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बर्ड फ्लू को लेकर एहतियात बरतना जरूरी, सीएमओ बिलासपुर ने बताए बचाव के उपाए

बिलासपुर के सीएमओ डाॅ. प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मनुष्यों में इसके फैलने की संभावना कम रहती है, लेकिन फिर भी एहतियात बरतने की जरूरत है. यह वायरस सर्दियों में ज्यादा होता है और यह वायरस प्रवासी पक्षियों से देशी पक्षियों में, जानवरों और उनसे मनुष्यों में भी फैल सकता है.

cmo bilaspur on bird flu
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Published : Jan 7, 2021, 5:56 PM IST

बिलासपुरः प्रदेश में बर्ड फ्लू से कांगड़ा और सोलन जिला में हजारों पक्षियों की मौत हो गई है. वहीं, फ्लू के चलते पशु पालन विभाग और वन विभाग ने पानी के नजदीकी क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है. जिला बिलासपुर के सीएमओ डाॅ. प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला नहीं हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक संसार में 862 लोग इससे संक्रमित हुए हैं जिनमें से 455 यानी 60 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है जो कि कोरोना से कहीं अधिक है.

'एहतियात बरतने की जरूरत'

सीएमओ बिलासपुर ने बताया कि मनुष्यों में इसके फैलने की संभावना कम रहती है, लेकिन फिर भी एहतियात बरतने की जरूरत है. यह वायरस सर्दियों में ज्यादा होता है और यह वायरस प्रवासी पक्षियों से देशी पक्षियों में, जानवरों और उनसे मनुष्यों में भी फैल सकता है.

'बिलासपुर में भी मिले मृत कौवें'

सीएमओ ने बताया कि इस साल अभी तक पांच राज्यों केरल, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बर्ड फ्लू के मामले पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिला में भी मृत कौए पाए गए हैं. मृत कौए के सैंपल टेस्ट के लिए पशुपालन विभाग ने भेज दिए हैं जिनकी रिपार्ट अभी आना बाकी है. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से इससे निपटने को तैयार है. सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में इस बारे ऐहतियात बरतने के निर्देश दे दिए गए हैं.

ये हैं बर्ड फ्लू के लक्षण

उन्होंने बताया कि बर्ड फलू के लक्षणों की जानकारी सभी को होना जरूरी है. बर्ड फ्लू के लक्षण 2 से 8 दिनों तक आने लग जाते हैं. इस फ्लू से गले में खराश, छिंकें आना, नाक बहना, बुखार, मांस पेशियों में दर्द, शरीर में ठंड लगना, पसीना आना, थकान होना और शरीर में कमजोरी आना इसके लक्षण है. गंभीर स्थिति में इसके कारण निमोनिया, ब्रोंकाइटिस इत्यादि संक्रमण हो सकते हैं जो कि मनुष्य के लिए जान लेवा सिद्ध हो सकतें है.

इन बचाव के तरीकों को अपनाएं

उन्होंने बताया कि बर्ड फलू से बचाव के लिए संक्रमित मुर्गियों, पक्षियों और जानवरों के संपर्क में आने से बचें, मीट, मछली, अंडे अच्छी तरह पकाकर खाएं. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. नियमित रुप से हाथ धोएं. पोल्ट्री फार्म में कार्य करते समय पीपीई किट्स पहनकर कार्य करें.

सीएमओ बिलासपुर ने बताया कि ऐसे लक्षण आने पर पर्याप्त मात्रा में तरल पदाथों का अधिक सेवन करें और आराम करें. दूसरों से नजदीकी संपर्क न करें, दूरी बनाए रखे. लक्षण पाए जाने पर पास के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डॉक्टर की सलाह लें.

ये भी पढ़ें- बर्ड फ्लू का खतराः आसन बैराज में पक्षियों की बढ़ाई गई निगरानी, 6 हजार परिंदों ने डाला है डेरा

बिलासपुरः प्रदेश में बर्ड फ्लू से कांगड़ा और सोलन जिला में हजारों पक्षियों की मौत हो गई है. वहीं, फ्लू के चलते पशु पालन विभाग और वन विभाग ने पानी के नजदीकी क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है. जिला बिलासपुर के सीएमओ डाॅ. प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला नहीं हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक संसार में 862 लोग इससे संक्रमित हुए हैं जिनमें से 455 यानी 60 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है जो कि कोरोना से कहीं अधिक है.

'एहतियात बरतने की जरूरत'

सीएमओ बिलासपुर ने बताया कि मनुष्यों में इसके फैलने की संभावना कम रहती है, लेकिन फिर भी एहतियात बरतने की जरूरत है. यह वायरस सर्दियों में ज्यादा होता है और यह वायरस प्रवासी पक्षियों से देशी पक्षियों में, जानवरों और उनसे मनुष्यों में भी फैल सकता है.

'बिलासपुर में भी मिले मृत कौवें'

सीएमओ ने बताया कि इस साल अभी तक पांच राज्यों केरल, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बर्ड फ्लू के मामले पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिला में भी मृत कौए पाए गए हैं. मृत कौए के सैंपल टेस्ट के लिए पशुपालन विभाग ने भेज दिए हैं जिनकी रिपार्ट अभी आना बाकी है. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से इससे निपटने को तैयार है. सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में इस बारे ऐहतियात बरतने के निर्देश दे दिए गए हैं.

ये हैं बर्ड फ्लू के लक्षण

उन्होंने बताया कि बर्ड फलू के लक्षणों की जानकारी सभी को होना जरूरी है. बर्ड फ्लू के लक्षण 2 से 8 दिनों तक आने लग जाते हैं. इस फ्लू से गले में खराश, छिंकें आना, नाक बहना, बुखार, मांस पेशियों में दर्द, शरीर में ठंड लगना, पसीना आना, थकान होना और शरीर में कमजोरी आना इसके लक्षण है. गंभीर स्थिति में इसके कारण निमोनिया, ब्रोंकाइटिस इत्यादि संक्रमण हो सकते हैं जो कि मनुष्य के लिए जान लेवा सिद्ध हो सकतें है.

इन बचाव के तरीकों को अपनाएं

उन्होंने बताया कि बर्ड फलू से बचाव के लिए संक्रमित मुर्गियों, पक्षियों और जानवरों के संपर्क में आने से बचें, मीट, मछली, अंडे अच्छी तरह पकाकर खाएं. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. नियमित रुप से हाथ धोएं. पोल्ट्री फार्म में कार्य करते समय पीपीई किट्स पहनकर कार्य करें.

सीएमओ बिलासपुर ने बताया कि ऐसे लक्षण आने पर पर्याप्त मात्रा में तरल पदाथों का अधिक सेवन करें और आराम करें. दूसरों से नजदीकी संपर्क न करें, दूरी बनाए रखे. लक्षण पाए जाने पर पास के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डॉक्टर की सलाह लें.

ये भी पढ़ें- बर्ड फ्लू का खतराः आसन बैराज में पक्षियों की बढ़ाई गई निगरानी, 6 हजार परिंदों ने डाला है डेरा

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