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बीजेपी के नए चाणक्य ने बदला बिहार का सियासी हाल, जीत का हीरो है हिमाचल का लाल

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कुशल प्रबंधन और रणनीति एनडीए को फिर से सत्ता में लाने की दिशा में कारगार साबित हुआ है. बिलासपुर के छोटे से गांव विजयपुर के निवासी जगत प्रकाश नड्डा ने छात्र राजनीति से अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत की और स्वयं को केंद्रीय राजनीति तक पहुंचाने के लिए जेपी नड्डा की मेहनत की तूती सहज ही बोलती है.

Bjp president jp nadda
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Published : Nov 11, 2020, 11:02 PM IST

Updated : Nov 11, 2020, 11:09 PM IST

बिलासपुरः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार चुनाव में अपना प्रकाश फैलाने में कामयाब साबित हुए. जेपी नड्डा का कुशल प्रबंधन और रणनीति एनडीए को फिर से सत्ता में लाने की दिशा में कारगार साबित हुआ है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश व यूपी के उपचुनावों में भाजपा ने बढ़त हासिल की है.

पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार जीत के लिए न केवल नड्डा की पीठ थपथपाई बल्कि 'नड्डा जी तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं' के नारे को भी बुलंद किया. जेपी नड्डा ने बिहार चुनावों में एनडीए को दिलाई गई जीत कहीं न कहीं बिहार में नड्डा का पढ़ना व रहना भी माना जा रहा है.

एनडीए की जीत से यह साबित हुआ है कि बिहार की जनता ने नड्डा पर विश्वास अभी तक कायम रखा है. पार्टी कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा व एनडीए को अपार जनसमर्थन मिला है. इसके लिए भाजपा व एनडीए के लाखों कार्यकर्ता भाइयों-बहनों को जितनी बधाई दी जाए कम है.

बता दें कि बिलासपुर के कंदरौर से एक छोटे से धरने प्रदर्शन को लीड करने वाले जेपी नड्डा ने हालांकि उसी समय अपने मंसूबे साफ कर दिए थे, लेकिन जिला और प्रदेश की राजनीति से उन्होंने बड़े सबक सीखे और उन्हीं को अमलीजामा पहनाते हुए आज इस मुकाम को छूने में सफल हुए हैं.

Bjp president jp nadda
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ जेपी नड्डा

बिलासपुर से सैकड़ों लोग पिछले दो दिनों से दिल्ली की ओर कूच कर रहे थे. अपने चहेते नेता को शीर्ष पर पहुंचता देख आखिर किस का सीना गर्व से चैड़ा नहीं होगा. केंद्रीय सत्ता में देश का स्वास्थ्य मंत्रालय सफलता से संभाल चुके जेपी नड्डा ने प्रदेश को बहुत बड़ी सौगातें प्रदान कर हिमाचल का नाम अग्रणी राज्यों में शुमार करवाया.

Bjp president jp nadda
जेपी नड्डा अपनी पत्नी के साथ (फाइल फोटो)

छात्र राजनीति से से शुरू हुआ सफर

बिलासपुर में एम्स प्रोजेक्ट इसका एक उदाहरण है. बिलासपुर के छोटे से गांव विजयपुर के निवासी जगत प्रकाश नड्डा ने छात्र राजनीति से अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत की और स्वयं को केंद्रीय राजनीति तक पहुंचाने के लिए जेपी नड्डा की मेहनत की तूती सहज ही बोलती है. जगत प्रकाश नड्डा की दूरदर्शी सोच ही कहा जाएगा कि देश की राजनीति में न सिर्फ एक अलग पहचान बनाकर मुकाम हासिल किया बल्कि बिलासपुर जैसे छोटे से जिले का भी राष्ट्रीय स्तर पर नाम चमकाया.

Bjp president jp nadda
(फाइल फोटो)

संघर्ष के लिए जेल की हवा भी खाई

बाहरी और भीतर के विरोधियों की मार झेलने के बावजूद नड्डा अपने लक्ष्य से नहीं भटके और आज अब परिणाम सबके सामने हैं. जेपी नड्डा की संघर्षशील राजनीति पर हल्की सी नजर डाली जाए तो पता चलता है कि बचपन से ही संघर्षशील और जुझारू नेता नड्डा के सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करवाने के लिए छेड़ी गई मुहिम में उन्हें 45 दिन जेल की हवा भी खाई.

