बिलासपुरः कोरोना वायरस को मात देने के लिए हर कोई व्यक्तिगत या संगठनिक तौर पर अपना योगदान दे रहा है, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अस्पताल में उपचाराधीन लोगों की मदद के लिए स्वेच्छा से आगे आ रहे हैं.
भोजन और दवाईयों की उपलब्धता पर सरकार संवेदनशील है लेकिन जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहे लोगों के वर्तमान में रक्त मुहैया करवाना एक चुनौती का विषय है. बावजूद इसके नगर में कुछ युवक ऐसे भी हैं जो सदैव दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं.
ऐसा ही एक मामला गुरूवरा को सामने आया. शहर का युवक विकास टेस्सू पेशे से इलेक्ट्रानिक व्यवसाय और प्रोफैशनली क्रिकेटर हैं. जब विकास टेस्सू को रक्तदान की सूचना मिली तो वह तुरंत अस्पताल पहुंच गए और रक्तदान किया.
व्यास रक्तदाता समिति के प्रभारी कर्ण चंदेल ने बताया कि जब भी उनकी समिति की ओर कोई रक्त की डिमांड आती है तो विकास टेस्सू जैसे युवा तुरंत मामले की संवेदनशीला को देखते हुए अस्पताल पहुंच जाते हैं.
यही नहीं वे अस्पताल प्रशासन की ओर से मिलने वाली रिफ्रैशमेंट राशि को भी वहीं पर दान कर देते हैं. कर्ण चंदेल की मानें तो मौजूदा हालातों में ऐसे युवा समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. उन्होंने कहा कि महामारी को हराने के लिए हमें एक-दूसरे की मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए.
वहीं, विकास टेस्सू ने कहा कि यह विज्ञान का ही चमत्कार है कि किसी का रक्त जब दूसरे के शरीर को न सिर्फ जीवन देता है बल्कि जब रक्त का दूसरे के शरीर में प्रवाह होता है तो सोच अदभुत आनंद को प्रफुलित करती है.
दर्जनों बार जरूरतमंदों के काम आ चुके विकास टेस्सू का मानना है कि रक्तदान हर समाजिक एवं धार्मिक विसंगति पर चोट कर इंसान को इंसान बनाने की वैज्ञानिक प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने भले ही देश को एक सूत्र और सोच में बांध कर रख दिया है लेकिन मन के भीतर सदियों से बस चुके वायरस के खात्मे के लिए रक्तदान करना और इसके महत्व को समझना अतिआवश्यक है.
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