चंबा: जिला चंबा में रियासत काल में राजाओं के समय में राजा को भेंट के रूप में चंबा थाल दिया जाता था जो परंपरा उस समय शुरू हुई थी वह आज भी चल रही है. आज भी जब शादी विवाह या किसी मुख्य अतिथि को कोई चीज भेंट करनी होती है तो चंबा थाल को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाती है.
यही कारण है कि चंबा थाल धीरे-धीरे अपनी अलग पहचान बना रहा है. चंबा थाल को बनाने के लिए 2 से 3 दिन का समय लग जाता है. जिस पर कारीगर पीतल की सीट को भगवान विष्णु ब्रह्मा सहित कई देवी-देवताओं के चित्र को अंकित करते हैं. इसके अलावा अलग-अलग डिजाइन से तैयार किया जाता है.
यह थाल बाजार में काफी महंगा भी बिकता है. देश के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी की बेटी की शादी में भी चंबा थाल दिया गया था. बता दें कि इस साल को बनाने के लिए चंबा जिला में कई कारीगर पिछले काफी सालों से कार्य कर रहे हैं.
वहीं, ओलंपिक में मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करने के लिए साथ ही उनके सम्मान में यह थाल देश के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर उन्हें प्रदान कर रहे हैं. जिसके बाद समूचे चंबा जिला में खुशी का माहौल है.
बता दें कि चंबा थाल को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान देश के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिलाई है. जिस पर चंबा के कारीगर काफी खुश दिखाई दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से देश के खेल मंत्री ने चंबा थाल को खिलाड़ियों को सम्मान के रूप में दिया है उससे यह कला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखने को मिलेगी इससे हमारा कारोबार भी बढ़ेगा.
वहीं, दूसरी ओर थाल बनाने वाले कारीगरों गौरव आनंद, सुरेश कुमार और राजेश आनंद का कहना है कि यह थाल की परंपरा राजाओं के समय से चली आ रही है और उसी को देखते हुए आज भी थाल बनाए जाते हैं, लेकिन जिस तरह से देश को मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने चंबा थाल देकर सम्मानित किया है उसे कहीं न कहीं चंबा थाल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है.
वहीं, इससे कारोबारियों में खुशी है क्योंकि अब चंबा थाल अलग पहचान के साथ दिखाई देगा और इसके लिए उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का धन्यवाद किया है साथ ही कहा है कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाने के लिए माननीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की जितनी तारीफ की जाए कम है.
चंबा थाल की कीमत भी काफी ज्यादा है, क्योंकि कारीगरों को बनाने में एक से तीन दिन लग जाते हैं. ऐसे में छोटे थाल की कीमत तीन हजार, जबकि बड़े थाल की कीमत आठ हजार रुपये के करीब है. ऐसे में कारीगरों में काफी खुशी देखी जा रही है. इस हस्तशिल्प कला में चंबा जिला के प्रकाश चांद जैसे कारीगरों में राष्ट्रपति अवार्ड भी मिले चुके हैं.
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