यही नहीं विस्थापितों के कब्जों पर जब भी बुल्डोजर चलता था तो गिरफ्तारी देने में नड्डा अग्रणी पंक्ति में नजर आते थे. नड्डा हिमाचल प्रदेश से केंद्र में पहले स्वास्थ्य मंत्री बनें हैं, जबकि बिलासपुर के पहले केबिनेट मंत्री बन कर बिलासपुर का मान बढ़ाने वाले जगत प्रकाश नड्डा की राह में चुनौतियां ही चुनौतियां रहीं लेकिन वह कभी नाउम्मीद नहीं हुए.

Bjp president jp nadda
परिवार के साथ जेपी नड्डा (फाइल फोटो)

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ शुरू की राजनीति

जेपी नड्डा, पढ़ाई, खेल व राजनीति के अलावा अन्य क्षेत्र में भी आगे रहे हैं. पटना में पढ़ाई के दौरान वह सर्वश्रेष्ठ एथलीट रहे थे. कभी अपने विश्वविद्यालय के धावक रहे नड्डा अब राजनीति में भी आगे निकल गए हैं. उन्होंने विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में भी कार्य किया है. एबीवीपी राष्ट्रीय युवा मोर्चा और भाजपा में वह एक नहीं बल्कि कई पदों पर रहकर संगठन की सेवा निष्काम भाव से की. यही कारण है कि उनकी इस निस्वार्थ भाव सेवा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह ने उनपर भरोसा किया है.

Bjp president jp nadda
अभाविप कार्यकाल के दौरान जेपी नड्डा (फाइल फोटो)

जेपी नड्डा के राष्ट्रीय राजनीति में हर वरिष्ठ व कनिष्ठ नेता के साथ मधुर संबंध रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवानी, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की कसौटियों पर जेपी नड्डा खरे उतरे हैं. समाजिक कार्यों में नड्डा की पहचान जग जाहिर है, इसी के साथ वे देवी मां के भी अनन्य भक्त हैं.

1998 से 2003 तक बिलासपुर सदर के विधायक रहे हैं नड्डा

जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 में पटना, बिहार में हुआ था. जेपी नड्डा मूलरूप से हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखते है. इनके पिता नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और बाद में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति बने. जेपी नड्डा की शुरुआती शिक्षा बिहार में हुई और स्नातक पटना विश्वविद्यालय से पूरी की.

एलएलबी की पढ़ाई करते हुए हिमाचल विश्वविद्यालय में एबीवीपी से छात्र संघ के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने. एक तरह से एबीवीपी का पेड़ ही नड्डा ने एचपीयू कैंपस में लगाया. 1993 में पहली बार बिलासपुर से विधायक चुने गए और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए. 1998 से 2003 में भी बिलासपुर सदर से विधायक चुनकर आए. प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री के अलावा, केंद्र में भी मोदी सरकार में मंत्री रहे.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में बीते 4 दिनों में आए 2,606 कोरोना केस, बुधवार को 9 लोगों की मौत के बाद 399 पहुंचा आंकड़ा

बिलासपुरः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार चुनाव में अपना प्रकाश फैलाने में कामयाब साबित हुए. जेपी नड्डा का कुशल प्रबंधन और रणनीति एनडीए को फिर से सत्ता में लाने की दिशा में कारगार साबित हुआ है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश व यूपी के उपचुनावों में भाजपा ने बढ़त हासिल की है.

पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार जीत के लिए न केवल नड्डा की पीठ थपथपाई बल्कि 'नड्डा जी तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं' के नारे को भी बुलंद किया. जेपी नड्डा ने बिहार चुनावों में एनडीए को दिलाई गई जीत कहीं न कहीं बिहार में नड्डा का पढ़ना व रहना भी माना जा रहा है.

एनडीए की जीत से यह साबित हुआ है कि बिहार की जनता ने नड्डा पर विश्वास अभी तक कायम रखा है. पार्टी कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा व एनडीए को अपार जनसमर्थन मिला है. इसके लिए भाजपा व एनडीए के लाखों कार्यकर्ता भाइयों-बहनों को जितनी बधाई दी जाए कम है.

बता दें कि बिलासपुर के कंदरौर से एक छोटे से धरने प्रदर्शन को लीड करने वाले जेपी नड्डा ने हालांकि उसी समय अपने मंसूबे साफ कर दिए थे, लेकिन जिला और प्रदेश की राजनीति से उन्होंने बड़े सबक सीखे और उन्हीं को अमलीजामा पहनाते हुए आज इस मुकाम को छूने में सफल हुए हैं.

Bjp president jp nadda
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ जेपी नड्डा

बिलासपुर से सैकड़ों लोग पिछले दो दिनों से दिल्ली की ओर कूच कर रहे थे. अपने चहेते नेता को शीर्ष पर पहुंचता देख आखिर किस का सीना गर्व से चैड़ा नहीं होगा. केंद्रीय सत्ता में देश का स्वास्थ्य मंत्रालय सफलता से संभाल चुके जेपी नड्डा ने प्रदेश को बहुत बड़ी सौगातें प्रदान कर हिमाचल का नाम अग्रणी राज्यों में शुमार करवाया.

