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बिलासपुरः कोलडैम में डाला जाएगा ट्राउट मछली का बीज, ट्रायल रहा सफल

कोलडैम में ट्राउट मछली के उत्पादन के लिए पायलट आधार पर काम शुरू किया गया है. कसोल के पास 24 केज लगाए गए हैं. मत्सय विभाग ने कोलडैम में ट्रायल के आधार पर ट्राउट का बीज केज कल्चर में डाला था, जो सफल रहा है. विभाग इसी आधार पर ट्राउट का करीब 15 हजार बीज डालने जा रहा है.

Trout Fish in Koldam Himachal
Trout Fish in Koldam Himachal
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Published : Oct 9, 2020, 5:40 PM IST

बिलासपुरः अब जिला बिलासपुर के कोलडैम में भी ट्राउट मछली तैयार हो पाएगी. मत्स्य विभाग ने कोलडैम में ट्राउट के उत्पादन के लिए पायलट आधार पर काम शुरू किया है, जिससे ये उम्मीद बंधी है. ट्राउट मत्स्य पालन के लिए विभाग ने कल्चर प्रोजेक्ट का सहारा लिया है. इसके तहत विभाग ने कोलडैम में कसोल के पास 24 केज लगाए हैं. मत्स्य पालन विभाग ने कोलडैम में ट्रायल के आधार पर ट्राउट मछली का बीज केज कल्चर में डाला था, जो सफल बताया जा रहा है.

मत्सय विभाग इसी आधार पर अब कोलडैम में ट्राउट के 15 हजार बीज डालेगा. फिर भी विभाग कोलडैम में ट्राउट के लिए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को परखेगा कि वह बेहतर है या नहीं. ट्राउट के लिए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा अन्य मछलियों की अपेक्षा अधिक चाहिए होती है. अगर मत्स्य विभाग का प्रयास सफल रहा तो भविष्य में कोलडैम में ट्राउट के उत्पादन का रास्ता साफ हो जाएगा. इससे जहां मछुआरों की आर्थिकी मजबूत होगी.

बता दें कि अब तक हिमाचल में ट्राउट मछली का उत्पादन ऊपरी जिलों में होता है और अन्य मछलियों की अपेक्षा ट्राउट की मांग अधिक रहती है. गौरतलब है कि ट्राउट मछली के बीज डालने से अगर यह उत्पादन सही रहता है तो यहां के लोगों के लिए यह रोजगार का साधन बन सकता है.

वहीं, मत्स्य विभाग की बात करें तो यह विभाग लोगों के रोजगार के लिए बेहतर विभाग है. विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत यहां पर लोग मत्स्य पालन का उत्पादन करके रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.

उधर, मत्स्य विभाग के डायरेक्टर सतपाल महैता का कहना है कि कोलडैम में ट्राउट के उत्पादन के लिए पायलट आधार पर काम शुरू किया गया है. कसोल के पास 24 केज लगाए हुए हैं. विभाग ने कोलडैम में ट्रायल के आधार पर ट्राउट का बीज केज कल्चर में डाला था, जो सफल रहा है. विभाग इसी आधार पर ट्राउट का करीब 15 हजार बीज डालने जा रहा है.

ये भी पढ़ें- पुरबनी गांव में तूफान ने मचाई तबाही, सेब की फसल बर्बाद होने से बागवानों की बढ़ी मुश्किलें

ये भी पढ़ें- इटरनल विश्वविद्यालय बड़ू साहिब के डॉ. नीरज का बजा डंका, 30 लाख की परियोजना राशि से सम्मानित

बिलासपुरः अब जिला बिलासपुर के कोलडैम में भी ट्राउट मछली तैयार हो पाएगी. मत्स्य विभाग ने कोलडैम में ट्राउट के उत्पादन के लिए पायलट आधार पर काम शुरू किया है, जिससे ये उम्मीद बंधी है. ट्राउट मत्स्य पालन के लिए विभाग ने कल्चर प्रोजेक्ट का सहारा लिया है. इसके तहत विभाग ने कोलडैम में कसोल के पास 24 केज लगाए हैं. मत्स्य पालन विभाग ने कोलडैम में ट्रायल के आधार पर ट्राउट मछली का बीज केज कल्चर में डाला था, जो सफल बताया जा रहा है.

मत्सय विभाग इसी आधार पर अब कोलडैम में ट्राउट के 15 हजार बीज डालेगा. फिर भी विभाग कोलडैम में ट्राउट के लिए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को परखेगा कि वह बेहतर है या नहीं. ट्राउट के लिए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा अन्य मछलियों की अपेक्षा अधिक चाहिए होती है. अगर मत्स्य विभाग का प्रयास सफल रहा तो भविष्य में कोलडैम में ट्राउट के उत्पादन का रास्ता साफ हो जाएगा. इससे जहां मछुआरों की आर्थिकी मजबूत होगी.

बता दें कि अब तक हिमाचल में ट्राउट मछली का उत्पादन ऊपरी जिलों में होता है और अन्य मछलियों की अपेक्षा ट्राउट की मांग अधिक रहती है. गौरतलब है कि ट्राउट मछली के बीज डालने से अगर यह उत्पादन सही रहता है तो यहां के लोगों के लिए यह रोजगार का साधन बन सकता है.

वहीं, मत्स्य विभाग की बात करें तो यह विभाग लोगों के रोजगार के लिए बेहतर विभाग है. विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत यहां पर लोग मत्स्य पालन का उत्पादन करके रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.

उधर, मत्स्य विभाग के डायरेक्टर सतपाल महैता का कहना है कि कोलडैम में ट्राउट के उत्पादन के लिए पायलट आधार पर काम शुरू किया गया है. कसोल के पास 24 केज लगाए हुए हैं. विभाग ने कोलडैम में ट्रायल के आधार पर ट्राउट का बीज केज कल्चर में डाला था, जो सफल रहा है. विभाग इसी आधार पर ट्राउट का करीब 15 हजार बीज डालने जा रहा है.

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