बिलासपुरः प्रदेश में बसों के किराये बढ़ाने के फैसले को लेकर कांग्रेस का विरोध जारी है. इसी कड़ी में वीरवार को बिलासपुर में कांग्रेस ने एक विरोध रैली निकाली. रैली में कांग्रेस नेताओं सहित कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कांग्रेस कमेटी ने डीसी बिलासपुर के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा.
कांग्रेस की जिलाध्यक्ष अंजना धीमान ने कहा कि देश में जहां पहले ही डीजल-पेट्रोल की कीमतों ने लोंगो की परेशानियां बढ़ा दी हैं. उस पर से गाड़ियों की इंश्योरेंस की कीमतें दुगनी ही चुकी हैं. नई गाड़ियों का पंजीकरण करवाना पहले से ही महंगा है और अब इस लॉकडाउन और आर्थिक मंदी के दौर में बस किरायों में वृद्धि करना जनविरोधी फैसला है.
प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद जिला बिलासपुर व राज्य की जनता पर अब और आर्थिक बोझ बढ़ चुका है. यह उत्तरी भारत के राज्यों में होने वाली अभी तक की सबसे बड़ी पब्लिक ट्रांसपोर्ट किराए में वृद्धि है. एक तरह तो प्रदेश सरकार ने सरकारी व निजी ऑपरेटर बसों को 100 फीसदी सवारियां बिठाने को मंजूरी दे दी थी तो अब इस तरह से 25 प्रतिशत की वृद्धि करना एक अनुचित फैसला है.
राज्य में इस समय साधारण बसों का किराया मैदानी इलाकों में प्रति किमी 1.12 रुपये और पहाड़ी इलाकों में 1.75 रुपये है. इसी तरह मैदानी इलाकों में डीलक्स बसों का किराया 1.37 रुपये प्रति किमी और पहाड़ी इलाके में 2.17 रुपये प्रति किमी है. वोल्वो और वातानुकूलित बसों के लिएए मैदानों में किराया 2.74 रुपये प्रति किमी और पहाड़ी इलाके में 3.62 रुपये है. वहीं, न्यूनतम बस का किराया पांच रुपये था जो कि अब 7 रुपये कर दिया गया है.
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