चंबाः प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर सुविधाएं देने का दावा तो करती हैं, मगर यह दावा केवल भाषणों तक सीमित दिख रहा है. जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. अगर जिला चंबा की बात करें तो यहां आज भी कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर काम किया जाना है. चंबा-तीसा मुख्य मार्ग पर कई सड़क हादसे हुए हैं.
हर हादसे के बाद सरकार मजिस्ट्रेट जांच की बात करती है लेकिन इसका कुछ निष्कर्ष सामने नहीं आता है. बीते दिन चंबा-तीसा मार्ग पर भीषण सड़क हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 9 लोग घायल हुए थे. अभी तक सरकार ने इन हादसों से कोई सबक नहीं लिया है और सड़कों का चौड़ीकरण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं
चंबा-तीसा मार्ग पर पैराफिट, क्रैश बैरियर ना होना सबसे बड़ी चुनौती है. जिला के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में रोजाना सैकड़ों मरीज दूर-दराज इलाकों से इलाज के लिए आते हैं. इन रास्तों से गुजरते समय लोगों के मन में किसी अनहोनी को लेकर हमेशा डर बना होता है. वाहन चालक भी इस हादसे के बाद काफी डरे हुए हैं.
लोगों ने सरकार से की ये मांग
स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि चंबा तीसा मुख्य मार्ग के हालत को बेहतर किया जाए. जहां पर ब्लैक स्पॉट हैं उन्हें ठीक करने के साथ ही क्रैश बैरियर लगाए जाएं. ताकि हादसों में कमी आ सके.
मुख्य मार्ग की हालत बेहद खराब
दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि चंबा-तीसा मुख्य मार्ग की हालत बेहद खराब है. इसे सुधारने की आवश्यकता है. पिछले काफी समय से कई जगह क्रैश बैरियर और पैराफिट नहीं है, जिसकी वजह से यह हादसे होते हैं. सरकार को तुरंत इस मार्ग की ओर ध्यान देना चाहिए. लोगों का बस एक ही सवाल है कि आखिरकार सरकार हादसों के बाद क्यों जागती है?
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