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नैना देवी से आनंदपुर साहिब के बीच नहीं शुरू हुआ रोप-वे का काम, 250 करोड़ से होना है निर्माण

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Published : Oct 20, 2020, 6:56 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 7:06 PM IST

श्री नैना देवी और श्री आनंदपुर साहिब पंजाब के बीच रोप-वे निर्माण का कार्य रफतार नहीं पकड़ा पाया है. हालांकि, इस संदर्भ में नैना देवी में अधिकारियों से बात भी की गई लेकिन यह मामला अभी सरकार के पास है जिसके कारण अधिकारी भी इसका जबाव नहीं दे पा रहे है.

Anandpur Sahib to Naina devi ropeway
आंनदपुर साहिब से नयना देवी रोपवे

बिलासपुर: श्री नैना देवी और श्री आनंदपुर साहिब पंजाब के बीच रोप-वे निर्माण का कार्य रफ्तार नहीं पकड़ा पाया है. हिमाचल और पंजाब सरकार के बीच हुए समझौता के बाद यहां पर रोप-वे बनाया जाना है, लेकिन यह कवायद अभी तक आरंभ नहीं हो पाई है. इस संदर्भ में नैना देवी में अधिकारियों से बात भी की गई लेकिन यह मामला अभी सरकार के पास है जिसके कारण अधिकारी भी इसका जबाव नहीं दे पा रहे हैं.

बता दें कि इस रोपवे के निर्माण से प्रमुख शक्तिपीठ श्री नैना देवी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी. इस रोप-वे के तीन जगह टर्मिनल बनेंगे. रोप-वे के टर्मिनल प्रोजेक्ट का लोअर टर्मिनल पंजाब में श्री आनंदपुर साहिब के निकट रामपुर में, इंटरमीडिएट स्टेशन हिमाचल के टोबा में और अपर टर्मिनल प्वाइंट श्री नैना देवी में होगा.

रोपवे बनने से जहां पंजाब और हिमाचल का डायरेक्ट कनेक्शन रहेगा. इसी के साथ पर्यटन की दुष्टि से भी यह क्षेत्र विकसित होगा. हालांकि, अभी तक यह कार्य आरंभ नहीं हुआ है. साल 2012-13 में इस रोप-वे के निर्माण का प्रयास शुरू किया गया था. इसके लिए 14 एकड़ जमीन अधिकृत की गई थी लेकिन किन्हीं परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं हो पाया.

मिली जानकारी के अनुसार पर्यटन विभाग ने दोनों धार्मिक स्थलों के बीच बनने वाले रोप-वे के लिए टेंडर आमंत्रित किए है. वहीं, प्रोजेक्ट का आवंटन होने के बाद इसे तीन साल में बनाने की शर्त रखी जाएगी. इस रोप-वे का निर्माण करने वाली कंपनी के पास यह 40 साल तक लीज पर रहेगा.

नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि 3,850 मीटर लंबे रोप-वे का निर्माण हिमाचल प्रदेश सरकार और पंजाब सरकार मिलकर करेगी. इसके निर्माण में 250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस रोप-वे का निर्माण कॉमन यूरोपियन नॉर्मस के तहत किया जाएगा.

बता दें कि आनंदपुर साहिब और श्री नयना देवी के बीच रोपवे निर्माण की पहल 2012-13 में की गई थी. इसके लिए 14 एकड़ जमीन अधिकृत की गई थी, लेकिन किन्हीं परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं हो पाया. इसके बाद साल 2018 में चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे. सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे का निर्माण करने वाली है.

बिलासपुर: श्री नैना देवी और श्री आनंदपुर साहिब पंजाब के बीच रोप-वे निर्माण का कार्य रफ्तार नहीं पकड़ा पाया है. हिमाचल और पंजाब सरकार के बीच हुए समझौता के बाद यहां पर रोप-वे बनाया जाना है, लेकिन यह कवायद अभी तक आरंभ नहीं हो पाई है. इस संदर्भ में नैना देवी में अधिकारियों से बात भी की गई लेकिन यह मामला अभी सरकार के पास है जिसके कारण अधिकारी भी इसका जबाव नहीं दे पा रहे हैं.

बता दें कि इस रोपवे के निर्माण से प्रमुख शक्तिपीठ श्री नैना देवी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी. इस रोप-वे के तीन जगह टर्मिनल बनेंगे. रोप-वे के टर्मिनल प्रोजेक्ट का लोअर टर्मिनल पंजाब में श्री आनंदपुर साहिब के निकट रामपुर में, इंटरमीडिएट स्टेशन हिमाचल के टोबा में और अपर टर्मिनल प्वाइंट श्री नैना देवी में होगा.

रोपवे बनने से जहां पंजाब और हिमाचल का डायरेक्ट कनेक्शन रहेगा. इसी के साथ पर्यटन की दुष्टि से भी यह क्षेत्र विकसित होगा. हालांकि, अभी तक यह कार्य आरंभ नहीं हुआ है. साल 2012-13 में इस रोप-वे के निर्माण का प्रयास शुरू किया गया था. इसके लिए 14 एकड़ जमीन अधिकृत की गई थी लेकिन किन्हीं परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं हो पाया.

मिली जानकारी के अनुसार पर्यटन विभाग ने दोनों धार्मिक स्थलों के बीच बनने वाले रोप-वे के लिए टेंडर आमंत्रित किए है. वहीं, प्रोजेक्ट का आवंटन होने के बाद इसे तीन साल में बनाने की शर्त रखी जाएगी. इस रोप-वे का निर्माण करने वाली कंपनी के पास यह 40 साल तक लीज पर रहेगा.

नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि 3,850 मीटर लंबे रोप-वे का निर्माण हिमाचल प्रदेश सरकार और पंजाब सरकार मिलकर करेगी. इसके निर्माण में 250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस रोप-वे का निर्माण कॉमन यूरोपियन नॉर्मस के तहत किया जाएगा.

बता दें कि आनंदपुर साहिब और श्री नयना देवी के बीच रोपवे निर्माण की पहल 2012-13 में की गई थी. इसके लिए 14 एकड़ जमीन अधिकृत की गई थी, लेकिन किन्हीं परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं हो पाया. इसके बाद साल 2018 में चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे. सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे का निर्माण करने वाली है.

Last Updated : Oct 20, 2020, 7:06 PM IST
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