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बिलासपुर में वन विभाग की 4 नई नर्सरियां, 1 लाख तक पौधे तैयार करने की क्षमता - हिमाचल प्रदेश हिंदी समाचार

जायका परियोजना के तहत वन विभाग की चार नई नर्सरियां तैयार की जा रही हैं. एक नर्सरी 4 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जा रही है. इन नर्सरियों में औषधीय और फलदार पौधे तैयार किए जाएंगे.

nurseries in Bilaspur
बिलासपुर में नर्सरियां
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Published : Dec 5, 2020, 12:32 PM IST

बिलासपुर: जायका परियोजना के तहत वन विभाग की चार नई नर्सरियां तैयार की जा रही हैं. हर एक नर्सरी में 60 हजार से लेकर एक लाख तक पौधे तैयार करने की क्षमता होगी. एक नर्सरी 4 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जा रही है.

जिला में 16 हुई नर्सरियों की संख्या

इन नर्सरियों में औषधीय और फलदार पौधे तैयार किए जाएंगे. जंगलों में पौधों के रोपण के अलावा किसान बागवानों को भी पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे. चार नई नर्सरियां विकसित होने के बाद जिला बिलासपुर में इनकी संख्या 16 हो गई है. बिलासपुर के वन मंडल अधिकारी सरोज भाई पटेल ने खबर की पुष्टि की है.

वीडियो रिपोर्ट

चार हेक्टेयर एरिया में बनेगी एक नर्सरी

जायका परियोजना के तहत वन विभाग की चार नई नर्सरियां तैयार की जा रही हैं. हर एक नर्सरी में 60 हजार से लेकर एक लाख तक पौधे तैयार करने की क्षमता होगी. एक नर्सरी चार हेक्टेयर एरिया में विकसित की जा रही है.

नर्सिरयों में लगाए जाएंगे औषधीय पौधे

बिलासपुर के वन मंडल अधिकारी सरोज भाई पटेल ने बताया कि चार नई नर्सरियां तैयार की गई हैं. इनमें घुमारवीं के बल्ली, जुखाला क्षेत्र के जब्बल, झंडूता और स्वारघाट शामिल है. यह नर्सरियां एक अलग तरह का मॉडल होंगी जिनमें बैंबू, खैर, आंवला, बेहड़ा, हरड़, शीशम, दाडू, रीठा, अर्जुन, जामुन, नीम और कचनार इत्यादि पौधे तैयार किए जाएंगे. सरोज भाई पटेल ने बताया कि इन नर्सरियों की क्षमता एक लाख तक पौधे तैयार करने की है जिससे आने वाले समय में जंगलों में ज्यादा से ज्यादा फलदार और औषधीय पौधे रोपे जा सकेंगे.

जंगलों में बंदरों को मिलेगा आहार

सरोज भाई पटेल ने बताया कि किसान बागवानों को भी इन नर्सरियों में तैयार किए जाने वाले औषधीय व फलदार पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे. साथ ही जंगलों में फलदार व औषधीय पौधे लगाए जाएंगे ताकि बंदरों को जंगलों में ही उचित आहार मिल सके और शहरों का रूख न करें. इस वजह से सरकार ने भी प्रावधान किया है कि अब जंगलों में ज्यादा से ज्यादा फलदार व औषधीय पौधे लगाए जाएं.

किसानों और बागवानों को दिए जाएंगे पौधे

सरोज भाई पटेल के अनुसार अभी तक जिला में एक दर्जन नर्सरियां हैं लेकिन क्षमता ज्यादा न होने की वजह से उम्मीद के मुताबिक पौधे तैयार नहीं हो पा रहे हैं. जिसके चलते सरकार ने चार नई नर्सरियां तैयार करने का निर्णय लिया. चार नई नर्सरियां अलग तरह का मॉडल होंगी. एक तो क्षमता एक लाख पौधे तैयार करने की है और औषधीय के साथ साथ फलदार पौधे भी उपलब्ध होंगे. वहीं, यह किसान बागवानों को यह पौधे दिए जाएंगे.

बरसात के मौसम में जिला में लगाए एक लाख पौधे

वन मंडल अधिकारी सरोज भाई पटेल ने बताया कि हर साल बरसात के मौसम में जंगलों में पौधरोपण कार्यक्रम चलाया जाता है. इस बार बरसाती मौसम में पूरे जिला बिलासपुर में एक लाख पौधों का रोपण किया गया है. उन्होंने बताया कि चार नई नर्सरियां तैयार होने के बाद अब जंगलों में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जा सकेंगे. वन विभाग पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रहा है.

ये भी पढ़ें: पंचायत चुनाव परिणाम के बाद जश्न पर लगेगी रोक, CM ने कही ये बात

बिलासपुर: जायका परियोजना के तहत वन विभाग की चार नई नर्सरियां तैयार की जा रही हैं. हर एक नर्सरी में 60 हजार से लेकर एक लाख तक पौधे तैयार करने की क्षमता होगी. एक नर्सरी 4 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जा रही है.

जिला में 16 हुई नर्सरियों की संख्या

इन नर्सरियों में औषधीय और फलदार पौधे तैयार किए जाएंगे. जंगलों में पौधों के रोपण के अलावा किसान बागवानों को भी पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे. चार नई नर्सरियां विकसित होने के बाद जिला बिलासपुर में इनकी संख्या 16 हो गई है. बिलासपुर के वन मंडल अधिकारी सरोज भाई पटेल ने खबर की पुष्टि की है.

वीडियो रिपोर्ट

चार हेक्टेयर एरिया में बनेगी एक नर्सरी

जायका परियोजना के तहत वन विभाग की चार नई नर्सरियां तैयार की जा रही हैं. हर एक नर्सरी में 60 हजार से लेकर एक लाख तक पौधे तैयार करने की क्षमता होगी. एक नर्सरी चार हेक्टेयर एरिया में विकसित की जा रही है.

नर्सिरयों में लगाए जाएंगे औषधीय पौधे

बिलासपुर के वन मंडल अधिकारी सरोज भाई पटेल ने बताया कि चार नई नर्सरियां तैयार की गई हैं. इनमें घुमारवीं के बल्ली, जुखाला क्षेत्र के जब्बल, झंडूता और स्वारघाट शामिल है. यह नर्सरियां एक अलग तरह का मॉडल होंगी जिनमें बैंबू, खैर, आंवला, बेहड़ा, हरड़, शीशम, दाडू, रीठा, अर्जुन, जामुन, नीम और कचनार इत्यादि पौधे तैयार किए जाएंगे. सरोज भाई पटेल ने बताया कि इन नर्सरियों की क्षमता एक लाख तक पौधे तैयार करने की है जिससे आने वाले समय में जंगलों में ज्यादा से ज्यादा फलदार और औषधीय पौधे रोपे जा सकेंगे.

जंगलों में बंदरों को मिलेगा आहार

सरोज भाई पटेल ने बताया कि किसान बागवानों को भी इन नर्सरियों में तैयार किए जाने वाले औषधीय व फलदार पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे. साथ ही जंगलों में फलदार व औषधीय पौधे लगाए जाएंगे ताकि बंदरों को जंगलों में ही उचित आहार मिल सके और शहरों का रूख न करें. इस वजह से सरकार ने भी प्रावधान किया है कि अब जंगलों में ज्यादा से ज्यादा फलदार व औषधीय पौधे लगाए जाएं.

किसानों और बागवानों को दिए जाएंगे पौधे

सरोज भाई पटेल के अनुसार अभी तक जिला में एक दर्जन नर्सरियां हैं लेकिन क्षमता ज्यादा न होने की वजह से उम्मीद के मुताबिक पौधे तैयार नहीं हो पा रहे हैं. जिसके चलते सरकार ने चार नई नर्सरियां तैयार करने का निर्णय लिया. चार नई नर्सरियां अलग तरह का मॉडल होंगी. एक तो क्षमता एक लाख पौधे तैयार करने की है और औषधीय के साथ साथ फलदार पौधे भी उपलब्ध होंगे. वहीं, यह किसान बागवानों को यह पौधे दिए जाएंगे.

बरसात के मौसम में जिला में लगाए एक लाख पौधे

वन मंडल अधिकारी सरोज भाई पटेल ने बताया कि हर साल बरसात के मौसम में जंगलों में पौधरोपण कार्यक्रम चलाया जाता है. इस बार बरसाती मौसम में पूरे जिला बिलासपुर में एक लाख पौधों का रोपण किया गया है. उन्होंने बताया कि चार नई नर्सरियां तैयार होने के बाद अब जंगलों में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जा सकेंगे. वन विभाग पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रहा है.

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