चंबा: ऐतिहासिक मिंजर मेले के दौरान लगे अस्थाई ढाबों में बन रहे व्यंजनों की गुणवत्ता व शुद्धता की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) की ओर से जो वाहन सुविधा मुहैया कराया गया है, उसी के माध्यम से मेले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की जांच की जाएगी.
ऐतिहासिक मिंजर मेले के दौरान मिलावट खोरों पर शिकंजा कसने के लिए जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने चौगान में लगे खाद्य पदार्थों की दुकानों का निरीक्षण किया. इसी बीच सभी दुकानदारों को हिदायत दी कि वे लोगों की सेहत के साथ किसी भी प्रकार से समझौता न करें. सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि इन निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के फोड़ एनालिस्ट अक्षय कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा मिंजर मेले के लिए फूड सेफ्टी बैन भेजी है, जिसमें तमाम तरह के खाने सबंधी समानों के टेस्ट किए जाते हैं और इसकी रिपोर्ट भी तुरंत मिलती है. उन्होंने बताया कि पहले रिपोर्ट धर्मशाला और सोलन भेजनी पड़ती थी और रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता था.
बता दें कि इस जांच वाहन के माध्मय से जिन खाद्य सामग्रियों की जांच की जाएगी उसमें दूध, पानी, घी, मिठाई, जूस व दूध से बने प्रोडक्ट्स शामिल है. अब तक किसी भी प्रकार के सैंपल की जांच करने के लिए विभाग को इन्हें दूसरे जिलों या प्रदेशों में मौजूद प्रयोगशाला में भेजना पड़ता था. ऐसे में अब सैंपल लेने के महज 15 मिनट के बाद ही उसकी रिपोर्ट उक्त दुकानदार के हाथों में थमा दी जाएगी.