बिलासपुर: मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की वर्ष 2020-21 की जिला स्तरीय समिति की पहली बैठक उपायुक्त राजेश्वर गोयल की अध्यक्षता में की गई. बैठक में कुल 45 परियोजनाएं समिति के समक्ष रखी गई. इन योजनाओं की कुल लागत 11.97 करोड़ और अनुदान राशि 2.74 करोड़ रुपये प्रस्तावित थी, जिनका अध्ययन व समीक्षा करने के बाद समिति ने 44 परियोजनाओं का अनुमोदन किया.
44 परियोजनाओं में लगभग 11.72 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और इन इकाइयों में करीब 200 लोगों को रोजगार उपलब्ध होना प्रस्तावित है. इन सब इकाइयों को स्थापित होने के बाद प्रदेश सरकार की तरफ से 2.68 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी. महाप्रबंधक प्रोमिला शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अब तक कुल 27 औद्योगिक इकाइयों को 1.04 करोड़ रुपये की अनुदान राशि आवंटित की जा चुकी है और पिछले वर्षों में 44 इकाइयों को 1.59 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई. वित वर्ष 2020-21 में छह और औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं, जिन्हें अनुमोदन के लिए अध्यक्ष के समक्ष रखा गया. अध्यक्ष महोदय ने इन सबको अनुमोदित किया. इन छह इकाइयों को 26.22 लाख रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी.
उपायुक्त ने बताया कि इस वर्ष बिलासपुर जिला को कुल 250 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है और 6.17 करोड़ की राशि आवंटित है. उन्होने बैंको को कहा कि अपने स्तर पर सभी शाखाएं दो-दो ऋण प्रकरण चुनें और मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में आवेदन करवाएं. उन्होंने बताया कि वर्तमान परिपेक्षय में सरकारी नौकरी मिलना सरल नहीं है और आईटीआई डिप्लोमा धारक व अन्य बेरोजगार युवा इस योजना का लाभ उठा के अपना उद्योग व व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, जिससे न केवल वे स्वयं स्वावलम्बी बनेंगे बल्कि अन्य लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करवाएंगे.
डीसी राजेश्वर गोयल का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसके अन्तर्गत सभी प्रकार के औद्योगिक कार्यकलाप सर्विस गतिविधियां और व्यापार से संबंधित, अपना रोजगार चलाने के इच्छुक/योग्य हिमाचली युवा जिनकी आयु 18-45 वर्ष के बीच हो उनको, संबंधित बैंको के माध्यम से 60 लाख रुपये तक का ऋण व वितीय सहायता उपलब्ध करवाया जाएगा. इसमें 40 लाख रुपये तक की प्लांट व मशीनरी पर किए गए निवेश पर विधवाओं को अनुदान प्रदान किया जाएगा .
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