बिलासपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के गृह जिला के अस्पताल में डॉक्टरों के अभाव की वजह से इलाज करवाने आ रहे मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को डॉक्टरों की कमी की वजह से घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 70 साल पहले डॉक्टरों के पद करीब 25 स्वीकृत हुए थे, जबकि वर्तमान समय में मात्र 20 डॉक्टर नियुक्त हैं. 20 डॉक्टरों में से कुछ छुट्टी पर चले गए हैं, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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बिलासपुर के लोगों के अलावा समीपवर्ती जिलों की जनता भी बीमारी का इलाज करवाने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचते हैं. अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण एक डॉक्टर को 200 मरीजों का इलाज करना होता है, जबकि नियम अनुसार एक डॉक्टर को एक दिन में चालीस मरीज अटैंड करने होते हैं.
अस्पताल में इलाज करवाने आ रहे मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों के लिए ओपीडी में शौचालय की भी सुविधा नहीं है. इलाज करवाने आ रहे मरीजों का कहना है कि वो सुबह से ही डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, लेकिन डॉक्टर की कमी के कारण कई बार शाम हो जाती है.
स्थानीय लोगों और अस्पताल पहुंच रहे मरीजों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए.
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