चंबाः तेजी से बदल रही इस दुनिया में एक दिन भी बिजली के बिना निकालना मुश्किल हो जाता है, लेकिन प्रदेश के चंबा जिले के चार गांव ऐसे हैं, जहां पिछले 7 महीने से बिजली गुल है. यही नहीं, इसी पंचायत का एक गांव सालों से बिजली की राह देख रहा हैं. सर्दियों में हुई भारी बर्फबारी से तहस-नहस हुई बिजली की लाइन सात महीने बीत जाने के बाद भी बहाल नहीं हो पाई है. इसी के चलते यहां के ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.
जानकारी के अनुसार भरमौर उपमंडल की दुर्गम ग्राम पंचायत बजोल के ग्रोंडा, सिंदी, धारडी और त्रांगडी में इसी साल जनवरी में भारी बर्फबारी और बारिश के चलते बिजली की आपूर्ति ठप पड़ गई थी. हालांकि सर्दियों में समूचे चंबा जिले में बर्फबारी के चलते भारी नुकसान पहुंचा था. बिजली बोर्ड को यहां करोड़ों की चपत लगी थी, लेकिन भरमौर उपमंडल के चार गांवों में अब तक बिजली बहाल न होने से ग्रामीणों में भी भारी रोष है.
ग्रामाणों ने बताया कि बिजली ना होने से उनके बच्चे पढ़ नहीं पा रहे और न ही बिजली से जुड़े अन्य काम किए जा रहे हैं. ऐसे में आधुनिकता के इस युग में भी शाम ढलते ही ये चार गांव अंधेरे में डूब जाने को मजबूर हैं.
ये भी पढ़े- हरोली इलाके में बारिश से हुए नुकसान का पंचायती राज मंत्री ने लिया जायजा, हरसंभव मदद का आश्वासन
बजोल-न्याग्रां पंचायत के समिति सदस्य सोहन लाल ने बताया कि पांच जनवरी 2019 को चार गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप हुई थी. जिसके बाद बिजली बहाल करने का मामला कई बार उठाया गया, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. बिजली की आपूर्ति ना होने के कारण एक आटा चक्की भी बंद पड़ी हुई है. हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण गेंहू, राजमाह आदि को उबाल कर गुजारा करने के लिए मजबूर हो गए है.
वहीं, विभाग का कहना है कि बिजली बहाली के लिए काम जारी है और जल्द ही काम को पूरा कर लिया जाएगा.
ये भी पढ़े- बल्ह पंचायत में क्षतिग्रस्त सड़क से ग्रामीण परेशान, आंदोलन की चेतावनी