बिलासपुरः जिला ने 50 वर्षों में खेलों के क्षेत्र में निरंतर विकास करते हुए नए-नए आयाम स्थापित किए हैं. पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्षों में जिला बिलासपुर के लुहणू के मैदान का कायाकल्प होने से खेल जगत में एक नया अध्याय शुरू हुआ.
वर्तमान में लुहणू मैदान खेल प्रतिभाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बाहें फैलाऐ हुए है. यहां पर विशाल खेल परिसर, सिंथेटिक ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम, जलक्रीड़ा केंद्र, नई आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण इस इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों को अपना कैरियर बनाने में सफलता मिल रही है.
जिला बिलासपुर को खेलों का हब बनाने के लिए करोड़ों रुपये व्यय किए जा रहे हैं, ताकि नई उभरती प्रतिभाओं को खेल के लिए उचित मंच मिल सके. लूहणू मैदान में सिंथेटिक ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम उभरती खेल प्रतिभाओं के लिए कारगर सिद्ध हो रहा है. जिला के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का जौहर दिखाकर जिला, प्रदेश व देश का नाम रोशन कर रहे है.
जिला में खिलाड़ियों की दक्षता को निखारने के लिए यहां पर भारतीय खेल प्राधिकरण साई स्पोर्ट्स हॉस्टल भी है, जहां से कबड्डी एवं बॉक्सिंग खेलों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उभरे है. प्रकृति ने बिलासपुर को खूबसूरती का वरदान दिया है. यहां की सुंदर बंदला धार, गोबिंद सागर झील, कोल डैम, साहसिक खेलों में रूचि रखने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है.
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गोबिंद सागर झील और कोल डैम में विभिन्न प्रकार की जल क्रीडाएं आयोजित करवाई जा रही हैं और विशेषज्ञ प्रशिक्षकों की ओर से जल क्रीडाओं में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.
इसके साथ ही बंदलाधार में पैराग्लाइडिंग स्पॉट विकसित किया जा रहा है. यहां पिछले साल से नेशनल पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा रहा है. गोबिंद सागर झील और कोल डैम में फिश एंग्लिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन करके पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा हैं, ताकि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके.