बिलासपुर: खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग ने बिलासपुर दौरे के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश में जनजातिय और दूरदराज के क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की सुविधा के मद्देनजर राज्य सरकार अब जरूरत के हिसाब से सब-डिपो खोलेगी. इस बाबत पॉलिसी तैयार की जाएगी.
सभी जिलों में सर्वे के आधार पर ऐसे महत्त्वपूर्ण स्थानों का चयन होगा, जिसका प्रस्ताव स्वीकृति के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा. खास बात यह है कि सब डिपो खोलने के लिए तय किए गए मापदंडों में भी रियायत देने पर विचार चल रहा है. प्रदेश में खासकर दूरदराज क्षेत्रों में जहां-जहां जरूरत होगी, वहां सब डिपो खोले जाएंगे. इसके लिए विभागीय स्तर पर सर्वे करवाकर एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. सब-डिपो खोलने के लिए तय किए गए नियमों में भी रियायत देने पर विचार किया जा रहा है.
इसके साथ ही डिपुओं के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली पीडीएस के तहत दिए जाने वाले राशन को गोदामों तक पहुंचाने के लिए भी समयसीमा निर्धारित की गई है. हर माह 10 तारीख तक राशन की खेप गोदामों तक पहुंच जाया करेगी. राजेंद्र गर्ग के अनुसार प्रदेश में नए गोदाम बनाने पर भी विचार चल रहा है, जिसके लिए विभाग के आला अधिकारियों के साथ विस्तृत बातचीत हुई है.
अभी ये हैं सब डिपो खोलने के नियम
नियमानुसार 1500 और ट्राइबल क्षेत्र में 1000 लोगों के जनसंख्या घनत्व पर उचित मूल्य की दुकान खोली जाती है. कोई भी नया राशन डिपो खोलने के लिए तीन किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई है और नियम पूरा होने पर नया डिपो खोला जाता है. इसके अलावा यदि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्र में डिपो खोलना हो तो 700 या 800 की जनसंख्या और सात या इससे अधिक किलोमीटर की दूरी होने पर केस तैयार कर सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है. प्रदेश में इस समय 4,900 के करीब उचित मूल्य की दुकानें हैं और 18,82,785 राशनकार्ड धारक हैं.
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