड के लिए नामांकित हो चुका है. अगर भटियात को यह अवॉर्ड मिलता है तो जिले के साथ प्रदेश के लिए भी गर्व की बात होगी.

वहीं, जल शक्ति अभियान के तहत मानसून के पानी को एकत्र कर जमीन के जल स्तर को बनाए रखने की योजना को कार्यरूप दिया गया है. इससे जहां जमीन का जल स्तर बना रहेगा. वहीं, प्राकृतिक स्त्रोत भी नया जीवन पाएंगे.

बता दें कि केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने पानी की कमी से जूझ रहे देश के 255 जिलों में बारिश के पानी को संचयन और संरक्षण करने के लिए 1 जुलाई, 2019 से ‘जल शक्ति अभियान की शुरूआत करने की घोषणा की थी.

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