बिलासपुरः जिला में आयुष विभाग प्रदेश मेडिसिन बोर्ड एवं क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत आयुष मंत्रालय की ओर से स्थानीय किसान भवन में एक दिवसीय औषधीय जड़ी बूटी क्रय-विक्रय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ उपायुक्त रोहित जम्वाल ने किया. इस एक दिवसीय जड़ी बूटी सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न जिलों के औषधीय उत्पादक किसानों एवं संस्थ्याओं एवं औषधीय आधार पर दवा निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा
![Herb Purchasing Sales Conference organized in Bilaspur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-blp-02-bilaspur-news-r2p-hp10012_06032021163253_0603f_1615028573_357.jpg)
इस अवसर पर उपायुक्त रोहित जम्वाल ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के औषधीय उत्पादक किसानों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया. इस अवसर पर उन्होंने किसानों से परंपरागत खेती के साथ-साथ औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने का अह्वान किया है.
औषधीय पौधों की खेती
डोगरा ड्रग फार्मा के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रविकांत डोगरा ने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि इस तरह के सम्मेलन अधिक से अधिक आयोजित होने चाहिए. वहीं, शिमला जिले के चिड़गांव क्षेत्र के रोहल गांव की रिंकल ने कहा कि इस एक दिवसीय जड़ी बूटी सम्मेलन में भाग लेने आई हैं, ताकि किसानों को औषधीय पौधों की खेती एवं इसके उत्पादन से होने वाले लाभों के बारे में पता चल सके. इस तरह के आयोजन लगातार होते रहने चाहिए. जिससे किसान औषधीय पौधों की खेती के प्रति प्रेरित हो सके.
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इस अवसर पर आयुष विभाग के मंडी जोन के उपनिदेशक डॉ. तेजस्वी विजय आजाद ने कहा कि आज किसान जंगली जानवरों की समस्या से त्रस्त है. आयुष विभाग, प्रदेश मेडिसन बोर्ड एवं क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उतर भारत आयुष मंत्रालय की ओर से एक पहल की जा रही है.
औषधीय पौधों की भारी मांग
आज औषधीय पौधों की भारी मांग है, लेकिन चीन भारत की परंरागत औषधीय खेती को प्रभावित कर रहा है. भारत सरकार का एक प्रयास है व इसी के चलते य औषधीय जडी बूटी क्रय विक्रय सम्मेलन किया जा रहा है. सरकार इस ओर मंथन कर रही है. क्योंकि यह एक कैशक्रॉप है. इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी व जिले के विभिन्न विभागों के किसान भी मौजूद रहे.