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7 महीने से भरमौर के चार गांव में बत्ती गुल, कुंभकर्णी नींद में प्रशासन!

भरमौर उपमंडल की ग्राम पंचायत बजोल के चार गांव में जनवरी में हुई भारी बर्फबारी और बारिश के चलते बिजली की आपूर्ति ठप पड़ गई है. जो सात महीने बीतने के बाद भी बहाल नहीं हो पाई है. इसे लेकर लोगों में रेष है.

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Published : Aug 4, 2019, 2:28 AM IST

चंबाः तेजी से बदल रही इस दुनिया में एक दिन भी बिजली के बिना निकालना मुश्किल हो जाता है, लेकिन प्रदेश के चंबा जिले के चार गांव ऐसे हैं, जहां पिछले 7 महीने से बिजली गुल है. यही नहीं, इसी पंचायत का एक गांव सालों से बिजली की राह देख रहा हैं. सर्दियों में हुई भारी बर्फबारी से तहस-नहस हुई बिजली की लाइन सात महीने बीत जाने के बाद भी बहाल नहीं हो पाई है. इसी के चलते यहां के ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.

जानकारी के अनुसार भरमौर उपमंडल की दुर्गम ग्राम पंचायत बजोल के ग्रोंडा, सिंदी, धारडी और त्रांगडी में इसी साल जनवरी में भारी बर्फबारी और बारिश के चलते बिजली की आपूर्ति ठप पड़ गई थी. हालांकि सर्दियों में समूचे चंबा जिले में बर्फबारी के चलते भारी नुकसान पहुंचा था. बिजली बोर्ड को यहां करोड़ों की चपत लगी थी, लेकिन भरमौर उपमंडल के चार गांवों में अब तक बिजली बहाल न होने से ग्रामीणों में भी भारी रोष है.

ग्रामाणों ने बताया कि बिजली ना होने से उनके बच्चे पढ़ नहीं पा रहे और न ही बिजली से जुड़े अन्य काम किए जा रहे हैं. ऐसे में आधुनिकता के इस युग में भी शाम ढलते ही ये चार गांव अंधेरे में डूब जाने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़े- हरोली इलाके में बारिश से हुए नुकसान का पंचायती राज मंत्री ने लिया जायजा, हरसंभव मदद का आश्वासन

बजोल-न्याग्रां पंचायत के समिति सदस्य सोहन लाल ने बताया कि पांच जनवरी 2019 को चार गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप हुई थी. जिसके बाद बिजली बहाल करने का मामला कई बार उठाया गया, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. बिजली की आपूर्ति ना होने के कारण एक आटा चक्की भी बंद पड़ी हुई है. हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण गेंहू, राजमाह आदि को उबाल कर गुजारा करने के लिए मजबूर हो गए है.
वहीं, विभाग का कहना है कि बिजली बहाली के लिए काम जारी है और जल्द ही काम को पूरा कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़े- बल्ह पंचायत में क्षतिग्रस्त सड़क से ग्रामीण परेशान, आंदोलन की चेतावनी

चंबाः तेजी से बदल रही इस दुनिया में एक दिन भी बिजली के बिना निकालना मुश्किल हो जाता है, लेकिन प्रदेश के चंबा जिले के चार गांव ऐसे हैं, जहां पिछले 7 महीने से बिजली गुल है. यही नहीं, इसी पंचायत का एक गांव सालों से बिजली की राह देख रहा हैं. सर्दियों में हुई भारी बर्फबारी से तहस-नहस हुई बिजली की लाइन सात महीने बीत जाने के बाद भी बहाल नहीं हो पाई है. इसी के चलते यहां के ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.

जानकारी के अनुसार भरमौर उपमंडल की दुर्गम ग्राम पंचायत बजोल के ग्रोंडा, सिंदी, धारडी और त्रांगडी में इसी साल जनवरी में भारी बर्फबारी और बारिश के चलते बिजली की आपूर्ति ठप पड़ गई थी. हालांकि सर्दियों में समूचे चंबा जिले में बर्फबारी के चलते भारी नुकसान पहुंचा था. बिजली बोर्ड को यहां करोड़ों की चपत लगी थी, लेकिन भरमौर उपमंडल के चार गांवों में अब तक बिजली बहाल न होने से ग्रामीणों में भी भारी रोष है.

