बिलासपुर: जिला में सोमवार को शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए गठित जिला स्तरीय निगरानी कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान डीसी राजेश्वर गोयल ने बताया कि कोरोना के चलते शिक्षा संस्थानों के बंद होने पर भी विभाग द्वारा छात्रों को निरंतर शिक्षा प्रदान करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
उपायुक्त ने बताया कि अध्यापकों के लिए भी प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कलस्टर स्तर पर किया जाता है, ताकि नई तकनीकों के माध्यम से छात्रों को शिक्षा प्रदान कर सके. इस वर्ष खंड स्तर पर 1112 प्राथमिक एवं 1060 अप्पर प्राइमरी शिक्षकों के लिए निष्ठा अध्यापक प्रशिक्षक आयोजित किए गए हैं.
विद्यार्थियों में सीखने की क्षमता बैठाने के लिए अध्यापकों द्वारा प्राथमिक कक्षाओं के लिए प्रेरणा क्लास और अप्पर प्राइमरी कक्षाओं के लिए प्रयास क्लास कार्यक्रम का इस्तेमाल किया जा रहा है. डीसी ने बताया कि बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी को सुनिश्चित बनाने के लिए ई-संवाद कार्यक्रम चलाया जा रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा जिला खंड और कलस्टर स्तर पर हर महीने की एक से पांच तारीख के बीच समीक्षा बैठकों का आयोजन किया जाता है.
उन्होंने बताया कि विभाग की निगरानी समिति द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2019-20 को दौरान जिला के विभिन्न स्कूलों में 850 सरप्रार्रण और 498 नियमित निरीक्षण किए गए. उन्होंने बताया कि मार्च, 2020 से 23 मार्च तक पांच खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा अपने खंड में 28 स्कूलों का निरीक्षण किया. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए डीसी राजेश्वर गोयल ने कहा कि किसी स्कूल के पास अपने नाम स्कूल की जमीन नहीं है. तो वो इस मामले को संबंधित एसडीएम, तहसीलदार के समक्ष रखें.
उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने कहा कि जिन स्कूलों में आपदा प्रबंधन किट अभी उपलब्ध नहीं है, उन्हें जल्द ये कीट उपलब्ध करवा दी जाएगी. जिला में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए कुल 5928 विद्यार्थियों को विभिन्न वजीफा, योजनाओं के तहत पंजीकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि शिक्षा सत्र में 6वीं से 12वीं कक्षा के 5672 प्राथमिक स्कूलों के 17588 और अप्पर प्राइमरी स्कूलों के 12889 छात्रों को निशुल्क किताबें वितरित की गई.
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