बिलासपुरः पूर्व मंत्री व नैना देवी विस क्षेत्र के विधायक राम लाल ठाकुर ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग पर छात्रों के भविष्य पर बन रहे असमंजस को लेकर निशाना साधा है. राम लाल ठाकुर ने कहा मानव संसाधन मंत्रालय व प्रदेश के शिक्षा मंत्री छात्रों के भविष्य को चिंतित नहीं है.
राम लाल ठाकुर ने कहा कि शिक्षा विभाग स्टूडेंट्स के भविष्य को लेकर नीति निर्धारण करने में पूरी तरह से असफल हो चुके हैं. ऐसा लग रहा है कि मानव संसाधन मंत्रालय और प्रदेश के शिक्षा मंत्री इस बात का इंतजार करने में हैं कि कब प्रदेश व देश के छात्र सड़कों पर उतरेंगे और सड़कों पर पहिये जाम करेंगे.
राम लाल ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 का संकट पिछले पांच महीनों से चल रहा है तो प्रदेश का शिक्षा विभाग अभी तक एक शिक्षा से सम्बंधित ऐप भी विकसित नहीं कर पा रहा है और हो यह रहा कि सरकारी व निजी स्कूलों के अध्यापक होम वर्क के नाम पर व्हाट्सएप पर फोटो खींच कर बच्चों के माता पिता के मोबाइल फोन पर भेज रहे हैं.
बच्चे उसको कॉपी करके सारा दिन मोबाइल फोन में डूबे रहते हैं जिससे उनकी स्मरण शक्ति व आखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. राम लाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री स्नातक व स्नातकोत्तर शिक्षा और उनकी परीक्षाओं को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर ताक रहे हैं. आत्मनिर्णय लेने की दिशा में प्रदेश के शिक्षा मंत्री असफल नजर आ रहे हैं.
राम लाल ठाकुर ने कहा जब रेगुलर बच्चों की क्लासेस ही महाविद्यालयों में लगी नहीं तो बच्चे परीक्षाओं में क्या लिखेंगे. मानव संसाधन मंत्रालय सारा कार्यभार यूनिवर्सिटी ग्रान्ट कमीशन पर छोड़ देता है और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन सारी जिम्मेदारी महाविद्यलयों और संबंधित विषयों की कॉंसिल पर छोड़ रहा है, लेकिन वास्तविकता किसी भी संस्थान और सरकार की समझ मे नहीं आ रही है.
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