बिलासपुरः कोरोना महामारी के चलते इस बार फायर सीजन के दौरान जंगलों में आग की घटनाओं में कमी दर्ज की गई. जहां पिछले साल अब तर आग की 132 घटनाएं सामने आई थीं. वहीं, इस बार जंगलों में आग लगने की महज 46 घटनाएं ही सामने आई हैं. इन आगजनी की घटनाओ में वन संपदा को लगभग ग्यारह लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है.
विभाग की मानें तो आने वाले समय में वनों की सुरक्षा के लिए और पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. साथ ही जंगलों को हरा भरा बनाने व इनका दायरा बढ़ाने के मद्देनजर बड़े स्तर पर पौधरोपण भी किया गया है.
जानकारी के मुताबिक बिलासपुर वन मंडल में 2017-18 में आग की 120 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिसके तहत 1010.44 हेक्टेयर एरिया को 10,33,975 रुपए के नुकसान का आकलन किया गया था. इसी तरह 2018-19 में आग की 307 घटनाएं हुईं, जिसमें 5473.4 हेक्टेयर एरिया को 5,88,0425 रुपए का नुकसान हुआ था.
2019-20 में जंगलों में आग की 132 घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें 681.975 हेक्टेयर एरिया को 17,70,000 रुपए का नुकसान हुआ था और इसी साल 2020-21 में कुल 46 घटनाएं आग की पेश आई हैं, जिसके तहत 354.50 हेक्टेयर एरिया को 10.89 लाख रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है.हालांकि इस बार आग की घटनाओं के आंकड़े में कोरोना काल के चलते कमी पाई गई है.
वहीं, वन वृत्त बिलासपुर के मुख्य अरण्यपाल देवराज कौशल ने बताया कि इस बार जंगलों में आग की घटनाओं में कमी पाई गई है. क्योंकि कोरोनाकाल के चलते जंगल सुरक्षित रहे और मौसम भी ठीक ही रहा. उन्होंने बताया कि बिलासपुर वृत्त में 493 हेक्टेयर एरिया में पौधरोपण का काम किया जा रहा है, जिसके तहत 215454 पौधे लगाए जाएंगे.
बिलासपुर डिवीजन में 215.30 हेक्टेयर एरिया में 88170 पौधे तो वहीं, कुनिहार डिवीजन में 222.44 हेक्टेयर एरिया में 127284 पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी तक पौधरोपण लक्ष्य के तहत 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकि पांच फीसदी का काम एक हफ्ते के अंदर पूरा कर लिया जाएगा.