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बिलासपुर में अनाथ बच्चों के लिए चलाई जा रही लाभदायी योजनाएं, डीसी ने अधिकारियों से की अपील

उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक के दौरान कहा कि अधिक से अधिक लोग सदस्य बनकर अनाथ बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए अपना योगदान दें. उपायुक्त ने समस्त सीडीपीओ खण्ड स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करवाने के आदेश दिए हैं.

DC holds meeting in bilaspur
उपायुक्त राजेश्वर गोयल
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Published : Nov 27, 2019, 1:00 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर में उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता की है. उपायुक्त ने बताया कि बिलासपुर में जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति और ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया गया है.

उपायुक्त ने कहा कि जिला आश्रम कल्याण समिति में अधिक से अधिक लोग सदस्य बनकर अनाथ बच्चों के भविष्य को सवारनें के लिए अपना योगदान दें. इसको करने से बच्चे भी समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपनी प्रतिभा व क्षमता का सही प्रदर्शन करके समाज की बेहतरी में कार्य कर सकेंगे. उपायुक्त ने समस्त सीडीपीओ खण्ड स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करवाने के आदेश दिए हैं.

उपायुक्त राजेश्वर गोयल

उपायुक्त ने बताया कि लोग पांच सौ, दस हजार रूपये व बीस हजार रूपये देकर जिला आश्रम कल्याण समिति की सदस्यता प्राप्त कर सकते है. जिला में चाईल्ड हेल्प लाईन पूर्ण रूप से कार्य कर रही है. हेल्प लाईन टोल फ्री नम्बर 1098 व 1515 पर डायल कर सकते है. बाल-बालिका संरक्षण योजना के तहत जिला में 154 अनाथ बच्चों को सर्वेक्षित किया गया है.

इस योजना के तहत 100 बच्चों को लाभ मिल रहा है और शेष बच्चों को इस योजना के तहत लाभान्वित करने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है. उन्होंने बताया कि अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करवाए जाते है. जिला में 17 दम्पतियों को पंजीकृत किया गया है. अनाथ बच्चों की भूमि उनके नाम करवाने के लिए वर्तमान में जिला के 18 वर्ष से कम आयु के 154 अनाथ बच्चे पहचान में लाए है.

उपायुक्त ने ऐसे बच्चें जिनके दादा-दादी अभी जीवित है लेकिन भूमि संपति बच्चों के नाम नहीं हो पाई है उनके लिए राजस्व विभाग व तहसीलदार को उनकी भूमि संपति के अधिकारों को सुरक्षित करवाने के लिए आदेश दिए है.

इस बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष अमरजीत सिंह बंग्गा, एएसपी भागमल ठाकुर, उप निदेशक शिक्षा सुदर्शन कुमार, डीआरओ देवी राम, जिला कार्यक्रम अधिकारी अंजू बाला, जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी रमेश सांख्यान, जिला श्रम अधिकारी प्यारेलाल साहू, जुविनायल जस्टिस बोर्ड के सदस्य नीरज, सेवानिवृत संयुक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग आरएस गुलेरिया, समस्त सीडीपीओ, स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें: भाजपा कार्यकर्ता सरकार की उपलब्धियां लोगों तक पहुचाएं: सीएम

बिलासपुर: जिला बिलासपुर में उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता की है. उपायुक्त ने बताया कि बिलासपुर में जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति और ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया गया है.

उपायुक्त ने कहा कि जिला आश्रम कल्याण समिति में अधिक से अधिक लोग सदस्य बनकर अनाथ बच्चों के भविष्य को सवारनें के लिए अपना योगदान दें. इसको करने से बच्चे भी समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपनी प्रतिभा व क्षमता का सही प्रदर्शन करके समाज की बेहतरी में कार्य कर सकेंगे. उपायुक्त ने समस्त सीडीपीओ खण्ड स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करवाने के आदेश दिए हैं.

उपायुक्त राजेश्वर गोयल

उपायुक्त ने बताया कि लोग पांच सौ, दस हजार रूपये व बीस हजार रूपये देकर जिला आश्रम कल्याण समिति की सदस्यता प्राप्त कर सकते है. जिला में चाईल्ड हेल्प लाईन पूर्ण रूप से कार्य कर रही है. हेल्प लाईन टोल फ्री नम्बर 1098 व 1515 पर डायल कर सकते है. बाल-बालिका संरक्षण योजना के तहत जिला में 154 अनाथ बच्चों को सर्वेक्षित किया गया है.

