बिलासपुर: शतकवीर स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर दत्त शास्त्री का लूहणु घाट पर मोक्ष धाम में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. प्रशासन की ओर से फायर करके उन्हें सलामी दी गई. इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम प्रियंका वर्मा और एएसपी भागमल ठाकुर ने रीथ चढ़ाकर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी. ठाकुर दत्त की अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे थे.
ठाकुर दत्त शास्त्री संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे और हाल ही में उन्होंने अपनी 100 वर्ष की आयु पूरी की थी. वह प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. इससे पहले स्वाधीनता संग्राम में उनका विशेष योगदान रहा. अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए उन्होंने बिलासपुर के स्वतंत्रता सेनानियों नरोत्तम दास शास्त्री, संत राम संत व दौलतराम संख्यान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया और अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बता दें कि ठाकुर दत्त शास्त्री उच्च कोटि के पुरोहित भी थे.
प्रशासन की ओर से उनके निधन पर दी जाने वाली सम्मान राशि भी उनके घर पहुंचाई गई. अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी समिति की सदस्य और हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष प्रेमी देवी शास्त्री ने भी शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की. ठाकुर दत्त शास्त्री के दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं. जिनमें बड़े पुत्र सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और छोटे पुत्र व्यवसाय करते हैं.