बिलासपुर: आज शारदीय नवरात्र का आठवां दिन है. जिसे अष्टमी के रूप में भी जाना जाता (Shardiya Navratri 2022) है. नवरात्र के आठवें दिन भगवती के महागौरी रूप की पूजा की जाती है. माता महागौरी की पूजा से आरोग्य की प्राप्ति होती है और सारे कष्ट दूर होते (Maa Mahagauri Puja) हैं. हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में भी अष्टमी के दिन काफी भीड़ है. लोग बाहरी राज्यों से यहां के शक्तिपीठों में मां के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं. जिला बिलासपुर स्थित विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में आज सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. लोग दूर-दूर से माता के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं.
रात 2 बजे खोले मंदिर के कपाट: विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर को अष्टमी के दिन विशेष रूप से सजाया गया (Shaktipeeth Shri Naina Devi ) है. मंदिर में बड़े ही धूमधाम से अष्टमी मनाई जा रही है. अष्टमी के इस पावन पर्व के उपलक्ष पर मंदिर में पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचे रहे (Devotees in Naina Devi temple on Durga Ashtami) हैं. श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ मंदिर के कपाट रात्रि 2:00 बजे खोल दिए गए थे. रात्रि 2:00 बजे से ही श्रद्धालु लंबी-लंबी कतारों में लगकर मां के जयकारे लगाते हुए मां के दर्शन कर खुशहाली की कामना कर रहे हैं.
हवन कर डाली आहुतियां: मंदिर के पुजारी दीपक भूषण ने अष्टमी पर मां की विधिवत रूप से पूजा -अर्चना की और हवन यज्ञ कर कन्या पूजन किया. उसके बाद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर के इस पावन परिसर में स्थित पौराणिक हवन कुंड में हवन किया और आहुतियां डाली. वहीं, बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालुओं भी मां के दर्शन के लिए काफी उत्साहित दिखे.
दंडवत प्रणाम कर पहुंचे मां के दरबार: कुछ श्रद्धालु पहली पौड़ी से दंडवत होते हुए मां के दरबार तक पहुंचे. श्रद्धालुओं का कहना है कि माता उनकी हर मनोकामना पूरी करती है.बता दें कि हिमाचल प्रदेश का विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी 51 शक्तिपीठों में से एक (Naina Devi temple in bilaspur) है. कहते हैं कि यहां पर माता सती के नेत्र गिरे हैं, इसलिए इस तीर्थ स्थल को श्री नैना देवी के नाम से जाना जाता है.
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