इस योजना के तहत 100 बच्चों को लाभ मिल रहा है और शेष बच्चों को इस योजना के तहत लाभान्वित करने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है. उन्होंने बताया कि अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करवाए जाते है. जिला में 17 दम्पतियों को पंजीकृत किया गया है. अनाथ बच्चों की भूमि उनके नाम करवाने के लिए वर्तमान में जिला के 18 वर्ष से कम आयु के 154 अनाथ बच्चे पहचान में लाए है.

उपायुक्त ने ऐसे बच्चें जिनके दादा-दादी अभी जीवित है लेकिन भूमि संपति बच्चों के नाम नहीं हो पाई है उनके लिए राजस्व विभाग व तहसीलदार को उनकी भूमि संपति के अधिकारों को सुरक्षित करवाने के लिए आदेश दिए है.

इस बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष अमरजीत सिंह बंग्गा, एएसपी भागमल ठाकुर, उप निदेशक शिक्षा सुदर्शन कुमार, डीआरओ देवी राम, जिला कार्यक्रम अधिकारी अंजू बाला, जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी रमेश सांख्यान, जिला श्रम अधिकारी प्यारेलाल साहू, जुविनायल जस्टिस बोर्ड के सदस्य नीरज, सेवानिवृत संयुक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग आरएस गुलेरिया, समस्त सीडीपीओ, स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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Intro:
अनाथ व बेसहारा बच्चों के कल्याणार्थ चलाई जा रही योजनाओं का लें लाभः उपायुक्त
बच्चों को शिक्षित करने के लिए रेडक्राॅस सोसाईटी करेगी सहायता
उपायुक्त ने बैठक कर अधिकारियों को दिए आदेश

बिलासपुर।

समस्त सीडीपीओ खण्ड स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करवाना सुनिश्चित करें। ताकि अनाथ व बेसहारा बच्चों के कल्याणार्थ चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ पात्र बच्चों तक पंहुच सके और कोई भी पात्र बच्चा सरकार की इन योजनाओं का लाभ लेने से वंचित न रह सके। यह बात उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होने बताया कि जिला बिलासपुर में जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति तथा ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। उन्होने कहा कि जिला आश्रम कल्याण समिति के अधिक से अधिक लोग सदस्य बनकर अनाथ बच्चों के भविष्य को सवारनें के लिए अपना योगदान दें ताकि यह बच्चे भी समाज की मुख्यधारा से जुडकर अपनी प्रतिभा व क्षमता का सही प्रदर्शन करके समाज की बेहतरी में कार्य कर सकें।
Body:उपायुक्त ने बताया कि 5 सौ, 10 हजार रूपए व 20 हजार रूपए देकर जिला आश्रम कल्याण समिति की सदस्यता प्राप्त कर सकता है।जिला में चाईल्ड हेल्प लाईन पूर्ण रूप से कार्य कर रही है। अव्यस्क बच्चों के बारे में किसी भी आपातकालीन स्थिति में चाईल्ड
हेल्प लाईन टोल फ्री नम्बर 1098 व 1515 पर डायल कर सकते है। बाल-बालिका संरक्षण योजना के तहत जिला में 154 अनाथ बच्चों को सर्वेक्षित किया गया है। जिसमें से 100 बच्चों को इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है तथा शेष बच्चों को इस योजना के तहत लाभान्वित करने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है। उन्होने बताया कि अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए आॅनलाईन आवेदन जमा करवाए जाते है। अब तक जिला में 17 दम्पतियों को पंजीकृत किया गया है। अनाथ बच्चों की भूमिध्सम्पति उनके नाम करवाने के लिए वर्तमान में जिला के 18 वर्ष से कम आयु के 154 अनाथ बच्चे पहचान में लाए गए है। 42 अनाथ बच्चों के नाम भूमिध्सम्पति दर्ज करवाई जा चुकी है। उन्होने ऐसे बच्चें जिनके दादा-दादी अभी जीवित है, भूमि संपति बच्चों के नाम नहीं हो पाई है, उनके लिए राजस्व विभाग व तहसीलदार को उनकी भूमि संपति के अधिकारों को सुरक्षित करवाने के लिए कहा। Conclusion:इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष अमरजीत सिंह बंग्गा, एएसपी भागमल ठाकुर, उप निदेशक प्रा0 शिक्षा सुदर्शन कुमार, डीआरओ देवी राम, जिला कार्यक्रम अधिकारी अंजू बाला, जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी रमेश सांख्यान, जिला श्रम अधिकारी प्यारेलाल साहू, जुविनायल जस्टिस बोर्ड के सदस्य नीरज, सेवानिवृत संयुक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग आरएस गुलेरिया, समस्त सीडीपीओ, स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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