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बिलासपुर: भरत भूषण सब्जियों की खेती से बने आत्मनिर्भर, कमा रहे लाखों रुपये

झंडुता तहसील के तहत गांव फगोग के किसान भरत भूषण ने फसल विविधिकरण के माध्यम से कृषि को आजीविका व रोजगार सृजन का नया मॉडल स्थापित किया है. भरत भूषण को आत्मनिर्भर बनाने में हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण परियोजना जायका के तहत कार्य शुरू किया गया.

Farmer grows vegetables
भरत भूषण
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Published : Oct 18, 2020, 6:11 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के झंडुता तहसील के तहत गांव फगोग के किसान भरत भूषण ने फसल विविधिकरण के माध्यम से कृषि को आजीविका व रोजगार सृजन का नया मॉडल स्थापित किया है. सब्जियों की खेती से वह आत्मनिर्भर किसान बने हैं.

भरत भूषण को आत्मनिर्भर बनाने में हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण परियोजना जायका के तहत कार्य शुरू किया गया. फगोग-डोल-लसावा उपयोजना ने बड़ा महत्वपूर्ण रोल अदा किया. इस उपयोजना के तहत फगोग, डोल, लसावा गांव की 26 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए सिंचाई सुविधओं को तैयार किया गया जिसका लाभ यहां के 71 परिवार उठा रहे हैं.

Farmer grows vegetables
भरत भूषण ने सब्जियों का उत्पादन किया.

परियोजना के तहत यहां किसान विकास संघ गठित किया गया और परंपरागत खेती की जगह उन्हें सब्जी उत्पादन के लिए प्रेरित किया. इसके लिए किसानों को कई तरह के व्यवसायिक रूप से सब्जी उगाने के प्रशिक्षण प्रदान किए गए. भरत भूषण उन्हीं में से एक प्रगतिशील किसान के रूप में उभर कर आए.

भरत भूषण ने परियोजना कृषि विशेषज्ञों से सब्जी उत्पादन की सही तकनीकी व ज्ञान हासिल किया. इस तकनीक अब वह आधुनिक तरीके से 5 बीघा भूमि पर खीरा, लहुसन, गोभी, प्यज, जिमीकंद आदि सब्जियों का उत्पाादन कर रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों की मदद से उन्होंने अपने खेतों में उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग किया. सुनिश्चित सिंचाई के कारण उनके खेतों में प्रति हैक्टेयर पैदावार पहले के मुकाबले 3 गुना ज्यादा पाई गई है.

Farmer grows vegetables
सब्जियों का उत्पादन कर आत्मनिर्भर बने भरत भूषण.

वर्ष 2019 में भरत भूषण ने 3 बीघा क्षेत्र में सब्जी उगाई जिससे उन्हें कुल 2 लाख 86 हजार 700 रुपये की आय प्राप्त हुई. परियोजना ने अनुदान पर उपलब्ध करवाई गई आधुनिक कृषि उपकरणों और टपक सिंचाई के उपयोग से कृषि के स्तर को उन्नत किया गया. 2 सीजन के सकारात्मक नतीजों को देखते हुए इस बार उन्होंने जिमीकंद की उन्नत किस्म गजेन्द्रा का 10 क्विटंल बीज भारतीय अनुसंधान केन्द्र पूसा.

बिहार से खरीद कर अन्य फसलों जैसे गोभी, लहसुन, हरी पत्ते दार सब्जियों इत्यादी के साथ कुल 5 बीघा क्षेत्र में बीजाई की है. फसल विविधिकरण के चलते व्यवसायिक सब्जी उत्पादन के लिए यहां के किसानों को काफी प्रेरणा मिल रही है और सामाजिक व आर्थिक जीवन में जबरदस्त बदलाव आया है. हर साल व्यवसायिक सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है.

ये भी पढ़ें: मिठाइयों पर बेस्ट बिफोर लिखना अनिवार्य, नहीं लिखने पर दुकानदार को 3 लाख का जुर्माना

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के झंडुता तहसील के तहत गांव फगोग के किसान भरत भूषण ने फसल विविधिकरण के माध्यम से कृषि को आजीविका व रोजगार सृजन का नया मॉडल स्थापित किया है. सब्जियों की खेती से वह आत्मनिर्भर किसान बने हैं.

भरत भूषण को आत्मनिर्भर बनाने में हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण परियोजना जायका के तहत कार्य शुरू किया गया. फगोग-डोल-लसावा उपयोजना ने बड़ा महत्वपूर्ण रोल अदा किया. इस उपयोजना के तहत फगोग, डोल, लसावा गांव की 26 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए सिंचाई सुविधओं को तैयार किया गया जिसका लाभ यहां के 71 परिवार उठा रहे हैं.

Farmer grows vegetables
भरत भूषण ने सब्जियों का उत्पादन किया.

परियोजना के तहत यहां किसान विकास संघ गठित किया गया और परंपरागत खेती की जगह उन्हें सब्जी उत्पादन के लिए प्रेरित किया. इसके लिए किसानों को कई तरह के व्यवसायिक रूप से सब्जी उगाने के प्रशिक्षण प्रदान किए गए. भरत भूषण उन्हीं में से एक प्रगतिशील किसान के रूप में उभर कर आए.

भरत भूषण ने परियोजना कृषि विशेषज्ञों से सब्जी उत्पादन की सही तकनीकी व ज्ञान हासिल किया. इस तकनीक अब वह आधुनिक तरीके से 5 बीघा भूमि पर खीरा, लहुसन, गोभी, प्यज, जिमीकंद आदि सब्जियों का उत्पाादन कर रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों की मदद से उन्होंने अपने खेतों में उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग किया. सुनिश्चित सिंचाई के कारण उनके खेतों में प्रति हैक्टेयर पैदावार पहले के मुकाबले 3 गुना ज्यादा पाई गई है.

Farmer grows vegetables
सब्जियों का उत्पादन कर आत्मनिर्भर बने भरत भूषण.

वर्ष 2019 में भरत भूषण ने 3 बीघा क्षेत्र में सब्जी उगाई जिससे उन्हें कुल 2 लाख 86 हजार 700 रुपये की आय प्राप्त हुई. परियोजना ने अनुदान पर उपलब्ध करवाई गई आधुनिक कृषि उपकरणों और टपक सिंचाई के उपयोग से कृषि के स्तर को उन्नत किया गया. 2 सीजन के सकारात्मक नतीजों को देखते हुए इस बार उन्होंने जिमीकंद की उन्नत किस्म गजेन्द्रा का 10 क्विटंल बीज भारतीय अनुसंधान केन्द्र पूसा.

बिहार से खरीद कर अन्य फसलों जैसे गोभी, लहसुन, हरी पत्ते दार सब्जियों इत्यादी के साथ कुल 5 बीघा क्षेत्र में बीजाई की है. फसल विविधिकरण के चलते व्यवसायिक सब्जी उत्पादन के लिए यहां के किसानों को काफी प्रेरणा मिल रही है और सामाजिक व आर्थिक जीवन में जबरदस्त बदलाव आया है. हर साल व्यवसायिक सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है.

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