बिलासरपुर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने को लेकर दो बार नोटिस जारी करने के बावजूद जवाब संतोषजनक न पाए जाने के चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिलासपुर नगर परिषद को जुर्माना लगा दिया है. प्रतिदिन के हिसाब से 5 हजार रूपये पेनल्टी लगेगी.
इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से रिकोमेंडेशन के लिए फाईनल मेंबर सेक्रेटरी को भेज दी है. नगर परिषद को 22 दिन के हिसाब से 1.10 लाख रूपये जुर्माना लगाया गया है. खास बात यह है कि जब तक कूड़ा प्रबंधन की स्थायी व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक हर दिन के हिसाब से नगर परिषद को पांच हजार रूपये जुर्माना लगाया जाएगा.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का तर्क है कि नगर परिषद के पास कूड़ा निस्तारण के लिए स्थायी व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते हर दिन डोर टू डोर कलेक्शन के तहत उठाए जा रहे कूड़े को गोबिंदसागर झील किनारे गड्ढे डालकर दबाया जा रहा है. टनों के हिसाब से दबाए जा रहे कूड़े की वजह से आने वाले समय में गोबिंदसागर झील के प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है. यदि समय रहते ठोस प्रबंध न किए गए तो कूड़े की वजह से यह झील प्रदूषित हो जाएगी.
गोबिंदसागर झील किनारे कूड़े को दबाए जाने का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ा संज्ञान लिया है और एनजीटी के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के मद्देनजर नगर परिषद को पंद्रह दिन का नोटिस जारी किया था. नगर परिषद की ओर से जबाव संतोषजनक न पाए जाने पर फिर से हफ्ते का नोटिस दिया गया. मगर अभी भी कूड़े के निदान के लिए किसी ठोस योजना पर कार्य शुरू नहीं हो सका है.
बता दें कि नगर परिषद जिस साइट पर कूड़े का निस्तारण कर रही थी, वहां स्थानीय लोगों के आपत्ति जताए जाने के बाद नगर परिषद के समक्ष कूड़े के निदान का संकट पैदा हो गया. हालांकि, अस्थायी व्यवस्था के तहत नगर परिषद झील किनारे गड्ढे डालकर कूड़े को दबा रही है. आने वाले समय में कूड़े की वजह से झील के पानी के प्रदूषित होने की संभावना है जिस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ा संज्ञान लिया है और स्थायी व्यवस्था के लिए नोटिस जारी किया.
नगर परिषद की ओर से अभी तक कूड़े का स्थायी समाधान नहीं हो सका है, जिसके चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिलासपुर नगर परिषद के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है और पिछले बाईस दिन की पेनाल्टी लगाई है. वहीं, स्थायी व्यवस्था होने तक हर दिन के हिसाब से पेनाल्टी लगेगी. बोर्ड की ओर से आगामी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शिमला में मेंबर सेक्रेटरी को प्रेषित कर दी है.
उल्लेखनीय है कि नगर परिषद को डंपिंग साईट चयनित कर लोगों से एकत्रित किए जा रहे गीला व सूखा कूड़ा ठिकाने लगाना होगा. इसी तरह कूड़े के निस्तारण के लिए प्रॉपर डिस्पोजल साइट न होने के चलते नगर परिषद को नोटिस जारी हुए हैं. बोर्ड ने एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
इस संदर्भ में पूछे जाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बिलासपुर के अधिशासी अभियंता ईं. अतुल परमार ने सिर्फ इतना कहा कि दो बार नगर परिषद को नोटिस जारी हुए हैं और जबाव संतोषजनक नहीं है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर परिषद को पेनाल्टी लगाई है, जिसकी रिपोर्ट रिकोमेंडेशन के लिए मेंबर सेक्रेटरी को भेजी है.
वहीं, नगर परिषद बिलासपुर के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया कि गीला कूड़ा घुमारवीं भेजा जा रहा है, जबकि सूखे कूड़े को एसीसी भेजा जा रहा है. जो थोड़ा बहुत बच जाता है उसे लुहणू दबाया जाता है. स्थायी व्यवस्था के लिए तीन साईटें देखी गई है. कूड़ा निस्तारण के लिए जल्द ही स्थायी व्यवस्था की जाएगी.
वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी आदित्य नेगी का कहना है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का उल्लंघन करने पर नियमानुसार कार्रवाई का प्रावधान है. प्रदेश में जहां जहां से रिपोर्ट आती हैं तो स्थायी व्यवस्था के लिए टाईम बाउंड किया जाता है. यदि तय समय पर भी व्यवस्था नहीं हो तो नियमानुसार कार्रवाई की जाती है. हालांकि, अभी तक बिलासपुर से रिपोर्ट नहीं मिली है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी तो आगामी कार्रवाई की जाएगी.
जिला स्तर पर बनी हैं स्पेशल टास्क फोर्स
कूड़ा प्रबंधन के लिए सरकार ने जिलों में स्पेशल टास्क फोर्स बनाई हैं. जहां जहां कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है वहां योजना के क्रियान्वयन के लिए कमेटी निर्णय लेती है. उपायुक्त की अध्यक्षता वाली इस टास्क फोर्स में पुलिस अधीक्षक, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के चेयरमैन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को मेंबर बनाया गया है. कमेटी को हर महीने समीक्षा बैठक करनी होती है. पिछले दिनों बिलासपुर में भी कमेटी की बैठक हुई है.