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बिलासपुर अस्पताल में एनेस्थीसिया चिकित्सक नहीं कर रहे बेहोश, मरीजों को हो रही परेशानी

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Published : Jan 5, 2020, 3:06 PM IST

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में कई दिनों से दर्द झेल रहे मरीजों को ऐन वक्त पर रेफर किया जा रहा है जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है. क्षेत्रीय अस्पताल में तीन ऑपरेशन थियेटर है लेकिन इनमें से दो का उपयोग नहीं किया जा रहा और करोड़ों रुपये के उपकरण उनमें बेकार पड़े हुए हैं.

Bilaspur hospital operation theatre
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर

बिलासपुर: क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में कई दिनों से दर्द झेल रहे मरीजों को ऐन वक्त पर रेफर किया जा रहा है जिससे उनका दर्द कम होने की बजाए और अधिक बढ़ रहा है. सोमवार रात को क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर से दो ऐसे मरीजों को अचानक शिमला रेफर किया गया जिनका यहीं पर ऑपरेशन किया जाना तय था और परिजनों ने भी उसकी पूरी तैयारी की हुई थी.

बता दें कि बिलासपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में तीन ऑपरेशन थियेटर है लेकिन इनमें से दो का उपयोग नहीं किया जा रहा और करोड़ों रुपये के उपकरण उनमें बेकार पड़े हुए हैं. डॉक्टर अपनी सुविधा के अनुसार बारी-बारी से एक ऑपरेशन थियेटर का ही प्रयोग करते हैं. यहां अलग-अलग बीमारियों के ऑपरेशन के दिन भी अलग निर्धारित किए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

बीते सोमवार को दो मरीजों किशोरी लाल व गोदावरी के ऑपरेशन की पूरी तैयारी थी और उन्हें सुबह से भूखा रखा गया था. दोपहर बाद मरीजों को बताया गया कि ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट ओटी, अवकाश पर चला गया है. मरीजों के परिजनों ने यह बात सीएमओ और चिकित्सा अधीक्षक को बताई तो उनके आग्रह पर सीएमओ ने घुमारवीं के ओटी को बिलासपुर बुला लिया ताकि मरीजों का मंगलवार को ऑपरेशन किया जा सके.

बता दें कि मंगलवार को गंभरोला के नजदीक छात्रों की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसमें घायलों का दोपहर तक अस्पताल में उपचार चलता रहा. शाम के समय जब मरीजों के ऑपरेशन की बारी आई तो एनेस्थिसिया के डॉक्टर उन्हें कथित तौर पर बेहोश करने से मुकर गए और दोनों मरीजों को शाम करीब छह बजे शिमला के लिए रेफर कर दिया गया. मरीजों के परिजनों ने कहा कि वह इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे ताकि भविष्य में किसी मरीज के साथ ऐसा न हो और उसका निर्धारित समय पर इलाज संभव हो सके.

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश अहलूवालिया ने कहा कि मामला ध्यान में आया है और इसकी जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल के तीनों एनेस्थिसिस्ट बड़े मेहनती हैं और वह ऐसा नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि अस्पताल में एक ही ओटी है और उसके अवकाश या अन्य विभागीय कार्य से बाहर जाने से यह समस्या उत्पन्न होती है. इसमें यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है तो निश्चित रूप से उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल को बचाना है: नशे के खिलाफ सरकार उठाए सख्त कदम, कांग्रेस करेगी सहयोग- कुलदीप राठौर

बिलासपुर: क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में कई दिनों से दर्द झेल रहे मरीजों को ऐन वक्त पर रेफर किया जा रहा है जिससे उनका दर्द कम होने की बजाए और अधिक बढ़ रहा है. सोमवार रात को क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर से दो ऐसे मरीजों को अचानक शिमला रेफर किया गया जिनका यहीं पर ऑपरेशन किया जाना तय था और परिजनों ने भी उसकी पूरी तैयारी की हुई थी.

बता दें कि बिलासपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में तीन ऑपरेशन थियेटर है लेकिन इनमें से दो का उपयोग नहीं किया जा रहा और करोड़ों रुपये के उपकरण उनमें बेकार पड़े हुए हैं. डॉक्टर अपनी सुविधा के अनुसार बारी-बारी से एक ऑपरेशन थियेटर का ही प्रयोग करते हैं. यहां अलग-अलग बीमारियों के ऑपरेशन के दिन भी अलग निर्धारित किए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

बीते सोमवार को दो मरीजों किशोरी लाल व गोदावरी के ऑपरेशन की पूरी तैयारी थी और उन्हें सुबह से भूखा रखा गया था. दोपहर बाद मरीजों को बताया गया कि ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट ओटी, अवकाश पर चला गया है. मरीजों के परिजनों ने यह बात सीएमओ और चिकित्सा अधीक्षक को बताई तो उनके आग्रह पर सीएमओ ने घुमारवीं के ओटी को बिलासपुर बुला लिया ताकि मरीजों का मंगलवार को ऑपरेशन किया जा सके.

