चंबा: मछलियां पकड़ कर जीवन यापन करने वाले पंजीकृत मछुआरे भी अब पक्का मकान बना सकते हैं. मत्स्य पालन विभाग आदर्श मछुआ आवास योजना के तहत ये सहूलियत प्रदान करवा रहा है. विभाग द्वारा योजना के तहत एक लाख 30 हजार रुपये की राशि प्रदान करवाई जा रही है.
बता दें कि जिला चंबा में मत्स्य पालन विभाग द्वारा जलाशयों में 190 और खड्डों में मछलियां पकड़ने संबंधी 350 मछुआरों को लाइसेंस प्रदान किए गए हैं. वहीं, मत्स्य पालन विभाग द्वारा चमेरा जलाशय, राजनगर, भनौता, पलेई, चकलू में चार सोर्स बनाए गए हैं. रंजीत सागर जलाशय में एक सोसायटी का गठन किया गया है. इन सोर्स और सोसायटी के अधीन ही मछुआरे कार्य कर रहे हैं.
विभाग को वर्ष 2019-2020 के लिए 31 मछुआरों को पक्के आवास मुहैया करवाने के लिए बजट मिला है. करीब दो दर्जन मछुआरों के पक्के घरों का निर्माण करवाया जा चुका है. शेष मछुआरों द्वारा तैयार किए जा रहे मकानों के कार्य भी करीब-करीब पूरे होने वाले हैं. जिसमें 25 केस सामान्य वर्ग के तहत, 6 केस अनुसूचित जाति संबंधित मछुआरों के हैं.
आदर्श मछुआ आवास योजना का मुख्य मकसद मछली पकड़ने वालों को पक्का आशियाना प्रदान करवाना है. मत्स्य पालन विभाग के सहायक निदेशक भूपेंद्र कुमार ने बताया कि आदर्श मछुआ आवास योजना मछुआरों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
इस योजना के तहत पात्र मछुआरों को पक्के मकान बनाने के लिए विभाग द्वारा एक लाख 30 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है. योजना के तहत पहली 30 हजार की किस्त प्लॉट बनाने पर, दूसरी किस्त 30 हजार चिनाई करवाने पर, तीसरी 30 हजार की किस्त लैंटर डालने पर और चौथी 40 हजार किस्त मकान का कार्य पूरा होने पर दी जाती है.