ग्रामाणों ने बताया कि बिजली ना होने से उनके बच्चे पढ़ नहीं पा रहे और न ही बिजली से जुड़े अन्य काम किए जा रहे हैं. ऐसे में आधुनिकता के इस युग में भी शाम ढलते ही ये चार गांव अंधेरे में डूब जाने को मजबूर हैं.

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बजोल-न्याग्रां पंचायत के समिति सदस्य सोहन लाल ने बताया कि पांच जनवरी 2019 को चार गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप हुई थी. जिसके बाद बिजली बहाल करने का मामला कई बार उठाया गया, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. बिजली की आपूर्ति ना होने के कारण एक आटा चक्की भी बंद पड़ी हुई है. हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण गेंहू, राजमाह आदि को उबाल कर गुजारा करने के लिए मजबूर हो गए है.
वहीं, विभाग का कहना है कि बिजली बहाली के लिए काम जारी है और जल्द ही काम को पूरा कर लिया जाएगा.

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Intro:अजय शर्मा, चंबा
उर्जा राज्य का तगमा हासिल करने वाले हिमाचल प्रदेश के चार गांव ऐसे है, जो पिछले सात माह से अंधेरे में डूबे हुए है। जबकि इसी पंचायत का एक गांव वर्षो से बिजली की राह ताक रहा है। सर्दियों में हुई भारी बर्फबारी के चलते तहस-नहस हुई बिजली की लाईन की मरम्मत अभी तक न होने के चलते यहां के ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर है। रोचक है कि बिजली बोर्ड की ओर से अभी तक बिजली बहाली को लेकर सही मायनों में गंभीरता नहीं दिखाई है। क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि की मानें तो एक गांव ऐसा भी है, जहां पिछले सात-आठ वर्षो से बिजली ही नहीं है। बहरहाल जनप्रतिनिधि के इस खुलासे के बाद बिजली बोर्ड की यह लापरवाही इनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खडे कर रहे है।Body:जानकारी के अनुसर भरमौर उपमंडल की अति दुर्गम ग्राम पंचायत बजोल के ग्रोंडा, सिंदी, धारडी और त्रांगडी में इसी वर्ष जनवरी माह में भारी बर्फबारी और बारिश के चलते बिजली की आपूर्ति ठप्प पड गई। हांलाकि सर्दियों में समूचे चंबा जिले में बर्फबारी के चलते भारी नुक्सान पहंुचा था और बिजली बोर्ड को ही यहां अकेले करोडों
की चपत लगी थी। वहीं भरमौर उपमंडल की इस पंचायत
के चार गांवों में सात माह बाद भी बिजली बहाल न होने से ग्रामीणों में भी भारी रोष है।
Conclusion:बजोल-न्याग्रां पंचायत के समिति सदस्य सोहन लाल बताते है कि पांच जनवरी 2019 को चार गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप्प पडी थी। जिसके बाद बिजली बहाल करने का मामला कई मर्तबा उठाया, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाईं। उन्होंने खुलासा किया कि बिजली की आपूर्ति न होने के कारण एक आटा चक्की भी बंद पडी हुई है। हालात यह है कि ग्रामीण गेंहू, राजमाह आदि को उबाल कर गुजारा करने के लिए मजबूर हो गए है। वहीं बीपीएल परिवार भी इस स्थिति में अपना नाम कटवा कर एपीएल में शामिल होने
को तैयार है। चंूकि सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को
बेहद सस्ते दाम पर गेंहू डिपुओं में मुहैया करवाई जाती है। सोहन लाल बताते है कि खनार गांव में आठ-नौ वर्षो से बिजली नहीं हैं। बहरहाल विभाग का कहना है कि बिजली बहाली हेतू काम चल रहा है। प्रयास रहेगा कि जल्द काम को पूरा कर लिया जाए।
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