नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज मौद्रिक नीति समिति बैठक के बाद फैसलों का एलान कर दिया है. तीन दिन चली बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपना फैसला सुनाया. बता दें, त्योहारी सीजन से पहले आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर कायम रखा है. यह ग्राहकों के लिए राहत की खबर है. इसका मतलब लोन की ईएमआई में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. ऐसा चौथी बार हो गया है, जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया.
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#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says, "...After a detailed assessment of the evolving macroeconomic and financial developments and the outlook, RBI’s Monetary Policy Committee decided unanimously to keep the Policy Repo Rate unchanged at 6.5%" pic.twitter.com/H15Muuo97q
— ANI (@ANI) October 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 6, 2023#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says, "...After a detailed assessment of the evolving macroeconomic and financial developments and the outlook, RBI’s Monetary Policy Committee decided unanimously to keep the Policy Repo Rate unchanged at 6.5%" pic.twitter.com/H15Muuo97q
— ANI (@ANI) October 6, 2023
चौथी बार मिली राहत
आरबीआई की तीन दिनों की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 अक्टूबर को शुरू हुई थी, जिसका आज शुक्रवार को अंतिम दिन था. बता दें कि आरबीआई ने अप्रैल, जून, अगस्त में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा था. इस बार भी रिजर्व बैंक रेपो दर को 6.5 फीसदी पर ही बरकरार रखा गया है. मौजूदा रेपो रेट 6.50 फीसदी है, एसडीएफ रेट 6.25 फीसदी है, एमएसएफ रेट और बैंक रेट 6.75 फीसदी है, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी और सीपीआर रेट 4.50 फीसदी है, और एसएलआर रेट 18 फीसदी है.
लोग कर रहे थे इंतजार
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक के नतीजे का इंतजार सबसे ज्यादा लोन लेने वालों को है. इसमें रपो रेट को लेकर निर्णय लिया जाता है, जो सीधा असर लोन पर डालता है. अगर इस बार आरबीआई रेपो रेट में इजाफा करता है तो लोन EMI भी बढ़ जाएगी, और पॉलिसी रेट घटने पर ये कम हो जाती है. बता दें कि केंद्रीय बैंक महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो रेट में बदलाव करती है. हालांकि, इस बार क्या फैसला लिया जाता है, थोड़ी ही देर में सामने आएगा.
क्या होता है रेपो रेट
बता दें, रेपो रेट वह दर है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को लोन देता है. इसलिए जब रेपो रेट की दर में वृद्धि होती है, तो सभी बैंकों को केंद्रीय बैंक से महंगे इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलता है. इस वजह से आमजन को मिलने वाला कर्ज भी महंगा हो जाता है और उसके बाद कर्ज की EMI बढ़ जाती है.
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