बिलासपुर: जिला बिलासपुर में गोबिंदसागर झील के किनारे लुहणू में भव्य हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा. इसको लेकर पीडब्ल्यूडी की ओर से टेंडर अवार्ड कर दिए गए हैं. जल्द ही हेलीपैड का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. खास बात यह है कि यह हेलीपैड नई तकनीक पर आधारित होगा और सिंथेटिक ट्रैक के लेवल में बनेगा.
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 1.40 करोड़ का बजट रखा है और पहली किश्त के रूप में 50 लाख रूपये की राशि पीडब्ल्यूडी को जारी भी कर दी है. इस हेलीपैड पर एक साथ दो से तीन हेलिकॉप्टर उतारे जा सकेंगे. पीडब्ल्यूडी डिवीजन एक बिलासपुर के अधिशाषी अभियंता ईं. वीएन पराशर ने खबर की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट एक नामी कांट्रेक्टर को अवार्ड किया गया है. अगले एक साल के अंदर हेलीपैड के निर्माण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
ईं. वीएन पराशर ने बताया कि झील किनारे बनने वाले हेलीपैड की ऊंचाई सिंथेटिक ट्रैक के बराबर आएगी और एक भव्य एवं सुंदर हेलीपैड बनकर तैयार होगा. यह हेलीपैड 50 मीटर लंबा और 50 मीटर चौड़ा बनेगा, जिसके लिए जल्द ही काम शुरू करवाया जाएगा. हेलीपैड के चहुंओर केरट वायर लगाए जाएंगे, जिससे इसकी नींव मजबूत होगी. उन्होंने बताया कि कोशिश होगी कि तय लक्ष्य के तहत इसका निर्माण कार्य पूरा किया जा सके.
उल्लेखनीय है कि जिला में मौजूदा समय सुन्हाणी व घुमारवीं में ही हेलीपैड है. बिलासपुर में अभी तक हेलीपैड नहीं है जिस कारण हेलिकॉप्टर को अक्सर लुहणू मैदान में ही उतारा जाता है. इसके लिए प्रशासन को काफी कसरत करनी पड़ती है लेकिन यहां पर विधिवत हेलीपैड बनने के बाद हेलिकॉप्टर उतारने में सहूलियत रहेगी. विधायक सुभाष ठाकुर ने विभागीय अधिकारियों से मीटिंग कर प्रस्ताव तैयार करवाकर सरकार को प्रेषित किया था जिसे मंजूरी मिलने के बाद पहली किश्त भी जारी हो चुकी है.
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा हर विधानसभा क्षेत्र में हेलीपैड बनाने की योजना शुरू की गई है. इसी योजना के तहत सदर हलके में इस हेलीपैड को लुहणू में बनाया जा रहा है. इसके बाद नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र में भी हेलीपैड बनाया जाना प्रस्तावित है जिसके लिए जमीन देख ली गई है.
वहीं, घुमारवीं व झंडूता में भी हेलीपैड प्रस्तावित है और संबंधित उपमंडलीय प्रशासन जमीन की तलाश कर रहा है. ऐसे में आने वाले समय में बिलासपुर जिला के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हेलीपैड की सुविधा होगी जिससे किसी भी समय या फिर एमरजेंसी में हेलिकॉप्टर को उतारा जा सकेगा.