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लंबे अंतराल के बाद खुले मां नैना देवी के कपाट, बरती जा रही हैं ये सावधानियां

बिलासपुर में शक्तिपीठ मां नैना देवी सहित जिला के अन्य पौराणिक मंदिर खुल गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी की गाइडलाइन के तहत भक्तों को दर्शन करवाएं जा रहे हैं. साथ ही मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु डाउनलोड करना अनिवार्य किया गया है, जबकि शादी, मुंडन व लंगरों पर प्रतिबंध जारी रहेगा.

maa naina devi temple opened after long in bilaspur
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Published : Sep 10, 2020, 1:12 PM IST

बिलासपुर: आखिरकार लंबे अंतराल के बाद जिला के शक्तिपीठ मां नैना देवी सहित जिला के अन्य पौराणिक मंदिर खुल गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी की गाइडलाइन को पूरा करते हुए मंदिर न्यास की ओर से यहां पर आ रहे श्रद्वालुओं को भगवान के दर पर माथा टिकवाया जा रहा हैं. मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना को दौरान सभी भक्त मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए नजर आए.

बता दें कि कोरोना काल के चलते ये मंदिर पांच महीने से बंद थे, जिसके चलते लोग अपने घरों में ही पूजा-अर्चना करते थे. ऐसे में अब मंदिर खुलने से भक्तों में खुशी की लहर है. केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी स्टैंडर्ड ऑप्रेटिंग प्रोसिजर एसओपी के तहत गुरूवार को शक्तिपीठ श्री नैना देवी के अलावा बाबा बालकनाथ मंदिर शाहतलाई, बिलासपुर में श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर और मारकंडेय मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं.

वीडियो.

बात अगर बिलासपुर के आराध्य देव बाबा नाहर सिंह मंदिर की करें, तो शहर वासियों ने लगभग पांच माह बाद यहां पर शीश नवाया है. शहर के बीचों-बीच व पौराणिक लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूरी सुरक्षा प्रबंधों को देखते हुए श्रद्वालुओं को मंदिर में प्रवेश करवाया जा रहा है. वहीं, मंदिर न्यास की ओर से मंदिर परिसर में लाउड स्पीकर के माध्यम से कोविड-19 के बारे कई एहतियात बरतने के बारे में जागरूक किया जा रहा है.

मंदिर पुजारियों ने बताया कि मंदिरों की घंटियां पूरी तरह से ढकी हुई हैं. किसी को भी मंदिर व किसी अन्य स्थान को छूने के लिए प्रतिबंध है. साथ ही एसओपी की गाइडलाइन को पूरा करते हुए दर्शन करवाए जा रहे है. उन्होंने कहा कि थर्मल स्कैनिंग के साथ ही भक्तों का पूरा विवरण दर्ज किया जा रहा है और मंदिर परिसर की मुख्य जगहों पर सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई है.

पुजारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए फेसमास्क व सामाजिक दूरी के लिए जागरूक किया जा रहा है, जबकि मारकंडेय मंदिर व रूकमणि कुंड में स्नान भी वर्जित किया गया है. उन्होंने कहा कि 65 साल के बुजुर्गों के अलावा गर्भवती महिलाएं व दस साल तक के बच्चों को घर पर ही रहने की अपील की जा रही है.

पुजारियों ने बताया कि मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु डाउनलोड करना अनिवार्य किया गया है, जबकि शादी, मुंडन व लंगरों पर प्रतिबंध जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि मंदिरों में भजन, र्कीतन सहित मंदिर परिसर में बैठना मना है. वहीं, मंदिर में प्रसाद को लेकर भी प्रतिबंध है.

मंदिरों में सोशल डिस्टेसिंग सहित सारी व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग अहम भूमिका निभा रहा है. पुलिस विभाग के कर्मचारी सोशल डिस्टेसिंग सहित लोगों को कोविड के बारे जागरूक भी कर रहे हैं. साथ ही सीसीटीवी के माध्यम से मंदिर परिसर पर पूरी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.

ये भी पढ़ें: बीएमसी के खिलाफ कंगना की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज

बिलासपुर: आखिरकार लंबे अंतराल के बाद जिला के शक्तिपीठ मां नैना देवी सहित जिला के अन्य पौराणिक मंदिर खुल गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी की गाइडलाइन को पूरा करते हुए मंदिर न्यास की ओर से यहां पर आ रहे श्रद्वालुओं को भगवान के दर पर माथा टिकवाया जा रहा हैं. मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना को दौरान सभी भक्त मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए नजर आए.

बता दें कि कोरोना काल के चलते ये मंदिर पांच महीने से बंद थे, जिसके चलते लोग अपने घरों में ही पूजा-अर्चना करते थे. ऐसे में अब मंदिर खुलने से भक्तों में खुशी की लहर है. केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी स्टैंडर्ड ऑप्रेटिंग प्रोसिजर एसओपी के तहत गुरूवार को शक्तिपीठ श्री नैना देवी के अलावा बाबा बालकनाथ मंदिर शाहतलाई, बिलासपुर में श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर और मारकंडेय मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं.

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बात अगर बिलासपुर के आराध्य देव बाबा नाहर सिंह मंदिर की करें, तो शहर वासियों ने लगभग पांच माह बाद यहां पर शीश नवाया है. शहर के बीचों-बीच व पौराणिक लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूरी सुरक्षा प्रबंधों को देखते हुए श्रद्वालुओं को मंदिर में प्रवेश करवाया जा रहा है. वहीं, मंदिर न्यास की ओर से मंदिर परिसर में लाउड स्पीकर के माध्यम से कोविड-19 के बारे कई एहतियात बरतने के बारे में जागरूक किया जा रहा है.

मंदिर पुजारियों ने बताया कि मंदिरों की घंटियां पूरी तरह से ढकी हुई हैं. किसी को भी मंदिर व किसी अन्य स्थान को छूने के लिए प्रतिबंध है. साथ ही एसओपी की गाइडलाइन को पूरा करते हुए दर्शन करवाए जा रहे है. उन्होंने कहा कि थर्मल स्कैनिंग के साथ ही भक्तों का पूरा विवरण दर्ज किया जा रहा है और मंदिर परिसर की मुख्य जगहों पर सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई है.

पुजारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए फेसमास्क व सामाजिक दूरी के लिए जागरूक किया जा रहा है, जबकि मारकंडेय मंदिर व रूकमणि कुंड में स्नान भी वर्जित किया गया है. उन्होंने कहा कि 65 साल के बुजुर्गों के अलावा गर्भवती महिलाएं व दस साल तक के बच्चों को घर पर ही रहने की अपील की जा रही है.

पुजारियों ने बताया कि मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु डाउनलोड करना अनिवार्य किया गया है, जबकि शादी, मुंडन व लंगरों पर प्रतिबंध जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि मंदिरों में भजन, र्कीतन सहित मंदिर परिसर में बैठना मना है. वहीं, मंदिर में प्रसाद को लेकर भी प्रतिबंध है.

मंदिरों में सोशल डिस्टेसिंग सहित सारी व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग अहम भूमिका निभा रहा है. पुलिस विभाग के कर्मचारी सोशल डिस्टेसिंग सहित लोगों को कोविड के बारे जागरूक भी कर रहे हैं. साथ ही सीसीटीवी के माध्यम से मंदिर परिसर पर पूरी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.

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