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जेपी नड्डा अपनी पत्नी के साथ (फाइल फोटो)

छात्र राजनीति से से शुरू हुआ सफर

बिलासपुर में एम्स प्रोजेक्ट इसका एक उदाहरण है. बिलासपुर के छोटे से गांव विजयपुर के निवासी जगत प्रकाश नड्डा ने छात्र राजनीति से अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत की और स्वयं को केंद्रीय राजनीति तक पहुंचाने के लिए जेपी नड्डा की मेहनत की तूती सहज ही बोलती है. जगत प्रकाश नड्डा की दूरदर्शी सोच ही कहा जाएगा कि देश की राजनीति में न सिर्फ एक अलग पहचान बनाकर मुकाम हासिल किया बल्कि बिलासपुर जैसे छोटे से जिले का भी राष्ट्रीय स्तर पर नाम चमकाया.

Bjp president jp nadda
(फाइल फोटो)

संघर्ष के लिए जेल की हवा भी खाई

बाहरी और भीतर के विरोधियों की मार झेलने के बावजूद नड्डा अपने लक्ष्य से नहीं भटके और आज अब परिणाम सबके सामने हैं. जेपी नड्डा की संघर्षशील राजनीति पर हल्की सी नजर डाली जाए तो पता चलता है कि बचपन से ही संघर्षशील और जुझारू नेता नड्डा के सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करवाने के लिए छेड़ी गई मुहिम में उन्हें 45 दिन जेल की हवा भी खाई.

यही नहीं विस्थापितों के कब्जों पर जब भी बुल्डोजर चलता था तो गिरफ्तारी देने में नड्डा अग्रणी पंक्ति में नजर आते थे. नड्डा हिमाचल प्रदेश से केंद्र में पहले स्वास्थ्य मंत्री बनें हैं, जबकि बिलासपुर के पहले केबिनेट मंत्री बन कर बिलासपुर का मान बढ़ाने वाले जगत प्रकाश नड्डा की राह में चुनौतियां ही चुनौतियां रहीं लेकिन वह कभी नाउम्मीद नहीं हुए.

Bjp president jp nadda
परिवार के साथ जेपी नड्डा (फाइल फोटो)

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ शुरू की राजनीति

जेपी नड्डा, पढ़ाई, खेल व राजनीति के अलावा अन्य क्षेत्र में भी आगे रहे हैं. पटना में पढ़ाई के दौरान वह सर्वश्रेष्ठ एथलीट रहे थे. कभी अपने विश्वविद्यालय के धावक रहे नड्डा अब राजनीति में भी आगे निकल गए हैं. उन्होंने विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में भी कार्य किया है. एबीवीपी राष्ट्रीय युवा मोर्चा और भाजपा में वह एक नहीं बल्कि कई पदों पर रहकर संगठन की सेवा निष्काम भाव से की. यही कारण है कि उनकी इस निस्वार्थ भाव सेवा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह ने उनपर भरोसा किया है.

Bjp president jp nadda
अभाविप कार्यकाल के दौरान जेपी नड्डा (फाइल फोटो)

जेपी नड्डा के राष्ट्रीय राजनीति में हर वरिष्ठ व कनिष्ठ नेता के साथ मधुर संबंध रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवानी, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की कसौटियों पर जेपी नड्डा खरे उतरे हैं. समाजिक कार्यों में नड्डा की पहचान जग जाहिर है, इसी के साथ वे देवी मां के भी अनन्य भक्त हैं.

1998 से 2003 तक बिलासपुर सदर के विधायक रहे हैं नड्डा

जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 में पटना, बिहार में हुआ था. जेपी नड्डा मूलरूप से हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखते है. इनके पिता नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और बाद में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति बने. जेपी नड्डा की शुरुआती शिक्षा बिहार में हुई और स्नातक पटना विश्वविद्यालय से पूरी की.

एलएलबी की पढ़ाई करते हुए हिमाचल विश्वविद्यालय में एबीवीपी से छात्र संघ के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने. एक तरह से एबीवीपी का पेड़ ही नड्डा ने एचपीयू कैंपस में लगाया. 1993 में पहली बार बिलासपुर से विधायक चुने गए और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए. 1998 से 2003 में भी बिलासपुर सदर से विधायक चुनकर आए. प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री के अलावा, केंद्र में भी मोदी सरकार में मंत्री रहे.

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Last Updated : Nov 11, 2020, 11:09 PM IST
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