चंबा: जिला में अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला की मिंजर विसर्जन शोभा यात्रा रावी नदी में पारम्परिक ढंग से मिंजर प्रवाहित करने के बाद बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नारियल के साथ मिंजर रावी नदी में प्रवाहित कर सुख समृद्धि की कामना की.
रविवार को अखंड चंडी महल से बैंड बाजों के साथ बड़े ही धूमधाम के साथ शोभायात्रा निकाली गई. शहर के मंदिरों से देवी देवताओं को पालकी में बिठाकर इस शोभायात्रा में शामिल किया गया. साथ ही अलग-अलग जगह से आई सांस्कृतिक दलों द्वारा शोभायात्रा में नृत्य भी पेश किए गए, जिसमें पुलिस, होमगार्ड के बैंड ने शोभायात्रा में शोभा बढ़ाई.
सबसे पहले मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय चंबा में 8 करोड़ 70 लाख से बनाये जाने वाले स्नातकोत्तर भवन और ओबडी, माई का बाग व सुल्तानपुरा वार्ड के लिए सीवरेज लाइन का शिलान्यास किया. इसके बाद पुलिस लाइन चंबा में 4 करोड़ 25 लाख से निर्मित पुलिस प्रशासनिक भवन का उद्घाटन भी किया. शाम के समय मुख्यमंत्री ने चंबा में पेयजल योजना के लिए पाइपलाइन बदलने के लिए शिलान्यास किया, जिसके लिए 3 करोड़ 60 हजार रुपये का खर्च किया जाएगा. वहीं, सोमवार को सीएम अलग-अलग जगह पर उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में कुछ मेले ऐसे हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाते हैं. जिसमें से मिंजर मेला भी एक है और इसमें प्राचीन समय से यहां की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए अपनी भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में भी चंबावासी इस मेले को मनाएंगे, लेकिन पूरे हिमाचल के लोग इस संस्कृति को कायम रखने के लिए अपना सक्रिय सहयोग देते रहेंगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि चंबा प्रदेश का एक अभिन्न अंग है. चंबा ऐसा क्षेत्र है जो भौगोलिक दृष्टि से बहुत ही कठिन है और विकास की दृष्टि से यहां काफी जरूरतें हैं. उन्होंने कहा कि जब भी वो चंबा आते हैं तो यहां के लोगों को करोड़ों रुपये की सौगात देते हैं.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र ने पहले ही हिमाचल के 12 जिलों में से चंबा जिला को जायदा विकास को गति देने के लिए इंसप्रेशनल जिला घोषित किया है. मिंजर मेला दंगल के समापन समारोह पर मुख्यमंत्री ने विजेता पहलवानों को इनाम बांटे और शोभा यात्रा में शामिल हुए.
मिंजर मेले की शोभा यात्रा में शामिल होने आये लोगों ने बताया कि चंबा मिंजर का मेला एक ऐतिहासिक मेला है और ये हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि चंबा के राजा ने जब कांगड़ा के राजा पर विजय पाई थी तो और जब मक्की की फसल को मिंजर लगती है, उस खुशी में किसान ये मेला मनाते हैं.