घुमारवीं: उपतहसील भराड़ी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गतवाड़ के गावं लढ़यानी में उपतहसील भवन को लेकर चयनित भूमि पर उपतहसील भवन न बनाने को लेकर गुस्साए ग्राम सुधार समिति के सदस्य ने सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल (hunger strike in bharari Bilaspur) की. इस भूख हड़ताल में दिनानाथ शर्मा ,उप प्रधान गतवाड़ पंचायत अजय शर्मा ,वार्ड सदस्य देव राज शर्मा, मनोहर लाल, विष्णु शंकर, सुशील सहित सदस्य विशेष रूप से (Ladhayani villagers hunger strike) मौजूद रहे.
ग्राम सुधार समिति (village reform committee bilaspur) के प्रधान दिनानाथ शर्मा ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से लढ़यानी में चयनित हुई भूमि पर अब तक भवन निर्माण को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही जो कि अपने आप में एक सोचने का विषय है. उन्होंने बताया की तत्कालीन जिलाधीश अजय शर्मा द्वारा उपतहसील भवन के लिए उपयुक्त जमीन बताई गई थी व खसरा नंबर 481/132 रकबा 1बीघा 18 विस्वा भूमि राजस्व विभाग के नाम इंतकाल कर भवन निर्माण को कर दी गयी थी. लेकिन अभी तक कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई.
दिनानाथ शर्मा ने बताया कि उस समय के घोषित हुए भवनों को अपने भवन भी मिल गए, लेकिन अभी तक उपतहसील भराड़ी (लढ़यानी) को क्यों नहीं. उपतहसील अभी तक निजी भवन में चल रही है व लाखों रुपए अब तक किराये के रूप में दिए जा चुके हैं जो कि सरकार व विभाग के कोष की भी बर्बादी है. इसलिए इसी मुद्दे को लेकर समिति के सदस्य भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
उप प्रधान अजय शर्मा ने बताया कि उपतहसील भराड़ी में बहुत से कार्यालय निजी भवनों में चल रहे हैं, जो लाखों रुपए निजी भवन मालिकों को सरकारी कोष से लुटाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मंत्री बार-बार मिनी सचिवालय बनाने की बात करते हैं तो क्यों विद्युत भवन, जल शक्ति विभाग के कार्यालयों को अलग भवन बनाकर धन खर्च किया जा रहा है. जब लढ़यानी में सरकार की खुद की जमीन चार बीघा है, ऐसे में मिनी सचिवालय का निर्माण कर सभी विभागों को एक जगह कर दिया जाए जिससे समय और धन की सही बचत हो (ghumarwin Commanman Issue) सकेगी.
पिछले सात वर्षों से एक जल भंडारण टैंक का निर्माण हुआ है, जिसके लिए ख्याली राम जसवाल ने भूमि दान दी थी लेकिन अब तक उस टैंक में विभाग पानी नहीं डाल पाया. इस तरह के विषय सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाने को व सोचने पर विवश करते हैं. अजय शर्मा ने बताया कि अभी तक कृषि प्रसार डिपो, उधान विभाग कार्यालय निजी भवनों में चल रहा, स्वीकृत उप तहसील भवन की चयनित भूमि पर सरकार, विभाग द्वारा राजनीति की जा रही है. अजय शर्मा ने चेताते हुए कहा कि अगर सरकार इन विषयों को गंभीरता से नहीं लेती तो ये भूख हड़ताल जनता हित को देखते हुए चक्का जाम या आमरण अनशन के रूप में भी तब्दील हो सकती है.
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