बता दें कि मंगलवार को गंभरोला के नजदीक छात्रों की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसमें घायलों का दोपहर तक अस्पताल में उपचार चलता रहा. शाम के समय जब मरीजों के ऑपरेशन की बारी आई तो एनेस्थिसिया के डॉक्टर उन्हें कथित तौर पर बेहोश करने से मुकर गए और दोनों मरीजों को शाम करीब छह बजे शिमला के लिए रेफर कर दिया गया. मरीजों के परिजनों ने कहा कि वह इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे ताकि भविष्य में किसी मरीज के साथ ऐसा न हो और उसका निर्धारित समय पर इलाज संभव हो सके.

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश अहलूवालिया ने कहा कि मामला ध्यान में आया है और इसकी जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल के तीनों एनेस्थिसिस्ट बड़े मेहनती हैं और वह ऐसा नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि अस्पताल में एक ही ओटी है और उसके अवकाश या अन्य विभागीय कार्य से बाहर जाने से यह समस्या उत्पन्न होती है. इसमें यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है तो निश्चित रूप से उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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Intro:बिलासपुर में मरीजांे को किया जा रहा रैफर
अस्पताल में एनेस्थीसिया चिकित्सक नहीं कर रहे बेहोश
मरीजों के परिजनों नंे कहा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर करेंगे शिकायत

बिलासपुर।
प्रदेश सरकार हर मंच पर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के दावे करती है। काफी हद तक अब यह दावे भी सही साबित हो रहे हैं, लेकिन क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में डॉक्टर ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने पर तुले हुए हैं। कई दिनों से दर्द झेल रहे मरीजों को ऐन वक्त पर रेफर किया जा रहा है, जिससे उनका दर्द कम होने की बजाए और अधिक बढ़ रहा है। बीती रात को क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर से दो ऐसे मरीजों को अचानक शिमला रेफर किया गया, जिनका यहीं पर ऑपरेशन किया जाना तय था और परिजनों ने भी उसकी पूरी तैयारी की हुई थी। Body:
बता दें कि बिलासपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में तीन ऑपरेशन थियेटर है, लेकिन इनमें से दो का उपयोग नहीं किया जा रहा और करोड़ों रुपये के उपकरण उनमें बेकार पड़े हुए हैं। डॉक्टर अपनी सुविधा के अनुसार बारी-बारी से एक ऑपरेशन थियेटर का ही प्रयोग करते हैं। यहां अलग-अलग बीमारियों के आपरेशन के दिन भी अलग निर्धारित किए हैं। सोमवार का दिन ऑर्थो के मरीजों का है। बीते सोमवार को दो मरीजों किशोरी लाल व गोदावरी के ऑपरेशन की पूरी तैयारी थी और उन्हें सुबह से भूखा रखा गया था।
दोपहर बाद मरीजों को बताया गया कि ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट ओटी, अवकाश पर चला गया है। मरीजों के परिजनों ने यह बात सीएमओ और चिकित्सा अधीक्षक को बताई तो उनके आग्रह पर सीएमओ ने घुमारवीं के ओटी, को बिलासपुर बुला लिया ताकि मरीजों का मंगलवार को ऑपरेशन किया जा सके। मंगलवार को गंभरोला के समीप छात्रों की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसमें घायलों का दोपहर तक अस्पताल में उपचार चलता रहा।
शाम के समय जब मरीजों के ऑपरेशन की बारी आई तो एनेस्थिसिया के डॉक्टर उन्हें कथित तौर पर बेहोश करने से मुकर गए और दोनों मरीजों को शाम करीब छह बजे शिमला के लिए रेफर कर दिया गया। मरीजों के परिजनों ने कहा कि वह इस मामले की शिकायत मु ख्यमंत्री से करेंगे ताकि भविष्य में किसी मरीज के साथ ऐसा न हो और उसका निर्धारित समय पर इलाज संभव हो सके।

1-किशोरी लाल
2-गोदावरी
Conclusion:
बॉक्स,
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ, राजेश अहलूवालिया से फोन पर हुए संपर्क पर उन्होंने कहा कि मामला ध्यान में आया है और इसकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल के तीनों एनेस्थिसिस्ट बड़े मेहनती हैं और वह ऐसा नहीं कर सकते, लेकिन इसके पीछे क्या कारण रहे, इसका पता लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल में एक ही ओटी, है और उसके अवकाश या अन्य विभागीय कार्य से बाहर जाने से यह समस्या उत्पन्न होती है। कहा कि इसमें यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है तो निश्चित रूप से उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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