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बच्चों को पढ़ाने स्कूल पहुंचे विस उपाध्यक्ष हंस राज, छात्रों को दी जरूरी टिप्स

विधान सभा उपाध्यक्ष हंस राज अपने गृह क्षेत्र चुराह के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ करीब 2 घंटे वक्त गुजारा और उन्हें करियर से संबंधित जरूरी टिप्स भी दी.

Deputy speaker HansRaj reached school to teach children in chamba
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Published : Jul 16, 2019, 9:27 AM IST

चंबा: आपने बहुत सारे नेता और राजनेता देखे होंगे जो सरकार की योजनाओं की निगरानी करते हुए दिख जाते हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश विधान सभा के उपाध्यक्ष हंस राज इन सब में अलग हैं. चुराह विधान सभा से संबंध रखने वाले विधान सभा उपाध्यक्ष को जब भी मौका मिलता है वो बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल पहुंच जाते हैं.

आपको बता दें कि विधान सभा उपाध्यक्ष बनने से पहले हंस राज डेढ़ साल राजकीय डिग्री कॉलेज तीसा में बच्चों को पढ़ा चुके हैं और उसके बाद राजनीती में आये थे. सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चिल्ली में 9वीं और 10वीं के बच्चों को दो घंटे तक हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों को पढ़ाया और उन्हें सिविल सेवा सहित नेता बनने के लिए भी प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि ''नेता और अधिकारी बनना कोई बड़ी बात नहीं है, मैं आपके सामने एक उदहारण हूं जो आपने बनाया है"

वीडियो.

उन्होंने बच्चों से कहा कि '' जो आज मैंने आपको पढ़ाया है उसे ठीक 15 दिन बाद में फिर पूछूंगा, ताकि मुझे भी मालूम हो कि आप कितना पढ़ते हैं.'' वहीं, दूसरी ओर विधान सभा उपाध्यक्ष हंस राज ने बताया कि उन्हें चिल्ली स्कूल में आने का मौका मिला और बच्चों के साथ भविष्य को लेकर उचित टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि वे कोशिश करते हैं कि अगर 500 में से 50 बच्चे भी मेरी बात को मानने है तो उन्हें खुशी मिलेगी.

चंबा: आपने बहुत सारे नेता और राजनेता देखे होंगे जो सरकार की योजनाओं की निगरानी करते हुए दिख जाते हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश विधान सभा के उपाध्यक्ष हंस राज इन सब में अलग हैं. चुराह विधान सभा से संबंध रखने वाले विधान सभा उपाध्यक्ष को जब भी मौका मिलता है वो बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल पहुंच जाते हैं.

आपको बता दें कि विधान सभा उपाध्यक्ष बनने से पहले हंस राज डेढ़ साल राजकीय डिग्री कॉलेज तीसा में बच्चों को पढ़ा चुके हैं और उसके बाद राजनीती में आये थे. सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चिल्ली में 9वीं और 10वीं के बच्चों को दो घंटे तक हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों को पढ़ाया और उन्हें सिविल सेवा सहित नेता बनने के लिए भी प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि ''नेता और अधिकारी बनना कोई बड़ी बात नहीं है, मैं आपके सामने एक उदहारण हूं जो आपने बनाया है"

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उन्होंने बच्चों से कहा कि '' जो आज मैंने आपको पढ़ाया है उसे ठीक 15 दिन बाद में फिर पूछूंगा, ताकि मुझे भी मालूम हो कि आप कितना पढ़ते हैं.'' वहीं, दूसरी ओर विधान सभा उपाध्यक्ष हंस राज ने बताया कि उन्हें चिल्ली स्कूल में आने का मौका मिला और बच्चों के साथ भविष्य को लेकर उचित टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि वे कोशिश करते हैं कि अगर 500 में से 50 बच्चे भी मेरी बात को मानने है तो उन्हें खुशी मिलेगी.

Intro:जब विधान सभा उपाध्यक्ष बने अध्यापक बछो को दो घंटे पढाया कहा ,अधिकारी नेता बनना कोई बड़ी बात नहीं आपके सामने हूँ उदाहरण .

आपने बहुत सारे नेता और राजनेता देखे होंगे जो सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की निगरानी करते देखे होंगे लेकिन हिमाचल प्रदेश विधान सभा के उपाध्यक्ष हंस राज इन सब में अलग हैं , चुराह विधान सभा से सबंध रखने वाले विधान सभा उपाध्यक्ष जब भी उन्हें मौका मिलता हैं वो स्कूल पहुँचते हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं ,जाहिर सी बात हैं पहले हंस राज डेढ़ साल राजकीय डिग्री कॉलेज तीसा में बच्चों को पढ़ा चुके हैं ,और उसके बाद राजनीती में आये थे आज भी चुराह के युवा एव तेजतरार नेता एव विधान सभा उपाध्यक्ष शिक्षा पे ज्यादा जोर देते हैं उन्होंने आज राजकीय बरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चिल्ली में नोवी और दसवीं के बच्चों को दो घंटे तक हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों को पढाया और उन्हें सिविल सेवा सहित नेता बनने के लिए भी बताया उन्होंने कहा की नेता और अधिकारी बनना कोई बड़ी बात नहीं हैं ,में आपके सामने बहुत बड़ा उदहारण हूँ जो आपने बनाया हैBody:बेहतर शिक्षा के लिए उन्होंने बछो से आह्वान किया की जो आज मैंने आपको पढ़ाया है उसे ठीक 15 दिन बाद में फिर पूछूंगा ,ताकि मुझे बी मालूम हो की आप कितना पढता है .सबसे पड़ी बात ये हैं की हंस राज शिक्षक रहे हैं तो उन्हें बच्चों को देखकर शायद कॉलेज के दिन याद आये जब वो वहां बच्चों को पढ़ाते थे .Conclusion:वाही दूसरी और विधान सभा उपाध्यक्ष हंस राज ने बताया की आज मुझे चिल्ली स्कूल में आने का मौका मिला और बछो के साथ बातचीत की और उन्हें टिप्स दिए और उन्हें कहा हैं की जो मैंने आपको बताय इसको 15 दिन के बाद पूछूंगा ,क्यूंकि में खुद शिक्षक रहा हूँ तो सरकार द्वारा चलाई जा रही योनाओं सहित शिक्षा को लेकर सरकार की मोनिटरिंग भी हो जाती हैं में कोशिश करता रहता हूँ की स्कूलों में जाकर अगर 50 या 500 बच्चे भी मेरी नबात को फोलो करते हैं तो मुझे तो ख़ुशी होगी और अधिकारी नेता बनना बड़ी बात नहीं
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