चंबाः जिला चंबा में चमेरा पावर प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पाया है. अपनी इसी मांग को लेकिर स्थानीय युवाओं का प्रतिनिधि मंडल सोमवार डीसी चंबा विवेक भाटिया से मिला और स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाए जाने की मांग की.
स्थानीय युवाओं ने कहा कि चमेरा पावर प्रोजेक्ट शुरू होने के समय सरकार की ओर से स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत रोजगार दिया जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन स्थिति यह है कि जो लोग चमेरा प्रोजेक्ट तीन की वजह से विस्थापित हुए थे, उन्हें भी रोजगार नहीं दिया जा रहा है.
युवाओं का कहना है कि प्रोजेक्ट में जो लोग रखे गए हैं. इसमें से अधिकतर लोग हिमाचल के नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए उन लोगों ने अपनी जमीनें दी और कई लोग विस्थापित भी हुए, लेकिन फिर भी लोगों को रोजगार तक भी नहीं दिया गया.
एनएचपीसी ने स्थानीय लोगों को रोजगार ना देकर हिमाचल के बहार के लोगों को रोजगार दिया है जबकि श्रम कानून और हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसरा स्थानीय लोगों को प्राथमिकता का आधार पर 70 प्रतिशत रोजगार मिलना चाहिए था. युवाओं ने कहा कि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वे अंदोलन कर सड़कों पर उतरेंगे.
बता दें की चंबा जिला के धारवाला में करीब छह सालों से एनएचपीसी प्रबंधन और लोगों में तकरार चल रही है. इसके चलते कई बार स्थानी लोग अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से मिल चुके हैं. अब युवाओं ने मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतवानी दी है.
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