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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री JP नड्डा के गृह जिला में डॉक्टरों का टोटा, मरीज घंटों कर रहे इंतजार

बिलासपुर के अस्पताल में डॉक्टरों के अभाव की वजह से बीमारी का इलाज करवाने आ रहे मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

डॉक्टर्स का इंतजार करती महिलाएं
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Published : Apr 30, 2019, 3:08 PM IST

बिलासपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के गृह जिला के अस्पताल में डॉक्टरों के अभाव की वजह से इलाज करवाने आ रहे मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को डॉक्टरों की कमी की वजह से घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 70 साल पहले डॉक्टरों के पद करीब 25 स्वीकृत हुए थे, जबकि वर्तमान समय में मात्र 20 डॉक्टर नियुक्त हैं. 20 डॉक्टरों में से कुछ छुट्टी पर चले गए हैं, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: 'कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन में उमड़ी भीड़ देख BJP की उड़ी नींद, मानसिक संतुलन खो कर रहे गलत बयानबाजी'

बिलासपुर के लोगों के अलावा समीपवर्ती जिलों की जनता भी बीमारी का इलाज करवाने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचते हैं. अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण एक डॉक्टर को 200 मरीजों का इलाज करना होता है, जबकि नियम अनुसार एक डॉक्टर को एक दिन में चालीस मरीज अटैंड करने होते हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री JP नड्डा के गृह जिला में डॉक्टरों का टोटा

अस्पताल में इलाज करवाने आ रहे मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों के लिए ओपीडी में शौचालय की भी सुविधा नहीं है. इलाज करवाने आ रहे मरीजों का कहना है कि वो सुबह से ही डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, लेकिन डॉक्टर की कमी के कारण कई बार शाम हो जाती है.

स्थानीय लोगों और अस्पताल पहुंच रहे मरीजों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए.

ये भी पढ़ें: वोट की अपील के लिए इन क्षेत्रों में पहुंचेंगे बीजेपी उम्मीदवार, 2 जनसभाओं को संबोधित करेंगे CM जयराम

बिलासपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के गृह जिला के अस्पताल में डॉक्टरों के अभाव की वजह से इलाज करवाने आ रहे मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को डॉक्टरों की कमी की वजह से घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 70 साल पहले डॉक्टरों के पद करीब 25 स्वीकृत हुए थे, जबकि वर्तमान समय में मात्र 20 डॉक्टर नियुक्त हैं. 20 डॉक्टरों में से कुछ छुट्टी पर चले गए हैं, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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बिलासपुर के लोगों के अलावा समीपवर्ती जिलों की जनता भी बीमारी का इलाज करवाने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचते हैं. अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण एक डॉक्टर को 200 मरीजों का इलाज करना होता है, जबकि नियम अनुसार एक डॉक्टर को एक दिन में चालीस मरीज अटैंड करने होते हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री JP नड्डा के गृह जिला में डॉक्टरों का टोटा

अस्पताल में इलाज करवाने आ रहे मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों के लिए ओपीडी में शौचालय की भी सुविधा नहीं है. इलाज करवाने आ रहे मरीजों का कहना है कि वो सुबह से ही डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, लेकिन डॉक्टर की कमी के कारण कई बार शाम हो जाती है.

स्थानीय लोगों और अस्पताल पहुंच रहे मरीजों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए.

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Intro:बिलासपुर अस्पताल में नही है डॉक्टर मरीज परेसान Body:Vishul , byteConclusion:लोकेशन - बिलासपुर।

स्लग -केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के गृह जिला का अस्पताल बिलासपुर डॉक्टरों के अभाव के चलते स्वयं है बीमार ,स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने की उम्मीद लेकर से दूर -दूर से आने वाले मरीजों को करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना ,बिना डॉक्टरों के मरीजों की लम्बी -लम्बी कतारें लगना है बन चुका आमबात ,मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए ओ पी डी में नहीं है शौचालय की भी सुविधा उपलब्ध।

ऐ /आई -क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के विभिन्न प्रकार के दृश्य।

वी /ओ -क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के गृह जिला का मुख्य अस्पताल है मगर विडंबना यह है कि लम्बे अर्से से जिला बिलासपुर की जनता को डॉक्टरों के अभाव के चलते बहुत परेशानियां उठानी पड़ रही हैं जबकि वर्त्तमान समय में प्रदेश में भाजपा की प्रदेश सरकार सत्तासीन है। लेकिन डॉक्टरों की कमी को दूर नहीं करना आम जनता की नजरों में रास नहीं आना स्वाभाविक है। अगर क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर की बात की जाए तो जो इस अस्पताल में डॉक्टरों के पद करीब सहत्तर वर्ष पूर्व 25 पद स्वीकृत हुए थे जबकि वर्तमान समय में मात्र करीब बीस डॉक्टर हैं। जिनमें से भी मात्र करीब बीस ही डॉक्टर उपलब्ध हैं। जिनमें से कुछ निजी कारणों से अवकाश पर हैं। इतने लम्बा अर्सा बीत जाने के उपरान्त भी जनसंख्या के हिसाब से नए पद स्वीकृत नहीं होना जिला बिलासपुर की जनता के लिए किसी बड़े दुर्भाग्य से कम नहीं है। इस अस्पताल में जिला बिलासपुर की जनता के अलावा समीपवर्ती जिलों की जनता भी स्वाथ्य लाभ प्राप्त करने आती है। जब डॉक्टरों को किसी विभागीय बैठक में या अपने निजी काम से अवकाश पर जाना पड़े तो ओपीडी में ताला लग जाता है। जबकि लोग दूर -दूर से अपना उपचार करवाने पहुँच जाते हैं। एक -एक डॉक्टर को सौ -से डेढ़ सौ मरीजों का चेकउप करना आम बात है जबकि नियमानुसार एक डॉक्टर को एक दिन में तीस से चालीस मरीज अटैंड करने होते हैं। जिला बिलासपुर की जनता का सरकार से आग्रह है कि शीघ्र जनहित में डॉक्टरों के पद जनसंख्या के हिसाब से सृजित किए जाएं।

फीडबैक -
(1)- मनोरमा देवी ,गाँव बीजड जिला हमीरपुर । (बाइट )
(2)-राकेश कुमार ,निवासी घंडीर जिला बिलासपुर । (बाइट )
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